एशिया कप फाइनल से पहले अर्शदीप सिंह पर अश्विन का ‘ट्वेंटी-ट्वेंटी’ बयान: क्या उन्हें नजरअंदाज करना भारत के लिए बड़ी भूल होगी?

खेल समाचार » एशिया कप फाइनल से पहले अर्शदीप सिंह पर अश्विन का ‘ट्वेंटी-ट्वेंटी’ बयान: क्या उन्हें नजरअंदाज करना भारत के लिए बड़ी भूल होगी?

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप का बहुप्रतीक्षित फाइनल बस कुछ ही कदम दूर है। जैसे-जैसे यह महामुकाबला नजदीक आ रहा है, टीम चयन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। लेकिन इन सब के बीच, अनुभवी भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने पूरे क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। अश्विन ने तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की जमकर तारीफ करते हुए, टीम प्रबंधन को चेतावनी दी है कि उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर करना एक बड़ी गलती हो सकती है।

सुपर ओवर के नायक: दबाव में अर्शदीप का कमाल

हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ हुए रोमांचक मुकाबले में, जहां भारत ने सुपर ओवर में शानदार जीत दर्ज की, अर्शदीप सिंह ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। उन्होंने न केवल रेगुलेशन प्ले में 19वां ओवर बेहतरीन फेंका, बल्कि सुपर ओवर में भी अपनी धारदार गेंदबाजी से श्रीलंका को महज 2 रनों पर रोककर भारत को जीत दिलाई। यह प्रदर्शन किसी भी दबाव भरी स्थिति में एक गेंदबाज के धैर्य और कौशल का प्रमाण था। उनकी सटीक यॉर्कर और वैरिएशन ने दिखाया कि क्यों वे टी20 फॉर्मेट में इतने प्रभावी हैं।

अश्विन का `ट्वेंटी-ट्वेंटी` मंत्र: अर्शदीप ही क्यों हैं `प्रीमियर गेंदबाज`?

रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल `ऐश की बात` पर अर्शदीप के प्रदर्शन के बाद एक विस्फोटक बयान दिया। उन्होंने कहा,

“एशिया कप शुरू होने से पहले भी मैं कह रहा था कि अर्शदीप सिंह प्लेइंग इलेवन में अनिवार्य हैं। उन्होंने एक बार फिर मेरी बात सही साबित की। मैच को जिस शानदार तरीके से उन्होंने खत्म किया, जिस तरह से उन्होंने सुपर ओवर फेंका, उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह क्यों जरूरी हैं।”

अश्विन ने यहां तक कहा कि जब जसप्रीत बुमराह टीम में होते हैं, तो अर्शदीप को उतनी चर्चा नहीं मिलती, लेकिन “मैं अपनी गर्दन दांव पर लगाकर कहूंगा कि वह इस फॉर्मेट में भारत के प्रमुख गेंदबाज हैं।” उनके 101 टी20 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी इस दावे को मजबूती देते हैं, जिससे वह भारत के लिए इस फॉर्मेट में तिहरे आंकड़े तक पहुंचने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। यह आंकड़े सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि लगातार दबाव में विकेट लेने की उनकी क्षमता को दर्शाते हैं।

अनायास नायक और कप्तान का विश्वास

यह बयान सिर्फ अर्शदीप की तारीफ नहीं है, बल्कि टीम चयन पर एक सीधा संदेश भी है। अक्सर बड़े नामों के आगे युवा प्रतिभाएं दब जाती हैं, लेकिन अर्शदीप ने लगातार अपने प्रदर्शन से खुद को साबित किया है। सूर्यकुमार यादव ने भी श्रीलंका के खिलाफ सुपर ओवर में अर्शदीप पर भरोसा जताया था, यह दर्शाता है कि कप्तान को भी उनकी दबाव झेलने की क्षमता पर पूरा विश्वास है।

“मुझे सुपर ओवर में अर्शदीप को गेंद देने में कोई झिझक नहीं हुई,” सूर्यकुमार ने कहा था, “उनके पास दबाव की स्थिति में प्रदर्शन करने का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है।”

यह कप्तान का अपने गेंदबाज पर अटूट विश्वास है, जो बड़े मैचों में अक्सर निर्णायक साबित होता है।

चयनकर्ताओं के लिए `याद दिलाना`: क्या कोई संदेह बाकी है?

अब सवाल यह उठता है कि क्या टीम प्रबंधन, खासकर जब एशिया कप फाइनल जैसा बड़ा मंच सामने हो, एक ऐसे गेंदबाज को बाहर बैठाने का जोखिम उठा सकता है जिसने लगातार अपनी उपयोगिता सिद्ध की हो? अश्विन का स्पष्ट संदेश है कि अर्शदीप नंबर 8 पर प्लेइंग इलेवन में होने चाहिए और उन्हें बाहर नहीं किया जा सकता। शायद चयनकर्ताओं को ऐसे `विशेषज्ञ` की सलाह की जरूरत ही न होती, अगर वे खुद ही इन आंकड़ों और मैदान पर किए गए प्रदर्शन को गौर से देखते। खैर, उनकी यह बात उन सभी चयनकर्ताओं के लिए एक `याद दिलाना` हो सकती है जो शायद किसी और नाम पर विचार कर रहे हों, और उम्मीद है कि इस `ट्वेंटी-ट्वेंटी` मंत्र पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा।

एशिया कप के खिताबी मुकाबले में भारत का सामना चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा। ऐसे में अर्शदीप सिंह जैसे दबाव झेलने वाले गेंदबाज की मौजूदगी टीम के लिए बेहद अहम साबित हो सकती है। उनकी यॉर्कर और धीमी गेंदें, खासकर डेथ ओवरों में, विपक्षी बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या टीम प्रबंधन अश्विन की इस `सलाह` को गंभीरता से लेता है और अर्शदीप को भारत की जीत की रणनीति का अहम हिस्सा बनाता है। भारत की खिताबी जीत की उम्मीदें काफी हद तक ऐसे `अनायास नायकों` के प्रदर्शन पर निर्भर करेंगी।