बास्केटबॉल जगत में इन दिनों एक नई हलचल मची हुई है। एनबीए (NBA) के शीर्ष क्लबों में से एक, लॉस एंजेलिस क्लिपर्स (Los Angeles Clippers) और उनके स्टार खिलाड़ी कावई लियोनार्ड (Kawhi Leonard) पर गंभीर आरोप लगे हैं। मामला सैलरी कैप (Salary Cap) के नियमों को कथित तौर पर दरकिनार करने का है – एक ऐसा आरोप जो अगर सच साबित हुआ, तो टीम और खिलाड़ी दोनों के लिए बड़े संकट खड़ा कर सकता है। एनबीए ने मामले की जानकारी होने की पुष्टि की है और जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक गलतफहमी है या खेल के नियमों के साथ एक चालाकी भरी चाल?
लॉस एंजेलिस क्लिपर्स के फॉरवर्ड कावई लियोनार्ड (दाएं) गेंद पास करते हुए दिख रहे हैं, जबकि डेनवर नगेट्स के सेंटर निकोला जोकिक (बाएं) और फॉरवर्ड माइकल पोर्टर जूनियर (बीच में) उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है यह पूरा मामला: 28 मिलियन डॉलर की `अतिरिक्त` कहानी?
मामले की जड़ में 28 मिलियन डॉलर का एक “अतिरिक्त” भुगतान है, जो कथित तौर पर कावई लियोनार्ड को उनके टीम के मालिक स्टीव बाल्मर (Steve Ballmer) द्वारा सह-स्थापित कंपनी `एस्पिरेशन` (Aspiration) से मिला। यह भुगतान एक `फर्जी` विज्ञापन समझौते के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य केवल दिखावा करना था। विडंबना देखिए, यह कंपनी अब दिवालिया हो चुकी है। यह जानकर थोड़ी हैरत होती है कि इस तरह के ‘फर्जी’ समझौते कैसे किए जाते होंगे और क्या उनका कोई वास्तविक व्यावसायिक आधार होता होगा?
आरोप है कि यह समझौता लियोनार्ड के क्लिपर्स के साथ अधिकतम सैलरी कॉन्ट्रैक्ट के रिन्यू होने के नौ महीने बाद हुआ था। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि कथित तौर पर इस समझौते में एक ऐसी शर्त शामिल थी कि यदि लियोनार्ड क्लिपर्स छोड़ देते, तो यह समझौता समाप्त हो जाता। और तो और, लियोनार्ड को काम न करने पर भी भुगतान मिलता रहता। क्या यह एनबीए के सैलरी कैप नियमों को चालाकी से तोड़ने का एक तरीका था, जिसमें खिलाड़ियों को अधिकतम सैलरी के ऊपर `अंडर-द-टेबल` भुगतान किया जाता है?
इस पूरे मामले को पूर्व ईएसपीएन (ESPN) पत्रकार पाब्लो टॉरे (Pablo Torre) ने अपने पॉडकास्ट में उजागर किया। उन्होंने एस्पिरेशन के कुछ आंतरिक दस्तावेजों का हवाला दिया, जिनसे इन आरोपों को बल मिला है। यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं लगता, जहाँ कॉर्पोरेट रिकॉर्ड्स में ही सारी कहानी छिपी हो!
क्लिपर्स का पक्ष और एनबीए की जांच का दायरा
लॉस एंजेलिस क्लिपर्स ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, उन्हें “बेतुका” बताया है। टीम का कहना है कि एस्पिरेशन अब उनका स्पॉन्सर नहीं है और अगर कोई नुकसान हुआ है, तो वे खुद पीड़ित हैं, न कि दोषी। हालांकि, सार्वजनिक रूप से उनकी छवि को नुकसान तो पहुंचा ही है। इस तरह के आरोप, विशेषकर जब वे एक बड़े खिलाड़ी और टीम के मालिक से जुड़े हों, हमेशा सुर्खियां बटोरते हैं और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हैं।
एनबीए ने पुष्टि की है कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और उन्होंने जांच शुरू कर दी है। सवाल यह है कि क्या ये आरोप तकनीकी रूप से इतने गंभीर हैं कि उन पर जुर्माना या अन्य कठोर दंड लगाया जा सके? एनबीए के पास ऐसे मामलों में टीमों को लाखों डॉलर का जुर्माना लगाने, ड्राफ्ट पिक छीनने और यहां तक कि शामिल खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने का अधिकार है।
एनबीए के नियमों को दरकिनार करने की कोशिश, खेल की ईमानदारी पर सवाल उठाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस `अनाड़ी` चाल में कौन दोषी साबित होता है और जांच क्या मोड़ लेती है।
पहले भी ऐसी `चालाकी` के उदाहरण: खेल में नियमों से खिलवाड़ का इतिहास
