फ्रीस्टाइल शतरंज: गुकेश को कारुआना से मिली हार, सेमीफाइनल की राह मुश्किल

खेल समाचार » फ्रीस्टाइल शतरंज: गुकेश को कारुआना से मिली हार, सेमीफाइनल की राह मुश्किल

“`html

डी. गुकेश को फ्रीस्टाइल शतरंज क्वार्टर फाइनल के गेम 1 में हार, टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर


भारतीय शतरंज के युवा सितारे और विश्व चैंपियन डी. गुकेश जर्मनी के वीसेनहॉस में चल रहे फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड टूर के क्वार्टर फाइनल में मुश्किल में पड़ गए हैं। उन्हें पहले गेम में अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारुआना के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। इस हार ने गुकेश को टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर ला दिया है, और अब उन पर अगले गेम में जीत हासिल करने का भारी दबाव है।

गुकेश राउंड रॉबिन चरण में आठवें स्थान पर रहकर किसी तरह नॉकआउट राउंड में पहुंचे थे। नियमों के अनुसार, पहले स्थान पर रहे खिलाड़ी को अपना क्वार्टर फाइनल प्रतिद्वंद्वी चुनने का अधिकार होता है, और फैबियानो कारुआना ने शायद सबसे कठिन माने जाने वाले गुकेश को ही चुना। यह एक तरह से कारुआना का विश्वास या फिर एक रणनीतिक चाल हो सकती है।

फ्रीस्टाइल शतरंज का प्रारूप पारंपरिक शतरंज से हटकर है। यहां खेल की शुरुआत एक यादृच्छिक (random) प्रारंभिक स्थिति से होती है। क्वार्टर फाइनल का पहला गेम `पोजिशन 381` से शुरू हुआ। शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों ने लगभग एक जैसी चालें चलीं, एक-दूसरे के मोहरों को सुरक्षित करने की कोशिश करते हुए। हालांकि, गुकेश ने चौथी चाल में समरूपता तोड़ी।

ओपनिंग के बाद गुकेश के पास सैद्धांतिक रूप से हल्का फायदा था। बीच के खेल में, मुकाबला उतार-चढ़ाव भरा रहा और दोनों ही खिलाड़ियों से कुछ गलतियां हुईं। कारुआना ने गुकेश के राजा के सामने के प्यादों पर दबाव बनाने की कोशिश की। गेम का सबसे दिलचस्प और निर्णायक क्षण 23वीं चाल में आया। जब गुकेश ने रानी को f1 पर चला, तो कंप्यूटर एनालिसिस ने दिखाया कि इस चाल से गुकेश को `बहुत बड़ा` फायदा मिल गया था। यह एक ऐसी स्थिति थी जो शायद मानव दिमाग के लिए तुरंत पकड़ना आसान नहीं था, लेकिन इंजन ने जीत का रास्ता दिखाया।

जीत हासिल करने का सटीक रास्ता यह था कि गुकेश अपनी रानी से कारुआना के f4 पर बैठे घोड़े को ले लेते। लेकिन विश्व चैंपियन ने उस मौके को भुनाने के बजाय, अपने राजा के बचाव को और मजबूत करने के लिए प्यादे को आगे बढ़ाया। कारुआना ने इस मौके का फायदा उठाया और चतुराई से रानी बदलने की पेशकश की। यह चाल न सिर्फ गुकेश को जीत की स्पष्ट राह से भटकाने वाली थी, बल्कि उन्हें एक कमजोर स्थिति में भी धकेल रही थी।

एंडगेम में पहुंचकर भी गुकेश ने एक प्यादे को रानी में पदोन्नत (promoted) करने में कामयाबी हासिल की, लेकिन तब तक उनकी स्थिति काफी नाजुक हो चुकी थी। कारुआना ने एंडगेम में बेहद सटीक और ठोस चालें चलीं। एक ऐसा गेम जो शायद बराबरी पर समाप्त हो सकता था, कारुआना ने अपनी सटीकता से उसे जीत में बदल दिया।

आखिरी क्षणों में, गुकेश समय की कमी (time trouble) से जूझ रहे थे। जल्दबाजी में उनसे कुछ और गलतियां हुईं। कारुआना ने अपने रुक और पदोन्नति के बेहद करीब पहुंचे प्यादे की मदद से गुकेश के राजा पर निर्णायक दबाव बनाया। स्थिति एकदम स्पष्ट हार वाली हो गई थी, और गुकेश ने अंततः हार मान ली। इस तरह कारुआना ने दो गेम के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।

सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अब गुकेश को दूसरे गेम में, जो काले मोहरों से खेला जाएगा, हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। अगर वह गेम जीत जाते हैं, तो मुकाबला टाई-ब्रेकर तक जाएगा। लेकिन अगर दूसरा गेम ड्रॉ होता है या गुकेश हार जाते हैं, तो वे टूर्नामेंट से बाहर हो जाएंगे और फिर 5वें से 8वें स्थान के लिए मुकाबले खेलेंगे।

अन्य क्वार्टर फाइनल मुकाबलों के नतीजे भी पहले गेम के बाद आ गए हैं। मैग्नस कार्लसन ने नोदिरबेक अब्दुसात्तोरोव को 23 चालों में ही हरा दिया। विंसेंट कीमर ने राउंड रॉबिन लीडर अलीरेज़ा फ़िरोज़ा को चौंकाते हुए मात दी। जाकोविर सिंदारोव और हिकारू नाकामुरा के बीच गेम ड्रॉ रहा। गेम 2 अब्दुसात्तोरोव और फ़िरोज़ा के लिए भी अब करो या मरो का होगा, जैसे गुकेश के लिए है।

गुकेश के लिए वापसी की राह कठिन है, खासकर फैबियानो कारुआना जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ और काले मोहरों से खेलते हुए। लेकिन शतरंज के खेल में अप्रत्याशित परिणाम आम बात है। कल का गेम निश्चित रूप से बेहद रोमांचक होगा और यह तय करेगा कि भारतीय ग्रैंडमास्टर इस टूर्नामेंट में आगे बढ़ पाते हैं या नहीं।

“`