क्रिकेट के मैदान पर अक्सर ऐसे पल आते हैं, जो न सिर्फ खेल की दिशा बदल देते हैं, बल्कि प्रशंसकों की यादों में हमेशा के लिए बस जाते हैं। दुबई में हुए एशिया कप सुपर फोर के एक रोमांचक मुकाबले में भारत और श्रीलंका आमने-सामने थे। यह सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि रणनीतियों, जुनून और व्यक्तिगत पराक्रम का एक ऐसा संगम था, जिसने दर्शकों को दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। इस मुकाबले का एक ऐसा ही नायक उभर कर सामने आया, जिसका नाम है पाथुम निसानका।
एक `डेड बॉल` और छह रन का भ्रम
मैच की शुरुआत से ही तनाव चरम पर था। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका के सामने 203 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए, श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज पाथुम निसानका एक छोर पर चट्टान की तरह खड़े थे। कहानी में मोड़ तब आया, जब श्रीलंका की पारी के 10वें ओवर में एक अजीबोगरीब घटना घटी। भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती गेंद फेंकने ही वाले थे कि अंपायर ने अचानक उसे `डेड बॉल` घोषित कर दिया। लेकिन शायद चक्रवर्ती इस घोषणा से अनजान थे, या शायद गेंद हाथ से निकल चुकी थी। उन्होंने गेंद फेंकी और निसानका ने उसे अपनी पूरी ताकत से लॉन्ग-ऑन बाउंड्री के पार भेज दिया।
गेंद छह रन के लिए बाउंड्री पार कर गई! दर्शक खुशी से झूम उठे, लेकिन स्कोरबोर्ड पर कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसा इसलिए, क्योंकि अंपायर ने गेंद फेंकने से पहले ही उसे `डेड बॉल` करार दे दिया था। यह क्रिकेट के अनूठे नियमों में से एक है, जिसने एक शानदार शॉट को भी बेअसर कर दिया। कल्पना कीजिए, एक बल्लेबाज जो अपनी टीम के लिए हर रन की कीमत जानता है, वह छक्का मारता है, लेकिन उसे कोई श्रेय नहीं मिलता। यह पल निसानका के लिए कितना निराशाजनक रहा होगा, लेकिन उन्होंने अपनी एकाग्रता नहीं खोई।
निसानका का तूफानी शतक और विराट कोहली के रिकॉर्ड्स पर प्रहार
`डेड बॉल` की घटना के बाद निसानका का ध्यान और भी पैना हो गया। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों पर कहर बरपाते हुए मात्र 58 गेंदों में 7 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 107 रन ठोक दिए। यह उनके टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक था। उनकी इस पारी ने मैच को रोमांचक बना दिया, और एक समय लगा कि श्रीलंका इस असंभव लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
अपनी इस पारी के दौरान, निसानका ने कई ऐसे रिकॉर्ड तोड़े जो अब तक विराट कोहली के नाम थे। उन्होंने एशिया कप टी20 में सर्वाधिक 50+ स्कोर बनाने का विराट का रिकॉर्ड (4) तोड़ दिया, खुद 12 पारियों में 5 बार यह उपलब्धि हासिल की। यही नहीं, वह एशिया कप टी20 के इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए। 12 मैचों में 434 रन बनाकर उन्होंने विराट के 429 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
इतना ही नहीं, निसानका श्रीलंका के चौथे ऐसे खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों (टेस्ट, वनडे, टी20) में शतक जड़ा है। उनसे पहले यह कारनामा तिलकरत्ने दिलशान, कुसल परेरा और महेला जयवर्धने जैसे दिग्गज खिलाड़ी ही कर पाए थे। एशिया कप टी20 में शतक लगाने वाले वह हांगकांग के बाबर हयात (122) और भारत के विराट कोहली (122*) के बाद तीसरे खिलाड़ी भी बन गए। यह निसानका के लिए व्यक्तिगत तौर पर एक अविश्वसनीय रात थी।
कड़वी-मीठी हार का स्वाद
निसानका के शानदार शतक और कुशल बल्लेबाजी के बावजूद, श्रीलंका ने भारत के 202/5 के स्कोर की बराबरी कर ली। मैच सुपर ओवर में चला गया, जहां भारत ने बाजी मार ली। निसानका की इस ऐतिहासिक पारी के बावजूद टीम को हार का सामना करना पड़ा। यह क्रिकेट की निर्मम हकीकत है, जहाँ व्यक्तिगत प्रतिभा कभी-कभी टीम की जीत की गारंटी नहीं होती।
निष्कर्ष
पाथुम निसानका का दुबई में खेला गया यह शतक सिर्फ एक आंकड़े से कहीं बढ़कर था। यह धैर्य, आक्रमण और रिकॉर्ड तोड़ने की भूख का एक अद्भुत प्रदर्शन था। `डेड बॉल` का वह अजीबोगरीब पल, जिसने एक बल्लेबाज को उसके हक के छह रनों से वंचित कर दिया, हमेशा इस मैच की एक दिलचस्प उपकथा के रूप में याद किया जाएगा। निसानका ने भले ही अपनी टीम को जीत न दिला पाए हों, लेकिन उन्होंने एक बल्लेबाज के रूप में अपनी क्षमता का लोहा मनवा दिया और क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बना ली। यह एक ऐसा मैच था, जिसने दिखाया कि क्रिकेट सिर्फ रनों और विकेटों का खेल नहीं, बल्कि अनिश्चितताओं और अविस्मरणीय पलों का एक महाकाव्य है।