एजबेस्टन में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 336 रनों से करारी शिकस्त देकर टेस्ट सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया। यह हार इंग्लैंड के लिए न केवल स्कोरबोर्ड पर बड़ी थी, बल्कि मनोबल के लिए भी एक झटका थी। मैच के बाद इंग्लैंड के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम ने हार का विश्लेषण किया और अपनी गलतियों, विपक्षी टीम के प्रदर्शन और आने वाली चुनौतियों पर खुलकर बात की।
मैकुलम ने सबसे पहले टॉस के फैसले को लेकर अपनी टीम की चूक स्वीकार की। उनका मानना था कि पिच ने वैसा व्यवहार नहीं किया जैसी उन्हें उम्मीद थी, और टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला शायद गलत साबित हुआ। “जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, हमने पीछे मुड़कर उस टॉस के फैसले को देखा और सोचा कि क्या हमने वहां एक मौका गंवा दिया? शायद यह कहना सही होगा,” मैकुलम ने स्थिति का आकलन करते हुए कहा।
उन्होंने भारतीय टीम के प्रदर्शन की जमकर तारीफ की। विशेष रूप से बल्लेबाजों के सामने उन्होंने सिर झुकाया। भारतीय कप्तान शुभमन गिल की बल्लेबाजी को मैकुलम ने “उच्च स्तरीय” (elite level) बताया। लेकिन सिर्फ बल्लेबाज ही नहीं, भारतीय गेंदबाज भी मैकुलम की तारीफ के हकदार बने। तेज गेंदबाज आकाश दीप, जिन्होंने मैच में कुल 10 विकेट झटके, उनके लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहे।
मैकुलम ने बताया कि आकाश दीप ने परिस्थितियों का बेहतर फायदा उठाया। उन्हें लगा कि भारतीय गेंदबाज ऐसी पिचों पर खेलने के ज्यादा आदी हैं जहां आपको थोड़ी फुलर लेंथ पर गेंद डालनी पड़ती है। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं: भारत ने अपनी कुल गेंदों में से 63% गेंदें गुड या फुलर लेंथ पर फेंकीं, जबकि इंग्लैंड केवल 53% ही ऐसा कर पाया। इसका सीधा असर गेंदबाजी के प्रभाव पर पड़ा। भारतीय तेज गेंदबाजों ने 454 रन देकर 18 विकेट लिए, यानी हर 25 गेंदों में एक विकेट। वहीं, इंग्लैंड के गेंदबाजों ने 624 रन देकर केवल 9 विकेट ही लिए, जो प्रति विकेट 99 गेंदों का औसत था। यह भारी अंतर बताता है कि भारत ने गेंद से कितना बेहतर प्रदर्शन किया।
हालांकि, मैकुलम ने हैरी ब्रुक और जेमी स्मिथ के बीच छठे विकेट के लिए हुई रिकॉर्ड 303 रनों की साझेदारी को इंग्लैंड के लिए एकमात्र सकारात्मक बताया। उनका मानना था कि इस साझेदारी के बिना इंग्लैंड शायद पूरे पांच दिनों में खेल में कोई संतुलन नहीं दिखा पाता। यह एक ऐसा क्षेत्र था जिस पर उन्हें और ध्यान देने की आवश्यकता महसूस हुई।
अब सारा ध्यान लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच पर चला गया है। सीरीज 1-1 से बराबर होने के कारण यह मैच बेहद महत्वपूर्ण है। मैकुलम को उम्मीद है कि लॉर्ड्स की पिच इंग्लैंड के खेल के हिसाब से थोड़ी ज्यादा अनुकूल होगी। लेकिन उन्होंने एक और बड़ी चुनौती का जिक्र किया – जसप्रीत बुमराह की वापसी। भारतीय टीम में बुमराह के शामिल होने की संभावना है, और मैकुलम जानते हैं कि उनके बल्लेबाजों को इस विश्व स्तरीय गेंदबाज का सामना करने के लिए विशेष रूप से तैयार रहना होगा।
“बुमराह अगले मैच में वापसी करने की पूरी संभावना रखते हैं, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अच्छी तरह से प्लान बनाएं और तैयार रहें और अगली चुनौती के लिए सज्ज रहें,” मैकुलम ने जोर दिया। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि लॉर्ड्स की पिच एजबेस्टन से काफी अलग होगी, और उनके लिए यह शायद अच्छी बात होगी।
संक्षेप में, एजबेस्टन की हार इंग्लैंड के लिए एक सीख थी, जिसमें कोच ने न सिर्फ अपनी टीम की खामियों को स्वीकार किया बल्कि विपक्षी टीम के उत्कृष्ट प्रदर्शन को भी सराहा। अब चुनौती लॉर्ड्स की है, जहां पिच और बुमराह जैसे खतरनाक गेंदबाज के सामने इंग्लैंड को अपनी रणनीति और तैयारी को एक नए स्तर पर ले जाना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि `बैज़बॉल` इस चुनौती का सामना कैसे करता है।