फीफा विश्व कप 2026: इटली के लिए सीधा क्वालीफाई करना लगभग नामुमकिन? नॉर्वे की विशाल जीत और हालैंड का जलवा!

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फुटबॉल की दुनिया में, जहाँ हर गोल मायने रखता है, कभी-कभी एक ऐसा मैच आता है जो समीकरणों को पूरी तरह से बदल देता है। ऐसा ही कुछ पिछले दिनों देखने को मिला, जब नॉर्वे ने मोल्दोवा को 11-1 के विशाल अंतर से रौंद दिया। यह सिर्फ एक बड़ी जीत नहीं थी, बल्कि यह इतालवी फुटबॉल टीम, `अज़ूरी` (इटली को अक्सर उनके नीले जर्सी के कारण इस नाम से पुकारा जाता है), के लिए फीफा विश्व कप 2026 में सीधे क्वालीफाई करने की उम्मीदों पर भारी पड़ गई है

नॉर्वे का जलवा: जब गोलों की हुई बारिश

ओस्लो में खेले गए इस मुकाबले में नॉर्वे की टीम ने अपनी पूरी ताकत दिखा दी। मैनचेस्टर सिटी के स्टार स्ट्राइकर एर्लिंग हालैंड ने अकेले ही पाँच गोल दागे, जिसे फुटबॉल की भाषा में `मैनिटा` कहते हैं (स्पेनिश में `छोटा हाथ`, जिसका मतलब पाँच गोल है)। सोचिए, एक खिलाड़ी ने अकेले ही आधे दर्जन के करीब गोल कर दिए! उनके अलावा, आस्गार्ड ने भी चार गोल करके `पोकर` (चार गोल) पूरा किया, और फिर मायर व ओडेगार्ड ने भी गोलों में योगदान दिया।

यह गोल वर्षा सिर्फ जीत के लिए नहीं थी, बल्कि यह ग्रुप में गोल अंतर को मजबूत करने के लिए एक सटीक रणनीति थी। फुटबॉल क्वालीफिकेशन में, जब अंक बराबर होते हैं, तो गोल अंतर ही निर्णायक साबित होता है। नॉर्वे ने इस मैच से यह सुनिश्चित कर लिया कि वह इस मामले में किसी से पीछे नहीं रहेगा, और यह इटली के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था।

इटली की दुविधा: सीधा रास्ता या कांटेदार प्लेऑफ?

अब यहीं से कहानी में असली मोड़ आता है, खासकर इटली के प्रशंसकों के लिए। चार बार की विश्व कप विजेता और मौजूदा यूरो चैंपियन इटली के लिए सीधे क्वालीफाई करना अब `कम संभावना` वाला रास्ता लग रहा है। ऐसा लगता है कि नॉर्वे ने मोल्दोवा पर गोल दागकर सिर्फ विपक्षी टीम को नहीं हराया, बल्कि इटली के सीधे क्वालीफाई करने के सपनों पर भी एक तरह से पानी फेर दिया है।

वर्तमान में, नॉर्वे का गोल अंतर +21 है, जबकि इटली का, एक मैच कम खेलने के बावजूद, केवल +5 है। यह अंतर इतना बड़ा है कि इसे कुछ ही मैचों में पाटना लगभग असंभव सा लगता है। इटली को अब न केवल अपने सभी बचे हुए मैच जीतने होंगे, बल्कि उन्हें बड़े अंतर से जीतने होंगे, और साथ ही यह भी उम्मीद करनी होगी कि नॉर्वे अपने आने वाले मैचों में बुरी तरह हार जाए। फुटबॉल में `चमत्कार` शब्द का उपयोग अक्सर किया जाता है, लेकिन यह एक ऐसा `चमत्कार` होगा जिसके लिए कई ग्रहों का एक साथ संरेखित होना जरूरी है।

