महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का एक और बेहद रोमांचक मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के सामने आया, जहाँ दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम ने बांग्लादेश को एक कांटे की टक्कर में तीन विकेट से हरा दिया। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि दबाव में धैर्य और असाधारण खेल भावना का प्रदर्शन था, जिसने यह साबित किया कि महिला क्रिकेट में भी `अंतिम ओवर का रोमांच` कोई नई बात नहीं है। इस मैच की नायिका रहीं नादिन डी क्लार्क, जिन्होंने अपनी टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया।
बांग्लादेश की धीमी पर ठोस शुरुआत
पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की शुरुआत धीमी रही। सलामी बल्लेबाज फरगाना हक (30 रन) और रुब्या हैदर (25 रन) ने विकेट बचाकर खेलने पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप टीम को 50 रन तक पहुंचने में 16 ओवर लग गए। एक समय लग रहा था कि बांग्लादेश बड़े स्कोर से चूक जाएगा, लेकिन मध्यक्रम की बल्लेबाज शरमीन अख्तर (50 रन) और कप्तान निगार सुल्ताना (32 रन) ने पारी को संभाला और तीसरे विकेट के लिए 77 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की।
हालांकि, असली रंग तब जमा जब 18 वर्षीय युवा बल्लेबाज शोरना अख्तर मैदान पर उतरीं। उन्होंने मात्र 35 गेंदों में नाबाद 51 रनों की आक्रामक पारी खेलकर बांग्लादेश को 232 रनों के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया। उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने यह स्पष्ट कर दिया कि बांग्लादेश की टीम सिर्फ लड़ने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के लिए मैदान में उतरी थी।
दक्षिण अफ्रीका की लड़खड़ाती पारी और फिर अविश्वसनीय वापसी
233 रनों का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। बाएं हाथ की स्पिनर नाहिदा अख्तर ने ताजमिन ब्रिट्स को गोल्डन डक पर आउट कर बांग्लादेश को शानदार शुरुआत दिलाई। कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट (31 रन) और एनेके बॉश (28 रन) ने 55 रनों की साझेदारी करके पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन लॉरा वोल्वार्ड्ट का रन-आउट एक बड़ा झटका साबित हुआ। यह एक ऐसी गलती थी, जहाँ दोनों बल्लेबाज पिच के बीच में फंस गईं, और बांग्लादेश को एक बड़ा विकेट उपहार में मिल गया।
वोल्वार्ड्ट के आउट होने के बाद, दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढहती चली गई। 78 रनों पर पांच विकेट गंवाकर टीम गहरे संकट में थी। बांग्लादेशी स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन किया, जहाँ रबेया खान और फाहिमा खातून ने महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर दक्षिण अफ्रीका को पूरी तरह से दबाव में ला दिया। ऐसा लग रहा था कि जीत बांग्लादेश की झोली में आ चुकी है, और दक्षिण अफ्रीकी प्रशंसक शायद “इस बार भी नहीं” की आह भर रहे होंगे।
कप्प और ट्रायॉन की अनुभवी साझेदारी, फिर डी क्लार्क का जादू
लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, और दक्षिण अफ्रीकी टीम ने हार मानने से इनकार कर दिया। अनुभवी ऑलराउंडर मारिज़ान कप्प (71 गेंदों पर 56 रन) और क्लो ट्रायॉन (69 गेंदों पर 62 रन) ने मिलकर एक अविश्वसनीय वापसी की नींव रखी। उन्होंने छठे विकेट के लिए 85 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई, जिससे टीम को एक बार फिर जीत की उम्मीद जगी। दोनों ने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि दबाव में शांत रहकर बांग्लादेशी गेंदबाजों को frustrat किया।
इन दोनों के आउट होने के बाद, सारा दारोमदार नादिन डी क्लार्क पर आ गया। वह पहले ही भारत के खिलाफ एक मैच जिताऊ पारी खेल चुकी थीं, और इस बार भी उन्होंने वही कमाल दिखाया। अंतिम ओवरों में उन पर दबाव साफ था, खासकर जब शोर्ना अख्तर ने लॉन्ग-ऑफ पर उनका कैच छोड़ दिया। लेकिन डी क्लार्क ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने अपनी शांत स्वभाव का परिचय देते हुए मात्र 29 गेंदों पर नाबाद 37 रन बनाए, जिसमें एक चौका और एक छक्का शामिल था, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने तीन गेंद शेष रहते जीत हासिल कर ली। बांग्लादेश की टीम अपने हाथ आई बाजी गंवा बैठी, और डी क्लार्क एक बार फिर अपनी टीम की हीरो साबित हुईं।
महिला क्रिकेट का बढ़ता कद
यह मैच सिर्फ एक जीत-हार से कहीं बढ़कर था। इसने महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और प्रतिस्पर्धा को उजागर किया। दोनों टीमों ने दिखाया कि वे किसी भी स्थिति में हार नहीं मानतीं। बांग्लादेश ने पहले तो शानदार बल्लेबाजी की और फिर गेंदबाजी में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया, लेकिन अंततः दक्षिण अफ्रीका की दृढ़ता और नादिन डी क्लार्क की जादुई पारी भारी पड़ गई। इस तरह के रोमांचक मुकाबले महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, जो दर्शकों को स्टेडियम और टेलीविजन स्क्रीन से जोड़े रखते हैं।