फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड टूर: मुश्किलों के बावजूद गुकेश नॉकआउट में, कार्लसन से हुआ सामना

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फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड टूर: डी गुकेश नॉकआउट चरण में, कार्लसन से हारे

जर्मनी के वीसेनहॉस में चल रहे प्रतिष्ठित फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड टूर इवेंट में युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश के लिए राउंड रॉबिन चरण किसी रोलरकोस्टर राइड से कम नहीं रहा। तमाम उतार-चढ़ाव के बीच, और हैरानी की बात यह है कि इस चरण में एक भी गेम जीते बिना, गुकेश 10 खिलाड़ियों के मजबूत क्षेत्र में शीर्ष आठ में जगह बनाने में कामयाब रहे और प्रतियोगिता के बेहद महत्वपूर्ण नॉकआउट चरण के लिए क्वालीफाई कर लिया।

राउंड रॉबिन के दूसरे दिन की कहानी पहले दिन जैसी ही रही – एक हार और बाकी ड्रॉ। लेकिन इस दिन की हार कहीं अधिक चर्चा का विषय बनी, क्योंकि यह उन्हें किसी और से नहीं, बल्कि शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन के खिलाफ मिली। दिसंबर में विश्व चैंपियन का खिताब जीतने के बाद गुकेश और कार्लसन के बीच यह पहली आधिकारिक भिड़ंत थी, और जाहिर तौर पर सभी की निगाहें इस पर टिकी थीं।

कार्लसन के खिलाफ आखिरी राउंड का गेम शुरुआत और मिडिल गेम में बेहद संतुलित था। दोनों खिलाड़ियों ने कुछ शानदार चालें चलीं, जिससे स्थिति बराबरी पर बनी रही। लेकिन `एंडगेम के बादशाह` कहे जाने वाले कार्लसन ने एक बार फिर अपनी विशेषज्ञता साबित की। समय के दबाव में, गुकेश ने नाइट की एक ऐसी चाल चली जो गेम का रुख बदल गई। यह एक ऐसी `छोटी` गलती थी जिसका खामियाजा बड़ा भुगतना पड़ा। कार्लसन ने इसका पूरा फायदा उठाया और गुकेश के मोहरों को पूरी तरह से बांध दिया। युवा विश्व चैंपियन के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं बचा और अंततः उन्हें हार स्वीकार करनी पड़ी। शतरंज में एक छोटी सी चूक कब भारी पड़ जाए, इसका यह एक सटीक उदाहरण था।

हालांकि, गुकेश का भाग्य हर बार उनका साथ नहीं छोड़ा। उन्हें फैबियानो कारुआना के खिलाफ छठे राउंड के मैच में हार से बचने में किस्मत का साथ मिला। उस गेम में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर कारुआना जीत की स्पष्ट स्थिति में थे, एंडगेम में उनका नियंत्रण था और जीत बस कुछ ही चालों दूर थी। लेकिन शतरंज की खूबसूरती और क्रूरता दोनों यह है कि एक पल में बाजी पलट सकती है। कारुआना की एक गलती ने गुकेश को चेक की एक ऐसी श्रृंखला चलाने का मौका दिया, जिससे वे चमत्कारिक रूप से ड्रॉ कराने में सफल रहे। कह सकते हैं कि उस दिन शायद शतरंज के देवता गुकेश पर मेहरबान थे।

दिन के अपने बाकी दो खेलों में गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसेव और विंसेंट केमर के साथ बिना किसी बड़ी हलचल के ड्रॉ खेला। गौरतलब है कि विंसेंट केमर पिछले साल डिंग लिरेन के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप मैच में गुकेश के सेकंड्स में से एक थे।

राउंड रॉबिन चरण में बिना कोई जीत दर्ज किए, कुल 3.5 अंकों के साथ गुकेश आठवें स्थान पर रहे और नॉकआउट चरण के लिए क्वालीफाई करने वाले अंतिम खिलाड़ी बने। यह दर्शाता है कि टूर्नामेंट का प्रारूप कैसा है और इस स्तर पर प्रतिस्पर्धा कितनी कड़ी है, जहां हर आधा अंक मायने रखता है।

क्वार्टर फाइनल की जोड़ियाँ

अब बारी नॉकआउट चरण की है, जहां रोमांच अपने चरम पर होगा। राउंड रॉबिन के नतीजों के आधार पर खिलाड़ियों ने अपने विरोधी चुने। राउंड रॉबिन विजेता अलीरेजा फिरोजा ने विंसेंट केमर को चुना। जवोखिर सिंदारोव ने हिकारू नाकामुरा को चुना। फैबियानो कारुआना ने डी गुकेश को चुना, जिसका मतलब है कि गुकेश को एक बार फिर उसी खिलाड़ी का सामना करना पड़ेगा जिससे वे पिछले दौर में हार से बाल-बाल बचे थे। और आखिरी क्वार्टर फाइनल में मैग्नस कार्लसन का सामना नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव से होगा।

क्वार्टर फाइनल में कारुआना से दोबारा भिड़ंत गुकेश के लिए एक और बड़ी चुनौती होगी। राउंड रॉबिन की मुश्किलों को पीछे छोड़कर, युवा भारतीय प्रतिभा अब सीधे एलिमिनेशन वाले इस चरण में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है। देखना होगा कि क्या वे राउंड रॉबिन में मिली चुनौतियों से सीख लेकर नॉकआउट में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।

राउंड रॉबिन के बाद की अंतिम स्थिति:

अलीरेजा फिरोजा – 6.5 अंक
जवोखिर सिंदारोव – 6.5 अंक
फैबियानो कारुआना – 6 अंक
मैग्नस कार्लसन – 5.5 अंक
हिकारू नाकामुरा – 5.5 अंक
विंसेंट केमर – 4 अंक
नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव – 3.5 अंक
डोम्माराजू गुकेश – 3.5 अंक
व्लादिमीर फेडोसेव – 2.5 अंक
लेवोन एरोनियन – 1.5 अंक

गुकेश के लिए टूर्नामेंट का सफर अभी जारी है। राउंड रॉबिन का प्रदर्शन भले ही उम्मीद के मुताबिक न रहा हो, लेकिन नॉकआउट में पहुंचना अपने आप में एक उपलब्धि है। अब निगाहें क्वार्टर फाइनल पर टिकी हैं, जहां उनकी अगली परीक्षा होगी।

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