ग्रुप की वर्तमान स्थिति पर एक नजर

आइए एक नजर डालते हैं ग्रुप की वर्तमान स्थिति पर, जहाँ हर अंक और हर गोल मायने रखता है:

  • नॉर्वे: 15 अंक (5 मैच), गोल अंतर +21
  • इटली: 9 अंक (4 मैच), गोल अंतर +5
  • इजराइल: 9 अंक (5 मैच), गोल अंतर +4

“जब आपकी किस्मत किसी और टीम के पैरों में हो, तो फुटबॉल का खेल और भी जटिल हो जाता है। इटली के लिए यह सिर्फ मैच जीतने की बात नहीं है, बल्कि अब प्रार्थना करने की भी है।”

आखिरी उम्मीद: क्या इजराइल कर पाएगा चमत्कार?

तो क्या इटली के लिए सभी रास्ते बंद हो गए हैं? नहीं, फुटबॉल में चमत्कार होते रहते हैं। इटली के लिए एकमात्र उम्मीद अब इस बात पर टिकी है कि इजराइल, किसी तरह, नॉर्वे को रोक दे। अगर इजराइल ऐसा कर पाता है – यानी नॉर्वे को हराता है या कम से कम ड्रॉ पर रोकता है – तो इटली के लिए सीधा क्वालीफाई करने का एक बहुत ही पतला सा रास्ता खुल सकता है।

लेकिन यह `अगर` फुटबॉल के सबसे बड़े `अगर` में से एक है। इजराइल का प्रदर्शन खुद भी कुछ खास नहीं रहा है, और नॉर्वे अपनी पूरी ताकत से मैदान में उतरेगा, खासकर हालैंड की अगुवाई में। `अज़ूरी` के प्रशंसक अब सिर्फ अपनी टीम के प्रदर्शन पर ही नहीं, बल्कि इजराइल के प्रदर्शन पर भी पैनी नज़र रखेंगे। फुटबॉल, कभी-कभी अजीबोगरीब तरीकों से हमें एक-दूसरे से जोड़ता है।

प्लेऑफ की अग्नि परीक्षा: एक डरावना लेकिन संभावित रास्ता

अगर इजराइल का अपेक्षित `चमत्कार` नहीं होता है, तो इटली के लिए लगभग निश्चित रूप से प्लेऑफ का रास्ता ही बचेगा। प्लेऑफ एक खतरनाक और तनावपूर्ण स्थिति होती है, जहाँ एक हार विश्व कप के सपने को तोड़ सकती है। पिछली बार भी इटली प्लेऑफ में ही बाहर हो गई थी, जो उनके प्रशंसकों के लिए एक कड़वी याद है।

विश्व कप जैसे बड़े मंच पर सीधे जगह बनाना एक बात है, और फिर `सेकेंड चांस` के लिए जुझना दूसरी। यह इटली जैसी दिग्गज टीम के लिए शायद उतना सम्मानजनक रास्ता न हो, लेकिन फुटबॉल में जीत ही सब कुछ है। मौजूदा यूरो चैंपियन होने के बावजूद, फिर से विश्व कप में जगह बनाने के लिए प्लेऑफ में संघर्ष करना – यह फुटबॉल की निर्ममता और अप्रत्याशितता का एक बड़ा उदाहरण है।

निष्कर्ष: अनिश्चितताओं का खेल

अगले कुछ हफ्ते इतालवी फुटबॉल के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं। प्रशंसक और विशेषज्ञ दोनों ही अब इजराइल-नॉर्वे मैच के परिणाम पर करीब से नजर रखेंगे, और साथ ही इटली के प्रदर्शन को भी उत्सुकता से देखेंगे। क्या `अज़ूरी` सीधे विश्व कप में जगह बना पाएगी, या उन्हें प्लेऑफ की अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा? यह तो समय ही बताएगा। लेकिन एक बात साफ है: फुटबॉल में कभी भी कुछ भी निश्चित नहीं होता, और शायद यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती और रोमांच है।