यह पहला मौका नहीं है जब एनबीए में सैलरी कैप से जुड़ी `चालाकी` या विवाद सामने आया है। इतिहास गवाह है कि जब नियमों को तोड़ने की बात आती है तो टीमें कई बार रचनात्मक हो जाती हैं, लेकिन एनबीए की दंड संहिता भी कम सख्त नहीं है:
- मिनेसोटा टिंबरवॉल्व्स का मामला (2000): 2000 में, मिनेसोटा टिंबरवॉल्व्स (Minnesota Timberwolves) को जो स्मिथ (Joe Smith) को गुप्त रूप से एक बड़े कॉन्ट्रैक्ट का वादा करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ी थी, यदि वह पहले एक छोटा, आर्थिक समझौता करते। एनबीए ने टिंबरवॉल्व्स से 5 फर्स्ट-राउंड ड्राफ्ट पिक छीन ली थी, स्मिथ का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था, और मालिक ग्लेन टेलर (Glen Taylor) तथा जीएम केविन मैकहेल (Kevin McHale) को निलंबित कर दिया था। उस समय 3.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना एक रिकॉर्ड था। यह दिखाता है कि लीग अपनी अखंडता को लेकर कितनी गंभीर है।
- कावई और क्लिपर्स पर पिछली जांच (2020): 2020 में भी क्लिपर्स और कावई लियोनार्ड पर जांच हुई थी। जॉनी विल्क्स (Johnny Wilkes) नामक एक व्यक्ति ने मुकदमा दायर किया था, जिसने दावा किया था कि उसने कावई को टोरंटो से लॉस एंजेलिस लाने में मदद की थी और उसे 2.5 मिलियन डॉलर का भुगतान मिलना बाकी है। हालांकि, क्लिपर्स ने आरोपों से इनकार किया और वह मुकदमा सफल नहीं हो सका।
इन घटनाओं से पता चलता है कि एनबीए ऐसे मामलों को गंभीरता से लेता है। हालांकि, `इरादों पर मुकदमा` चलाना हमेशा आसान नहीं होता, जैसा कि टोरंटो रैप्टर्स (Toronto Raptors) के मालिक लैरी टैनेनबाम (Larry Tanenbaum) के मामले में देखा गया था, जिन्होंने कावई को टीम में बनाए रखने के लिए 15 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट का ऑफर दिया था, लेकिन कोई प्रतिबंध नहीं लगा क्योंकि लियोनार्ड ने फिर भी टोरंटो छोड़ दिया था।
कावई: एक रहस्यमय खिलाड़ी और क्लिपर्स की पुरानी आदतें
कावई लियोनार्ड को `द क्लॉ` (The Klaw) के नाम से जाना जाता है, अपनी रहस्यमय और शांत छवि के लिए। कोर्ट पर हो या बाहर, उनके चेहरे के भाव शायद ही कभी बदलते हैं। वह कम बोलते हैं, कभी-कभी तो बिल्कुल चुप रहते हैं, जिससे उनकी छवि और भी गूढ़ हो जाती है। उनकी करियर यात्रा भी विवादों से भरी रही है – पिता की दुखद मृत्यु, अपने `संदिग्ध` चाचा डेनिस रॉबर्टसन (Dennis Robertson) पर अत्यधिक निर्भरता, सैन एंटोनियो स्पर्स (San Antonio Spurs) से विवादास्पद विदाई, टोरंटो के साथ एक चैम्पियनशिप और फिर अनगिनत चोटें जिनके बारे में वह कभी खुलकर बात नहीं करते। क्या यह चुप्पी केवल उनकी व्यक्तित्व का हिस्सा है या इसके पीछे कुछ गहरे राज छिपे हैं, जैसा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं?
और क्लिपर्स? यह टीम इतिहास में अक्सर `अनाड़ी` साबित हुई है। मालिक स्टीव बाल्मर ने टीम पर बेहिसाब पैसा खर्च किया है, लेकिन अभी तक वे कभी भी एनबीए फाइनल्स तक नहीं पहुंच पाए हैं। हर सीज़न में नई उम्मीदें, लेकिन अंततः परिणाम वही – निराशा। क्या यह नया विवाद सिर्फ उनकी `पटकथा` का एक और अध्याय है? प्रशंसकों की धैर्य की सीमा शायद अब खत्म होने वाली है, क्योंकि क्लिपर्स का इतिहास दिखाता है कि उन पर `एक बार फिर कुछ गड़बड़` करने का ठप्पा लगा हुआ है।
निष्कर्ष: क्या होगा आगे?
यह देखना बाकी है कि एनबीए की जांच का क्या परिणाम आता है। क्या क्लिपर्स और कावई को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, या वे एक बार फिर `साफ` निकल जाएंगे? यह मामला न केवल क्लिपर्स और लियोनार्ड के भविष्य पर असर डालेगा, बल्कि यह एनबीए की अपनी अखंडता और नियमों को लागू करने की क्षमता के लिए भी एक परीक्षा है। खेल की दुनिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, और ऐसे आरोप निश्चित रूप से उस विश्वास को डगमगाते हैं जो प्रशंसक अपने पसंदीदा खेल पर करते हैं।