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Former Pak PM Imran apologizes:पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मांगी माफी, जानें क्या था मामला

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Former Pak PM Imran apologizes

Highlights

  • इमरान खान पर है महिला न्यायाधीश को धमकी देने का आरोप
  • रैली के दौरान इमरान ने दी थी कथित तौर पर जज को धमकी
  • पूर्व पीएम के बयान के बाद दर्ज हुआ था मुकदमा

Former Pak PM Imran apologizes:पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हेकड़ी आखिरकार निकल ही गई। उन्हें एक मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी है। वह शुक्रवार को पाकिस्तान की एक अदालत के सामने पेश हुए और व्यक्तिगत तौर पर माफी मांगी।

दरअसल पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक रैली में पाक की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को धमकी दे दी थी। इस मामले में उनके ऊपर केस चल रहा था। वह शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने के लिए यहां अदालत के समक्ष पेश हुए। खान ने एक सार्वजनिक रैली के दौरान महिला न्यायाधीश को कथित तौर पर धमकी दी थी। इस्लामाबाद में गत 20 अगस्त को एक रैली के दौरान, खान ने अपने सहयोगी शहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी थी। गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने न्यायाधीश चौधरी पर भी निशाना साधा था, जिन्होंने कैपिटल टेरिटरी पुलिस के अनुरोध पर गिल की दो दिन की हिरासत को मंजूरी दी थी।

न्यायाधीश को क्या कहा था


इमरान खान ने कहा था कि वह (न्यायाधीश को) ‘‘तैयार रहें क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’ भाषण के कुछ घंटों बाद, 69 वर्षीय खान पर उनकी रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकी देने के लिए आतंकवाद-निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उनकी टिप्पणी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आइएचसी) को भी उनके खिलाफ अवमानना का मामला शुरू करने के लिए प्रेरित किया। खान ने कहा था कि उनका इरादा न्यायाधीश को धमकी देना नहीं था और वह उनसे (चौधरी से) व्यक्तिगत रूप से मिलने और माफी मांगने के लिए तैयार हैं। हालांकि जब खान और उनके वकील संबंधित न्यायाधीश की अदालत में पेश हुए तो वहां मौजूद मातहत कर्मचारियों – कोर्ट रीडर चौधरी यासिर अयाज और आशुलिपिक फारूक ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) प्रमुख को सूचित किया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट छुट्टी पर हैं।

जज के नहीं मिलने पर दिया माफी का संदेश

इसके बाद खान ने न्यायाधीश के लिए अयाज के पास एक संदेश छोड़ा। पीटीआइ द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में उन्हें कोर्ट रीडर से यह कहते सुना जा सकता है, ‘‘मैं न्यायिक मजिस्ट्रेट जेबा चौधरी से माफी मांगने आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप मैडम जेबा चौधरी को अवगत करा दें कि इमरान खान आए थे और अगर उनके (खान के) शब्दों से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो वह माफी मांगना चाहते हैं।’’ इसके बाद पीटीआइ प्रमुख अदालत कक्ष से चले गए।

तीन अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अवमानना मामले में खान की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को निर्धारित की है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या अदालत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चौधरी से माफी मांगने के लिए उनके दौरे से संतुष्ट होंगी या नहीं। इससे पहले दिन में एक स्थानीय जिला और सत्र अदालत ने 20 अगस्त को इस्लामाबाद में रैली आयोजित करके धारा 144 (चार व्यक्तियों से अधिक के जमावाड़े पर प्रतिबंध) का उल्लंघन करने के आरोप में खान के खिलाफ दर्ज मामले में उनकी अंतरिम जमानत की पुष्टि की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने मामले की सुनवाई की और खान के वकील बाबर अवान की दलील के बाद उन्हें 5,000 रुपये के मुचलके पर स्थायी जमानत दे दी।

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भारत के इस दोस्त देश को समुद्र में मिला गैस का बड़ा भंडार, इंडिया को भी होगा फायदा!

