गोवा में FIDE विश्व कप 2025: भारत की बिसात पर शतरंज का महासंग्राम

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शतरंज की दुनिया एक बार फिर भारत की धरती पर अपने सबसे बड़े सितारों को इकट्ठा करने जा रही है। इस बार मंच सज रहा है खूबसूरत गोवा में, जहां 31 अक्टूबर से 27 नवंबर 2025 तक FIDE विश्व कप 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि शतरंज के दिग्गजों और उभरते हुए भारतीय प्रतिभाओं के बीच एक निर्णायक मुकाबला है, जो विश्व चैंपियन बनने के रास्ते पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

FIDE विश्व कप: क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?

कुछ खेलों के विपरीत, जहां विश्व कप सर्वोच्च शिखर होता है, शतरंज में FIDE विश्व कप विश्व चैंपियनशिप से एक पायदान नीचे आता है। फिर भी, इसकी गरिमा और महत्व किसी से कम नहीं। यह हर दो साल में आयोजित होने वाला एक प्रमुख FIDE इवेंट है, और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस टूर्नामेंट के शीर्ष तीन खिलाड़ी अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करते हैं। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट ही वह अंतिम सीढ़ी है, जहां से विश्व चैंपियनशिप के दावेदार का फैसला होता है। कल्पना कीजिए, 206 खिलाड़ियों के बीच होने वाली यह जंग कितनी भयंकर होगी!

गोवा: आदर्श मेजबान

भारत का तटीय रत्न, गोवा, अपनी शांत सुंदरता और मेहमाननवाजी के लिए प्रसिद्ध है। इस बार, यह Resort Rio, उत्तरी गोवा में शतरंज की गहन रणनीतियों का गवाह बनेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि खिलाड़ी समुद्री हवा और शतरंज की बिसात पर बिछी चुनौतियों के बीच कैसे संतुलन बिठाते हैं।

कैसा होगा खेल का प्रारूप?

यह टूर्नामेंट आठ-राउंड का, सिंगल-एलिमिनेशन नॉकआउट प्रारूप में खेला जाएगा। प्रत्येक मैच में दो क्लासिकल गेम होंगे, जिसमें मानक समय नियंत्रण का पालन किया जाएगा। यदि स्कोर बराबर रहते हैं, तो तीसरे दिन तेज टाइम कंट्रोल वाले टाईब्रेकर खेले जाएंगे। शीर्ष 50 वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों को दूसरे राउंड में सीधा प्रवेश मिलेगा, बाकी खिलाड़ियों को उनकी वरीयता के आधार पर जोड़ा जाएगा। तीसरे और चौथे स्थान के लिए भी मुकाबले होंगे, जो कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफिकेशन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।

भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा: उम्मीदें और चुनौतियाँ

इस विश्व कप में कुल 24 भारतीय खिलाड़ी शिरकत करेंगे, जो भारत में शतरंज के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। शीर्ष तीन वरीयता प्राप्त खिलाड़ी भी भारतीय ही हैं – डी गुकेश (मौजूदा विश्व चैंपियन), अर्जुन एरिगैसी और आर प्रज्ञानानंदा। गुकेश को विश्व चैंपियन होने के नाते शीर्ष वरीयता मिली है।

इन दिग्गजों के अलावा, विदित गुजराती, अरविंद चिदंबरम, निहाल सरीन, पेंटाला हरिकृष्णा और अन्य कई प्रतिभाशाली भारतीय खिलाड़ी भी अपनी किस्मत आज़माएंगे। महिलाओं में, दिव्या देशमुख इकलौती भारतीय महिला खिलाड़ी होंगी। उन्होंने महिला विश्व कप जीतने के बाद वाइल्डकार्ड एंट्री हासिल की है, क्योंकि महिला विश्व चैंपियन जू वेंजुन और विश्व नंबर 1 महिला खिलाड़ी हाउ यिफान ने इसमें भाग न लेने का फैसला किया है। दिव्या का यह कदम न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि महिला शतरंज खिलाड़ियों के लिए भी एक प्रेरणा है।

जीत के दावेदार: कौन उठाएगा ट्रॉफी?