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भारत के इस दोस्त देश को समुद्र में मिला गैस का बड़ा भंडार, इंडिया को भी होगा फायदा!

Israel News: भारत के दोस्त इजरायल के हाथ ऐसा खजाना लग गया है जिससे उसकी किस्मत बदल सकती है। भारत को भी इसका फायदा मिल सकता है। दरअसल, इजरायल के ऊर्जा और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मंत्रालय, ग्रीक-ब्रिटिश हाइड्रोकार्बन एक्‍सप्‍लोरेशन और उत्पादन कंपनी एनर्जियन ने ऐलान किया है कि देश में नेचुरल गैस का बड़ा भंडार मिला है। इस आधिकारिक ऐलान में इजरायल की किस्मत बदलती दिख रही है। जिस क्षेत्र पर प्राकृतिक गैस क्षेत्र की खोज हुई उसे कैटलन नाम दिया गया है, जिसे हिब्रू में ‘ओर्का’ कहा जाता है। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबि​क यह साल 2015 के बाद से इजरायल द्वारा मान्यता प्राप्त पहली प्राकृतिक गैस खोज है।

यह खोज क्यों है खास?

देश के ऊर्जा मंत्री इजरायल काट्ज ने प्राकृतिक गैस क्षेत्र की खोज के लिए एक औपचारिक पहचान प्रमाण पत्र एनर्जेन के सीईओ मैथ्यू रिगास को सौंपा है। एक अनुमान के नया क्षेत्र करीब 68 बिलियन क्यूबिक मीटर है और तकनीकी तौर पर इसे मई 2022 में तलाशा गया था। इजरायली तट के अन्य क्षेत्रों की तुलना में कैटलन को छोटा माना जाता है। फिर भी इस खोज को काफी अहम करार दिया जा रहा है। 

लंबे समय से की जा रही थी खोज

समुद्र के अंदर कैटलन गैस फील्ड इजरायल के आर्थिक जल क्षेत्र के तहत आता है। इससे अलग एफ्रोडाइट क्षेत्र ज्यादातर साइप्रस के प्रादेशिक जल में है। एनर्जेन ने साल 2016 में भूमध्य सागर में इजरायल के आर्थिक जल में स्थित कारिश और तानिन प्राकृतिक गैस क्षेत्रों का अधिग्रहण किया था। सरकार ने घरेलू ऊर्जा बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की मांग की थी। करीश क्षेत्र से उत्पादन अक्टूबर 2022 में शुरू हुआ।

2004 में पहली बार मिला था नेचुरल गैस का भंडार

साल 2004 में इजरायल के तट पर पहली बार प्राकृतिक गैस का भंडार मिला था। तब से देश के राजस्व में करीब 20 अरब इजरायली शेकेल यानी 5.35 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। साल 2022 में, इजरायल को अपने अपतटीय गैस क्षेत्रों का दोहन करने वाली कंपनियों से रॉयल्टी में 1.7 अरब शेकेल यानी 45.5 लाख डॉलर हासिल हुए थे। 

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दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों को मिला सबसे पुराना कब्रिस्‍तान, खुलेंगे इंसानी सभ्‍यता के कई बड़े राज!

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जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में जीवाश्म विज्ञानियों को दुनिया के सबसे पुराने कब्रिस्‍तान का पता लगा है। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंसानों को दफन करने की वह सबसे पुरानी ज्ञात जगह है जहां पर ऐसे इंसानों को दफनाया जाता था जिनका दिमाग छोटा होता था। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये ऐसे मनुष्‍य थे जिन्हें पहले जटिल व्यवहार के लिए अक्षम माना जाता था। मशहूर जीवाश्म विज्ञानी ली बर्जर के नेतृत्व में इस खोज को पूरा किया गया है। रिसर्चर्स ने सोमवार को कहा कि उन्हें जोहान्‍सबर्ग में यूनेस्‍को की वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट के पास जो कुछ भी मिला है, उसने उन्‍हें हैरान कर दिया है। यह कब्रिस्‍तान होमो नलेदी का है जो एक पेड़ पर चढ़ने वाला और पाषाण युग का मानव था।

100 फीट नीचे दबा कब्रिस्‍तान
कब्रिस्‍तान उस गुफा के अंदर मिला है जहां पर पत्‍थर युग में इंसान रहते थे। यह करीब 30 मीटर या 100 फीट जमीन में दबा हुआ। अभी तक इस रिसर्च को पब्लिश नहीं किया गया है और इसे आने वाले दिनों में ईलाइफ में रिलीज किया जाएगा। वैज्ञानिकों ने लिखा है, ‘ये कब्रिस्‍तान बताने के लिए काफी है कि कम से कम एक लाख साल पहले भी मानवजाति का हस्‍तक्षेप था और रिकॉर्ड में दर्ज किए गए सबसे पुराने सबूत हैं। वैज्ञानिकों ने जो निष्कर्ष निकाला है वह मानव विकास की वर्तमान समझ को चुनौती देता है। आमतौर पर यह माना जाता है कि जटिल गतिविधियों जैसे कि मृतकों को दफनाने के लिए बड़े दिमाग वाले मनुष्‍यों की जरूरत होती थी।
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मीडिल ईस्‍ट और अफ्रीका में भी मिला
इससे पहले मीडिल ईस्‍ट और अफ्रीका में मानवजाति का सबसे पुराना कब्रिस्‍तान मिला था और वह भी करीब एक लाख साल पुराना था। हालांकि वैज्ञानिक बर्जर के नेतृत्व वाली टीम की रिसर्च अक्‍सर विवादों में रही है। उन्‍होंने हाल ही में अपनी एक खोज को कम से कम 200,000 ईसा पूर्व का करार दिया था। अमेरिका के रहने वाले बर्जर ने बताया, ‘होमो नलेदी हमें बताता है कि हम उतने खास नहीं हैं।’ होमो नलेदी इंसानी सभ्‍यता का वह रूप था जिसे बंदरों और आधुनिक मानवों के बीच की कड़ी माना जाता है। कहा जाता है कि इनका दिमाग संतरे के आकार जितना ही होता था। इनकी लंबाई भी करीब 1.5 मीटर यानी 5 फीट ही होती थी।

कैसे होते थे होमो नलेदी
हाथ और पैर की मुड़ी हुई उंगलियों के अलावा इनके हाथ उपकरण चलाने में सक्षम थे और ये भी आज के इंसानों की तरह पैरों का प्रयोग चलने के लिए करते थे। साल 2013 में बर्जर ने ही होमो नलेदी की खोज की थी। इस खोज के साथ इस धारणा को खत्म करने में मदद मिली कि इंसानों का विकास एक सीधी रेखा पर हुआ था। प्रजाति का नाम ‘राइजिंग स्टार’ गुफा पर रखा गया है, जहां पहली बार इंसानों की हड्डियां साल 2013 में मिली थीं। स्मिथसोनियन ह्यूमन ओरिजिन्स प्रोग्राम के निदेशक रिक पोट्स ने कहा, ‘अभी भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है।’ हालांकि वह इस रिसर्च का हिस्‍सा नहीं थे।



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अंतरिक्ष के पांच अद्भुत और विशालकाय गड्ढे, जो आपको हमारे सौर मंडल की भव्यता से प्यार करने पर मजबूर कर देंगे

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Top 5 Craters of Solar System : विशालकाय गड्ढे या क्रेटर, किसी ठोस सतह से किसी बड़ी और कठोर वस्तु के टकराने से बनने वाली संरचना। धरती पर तो ये गड्ढे समय के साथ भर जाते हैं लेकिन अंतरिक्ष में ये हमेशा के लिए संरक्षित हो जाते हैं।



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