टूर्नामेंट में अर्जुन एरिगैसी, आर प्रज्ञानानंदा, अनीश गिरी, वेस्ले सो, विंसेंट कीमर जैसे खिलाड़ी खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पिछली बार प्रज्ञानानंदा ने मैग्नस कार्लसन से हारने के बाद फाइनल में जगह बनाई थी। इयान नेपोम्नियाचची, वेई यी और नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव जैसे खिलाड़ी भी अंतिम राउंड तक पहुंचने का माद्दा रखते हैं। दो बार के चैंपियन लेवोन आरोनियन भी चौंकाने वाले प्रदर्शन कर सकते हैं।

और फिर हैं हमारे विश्व चैंपियन डी गुकेश। भले ही इस साल उनका प्रदर्शन थोड़ा उतार-चढ़ाव भरा रहा हो, लेकिन घरेलू धरती पर खेलने का उत्साह और विश्व चैंपियन का टैग उन्हें एक अलग ही ऊर्जा देगा। क्या वह इस बार विश्व कप का खिताब भी अपने नाम कर पाएंगे? यह देखना रोमांचक होगा।

बड़े नाम जो नहीं दिखेंगे: एक मौका या नुकसान?

कुछ बड़े नाम इस टूर्नामेंट में अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराएंगे, जिनमें पिछले विश्व कप के विजेता मैग्नस कार्लसन भी शामिल हैं। उनके साथ फैबियानो कारुआना, हिकारू नाकामुरा, अलीरेज़ा फ़िरोज़जा, डिंग लिरेन और जान-क्रिज़स्टोफ डूडा जैसे शीर्ष खिलाड़ी भी इस बार मैदान में नहीं होंगे।

कुछ बड़े नाम शायद गोवा के समुद्री तटों पर आराम फरमाना ज्यादा पसंद करते हैं, या फिर किसी और रणभूमि की तैयारी में व्यस्त हैं। उनकी अनुपस्थिति निश्चित रूप से शीर्ष दावेदारों की सूची को थोड़ा बदल देती है, और यह नए चेहरों के लिए `चैंपियंस लीग` जैसा मौका खोल देती है। यह शतरंज की दुनिया का एक ऐसा अजीबोगरीब पहलू है, जहां कभी-कभी `नहीं` कहने से दूसरों के लिए `हाँ` कहने का रास्ता खुल जाता है!

शतरंज के इतिहास में विश्व कप

पिछले विजेताओं की सूची लंबी है, जिसमें 2023 में मैग्नस कार्लसन, 2021 में जान-क्रिज़स्टोफ डूडा और 2019 में तैमूर रादजाबोव जैसे नाम शामिल हैं। मैग्नस कार्लसन के लिए 2023 का विश्व कप उनकी किटी में एकमात्र गुमनाम खिताब था, जिसे उन्होंने आखिरकार जीत लिया।

भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने 2000 और 2002 में दो बार यह टूर्नामेंट जीता था। हालांकि, उस समय इसका प्रारूप आज के विश्व कप से अलग था और यह विश्व चैंपियनशिप से जुड़ा नहीं था। 2002 में, हैदराबाद ने 24 खिलाड़ियों के साथ इस टूर्नामेंट की मेजबानी की थी, और आनंद ने अपने गृह देश में जीत हासिल की थी।

कार्यक्रम और कहाँ देखें?

टूर्नामेंट का कार्यक्रम इस प्रकार है:

  • पहला राउंड: 1-3 नवंबर
  • दूसरा राउंड: 4-6 नवंबर
  • तीसरा राउंड: 7-9 नवंबर
  • चौथा राउंड: 11-13 नवंबर
  • पांचवां राउंड: 14-16 नवंबर
  • क्वार्टर फाइनल: 17-19 नवंबर
  • सेमीफाइनल: 21-23 नवंबर
  • फाइनल: 24-26 नवंबर

सभी मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे शुरू होंगे।

शतरंज के दीवाने इस पूरे रोमांच को FIDE के YouTube चैनल पर LIVE देख सकते हैं। तो अपनी पॉपकॉर्न तैयार रखें और शतरंज की बिसात पर होने वाले इस महायुद्ध का गवाह बनने के लिए तैयार रहें!

निष्कर्ष

FIDE विश्व कप 2025 गोवा में सिर्फ एक शतरंज टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह युवा प्रतिभाओं को चमकने का मौका देगा और विश्व चैंपियन गुकेश के लिए घरेलू मैदान पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने का मंच प्रदान करेगा। वैश्विक दिग्गजों की अनुपस्थिति बेशक कुछ लोगों को खलेगी, लेकिन यह नए सितारों के लिए अपनी पहचान बनाने का एक सुनहरा अवसर है। गोवा में बिछी इस बिसात पर कौन बाजी मारेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि अगले कुछ हफ्ते शतरंज प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक होने वाले हैं!