दिल्ली टेस्ट: वेस्ट इंडीज़ का जुझारूपन, भारत की जीत का इंतज़ार और एक अप्रत्याशित मोड़

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क्रिकेट को `अनिश्चितताओं का खेल` यूं ही नहीं कहा जाता। दिल्ली में चल रहे टेस्ट मुकाबले में भारतीय टीम, जो जीत की दहलीज पर खड़ी थी, उसे वेस्टइंडीज के अप्रत्याशित जुझारूपन ने पांचवें दिन तक खींच लिया। जहां पहले ही दिन से भारत की जीत तय मानी जा रही थी, वहीं वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने कमाल की बल्लेबाजी कर `कमजोर टीम` के तमगे को धता बता दिया। अब पांचवें दिन भारत को सीरीज 2-0 से अपने नाम करने के लिए महज 58 रनों की दरकार है, लेकिन क्या यह रास्ता उतना ही आसान होगा, जितना दिख रहा है?

वेस्ट इंडीज़ का शानदार पलटवार: दो शतकों की कहानी

पहली पारी में महज 248 रनों पर ऑल आउट होने के बाद, फॉलो-ऑन झेल रही वेस्टइंडीज की टीम से किसी ने इतनी जोरदार वापसी की उम्मीद नहीं की थी। लेकिन चौथे दिन सुबह से ही वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को कड़ी टक्कर दी। जिस पिच को तीसरे दिन गेंदबाजों का स्वर्ग माना जा रहा था, वह चौथे दिन पूरी तरह से सपाट (flattened out) हो चुकी थी, मानो उसने अपनी सारी शरारतें त्याग दी हों।

जॉन कैंपबेल का पहला टेस्ट शतक

ओपनर जॉन कैंपबेल ने धैर्य और दृढ़ संकल्प का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा। उन्होंने 90 के पार लंबे समय तक डटे रहने के बाद रवींद्र जडेजा को मिड-विकेट के ऊपर से शानदार छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया। यह शतक उनकी जुझारूपन का जीता-जागता प्रमाण था, जिसने भारतीय खेमे को सोचने पर मजबूर कर दिया।

शाई होप का दमदार जवाब

विकेटकीपर-बल्लेबाज शाई होप ने भी लंबे समय बाद टेस्ट क्रिकेट में अपनी फॉर्म को वापस पाते हुए शानदार शतक जमाया। 58 पारियों के इंतजार के बाद आया उनका यह शतक वेस्टइंडीज की पारी को स्थिरता देने वाला था। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर भारतीय आक्रमण को निराश किया और टीम को एक मजबूत स्थिति तक पहुंचाया, यह दिखाते हुए कि उनमें अभी भी बड़े स्कोर बनाने की क्षमता है।

भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और स्पिनर रवींद्र जडेजा ने शुरुआती स्पेल में रिवर्स स्विंग और एंगल बदलने की कोशिश की, लेकिन कैंपबेल और होप ने हर वार को बखूबी झेला और भारतीय टीम के लिए विकेट का इंतजार लंबा कर दिया।

निचले क्रम का अप्रत्याशित प्रतिरोध: एक साझेदारी जिसने बदली तस्वीर

जब भारतीय गेंदबाजों ने कैंपबेल और होप जैसे सेट बल्लेबाजों को आउट किया, तो लगा कि वेस्टइंडीज की पारी जल्द ही सिमट जाएगी। मोहम्मद सिराज ने होप को बोल्ड कर और कुलदीप यादव ने इमलैक व चेज़ को पवेलियन भेजकर उम्मीद जगाई। जसप्रीत बुमराह ने भी वॉरिकन और फिलिप को आउट कर भारत को जीत के करीब ला दिया। लेकिन, क्रिकेट एक बार फिर अप्रत्याशित मोड़ ले चुका था।

नौ विकेट गिरने के बाद, दसवें विकेट के लिए जस्टिन ग्रीव्स और जेडेन सील्स की जोड़ी ने जो कमाल किया, वह वेस्टइंडीज के क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। दोनों ने मिलकर 22 ओवरों में 79 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई, जिससे भारतीय खेमे में थोड़ी बेचैनी साफ दिख रही थी। ग्रीव्स ने अपना अर्धशतक पूरा किया, जबकि सील्स ने भी 30 से अधिक रन बनाकर उनका बखूबी साथ दिया। इस साझेदारी ने न सिर्फ मैच को पांचवें दिन तक खींचा, बल्कि भारतीय गेंदबाजों को भी खूब दौड़ाया, जो शायद अपने करियर के सबसे लंबे और थका देने वाले स्पेल में से एक कर रहे थे। एक समय तो ऐसा लगा कि भारत को मैच जीतने के लिए और ज्यादा रनों का पीछा करना पड़ सकता है।

भारतीय गेंदबाजों का संघर्ष और निर्णायक पल

भारतीय गेंदबाजों के लिए यह दिन आसान नहीं रहा। पिच से मदद न मिलने के बावजूद, उन्होंने संयम नहीं खोया और लगातार कोशिशें जारी रखीं।

  • कुलदीप यादव: पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले कुलदीप ने दूसरी पारी में भी तीन महत्वपूर्ण विकेट चटकाए, जिनमें शाई होप और रॉस्टन चेज़ जैसे अहम बल्लेबाज शामिल थे। उनका प्रदर्शन भारत के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, जब वेस्टइंडीज की पारी मजबूत दिख रही थी।
  • जसप्रीत बुमराह: अपनी सटीक यॉर्कर्स और रिवर्स स्विंग से बुमराह ने तीन विकेट लेकर वेस्टइंडीज के निचले क्रम को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई। उनके स्पेल हमेशा ही टीम को विकेट दिलाते रहे और उन्होंने मुश्किल समय में भारत को ब्रेकथ्रू दिए।

अंततः, वेस्टइंडीज की टीम 390 रनों पर ऑल आउट हो गई, और भारत को जीत के लिए 121 रनों का लक्ष्य मिला। यह लक्ष्य भले ही छोटा लगे, लेकिन वेस्टइंडीज के जुझारूपन ने इसे रोमांचक बना दिया।

भारत की पारी और पांचवें दिन की चुनौती: क्या होगा मंगलवार सुबह?

121 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की कोशिश की, लेकिन यशस्वी जायसवाल जल्दी आउट हो गए। वह लॉन्ग ऑन पर छक्का लगाने की कोशिश में अपना विकेट गंवा बैठे। इसके बाद के.एल. राहुल और साई सुदर्शन ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए दिन का खेल समाप्त किया। भारत ने दिन का खेल खत्म होने तक एक विकेट के नुकसान पर 63 रन बना लिए थे और अब उसे जीत के लिए महज 58 रनों की जरूरत है।

हालांकि यह आंकड़ा छोटा लगता है, लेकिन वेस्टइंडीज के जुझारूपन को देखते हुए भारतीय टीम कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहेगी। पांचवें दिन सुबह के सत्र में तेज विकेट गिरने की संभावना हमेशा बनी रहती है, और वेस्टइंडीज के गेंदबाज शुरुआती झटके देने में सक्षम हैं। क्या भारत आसानी से ये रन बना लेगा और सीरीज पर 2-0 से कब्जा जमाएगा, या वेस्टइंडीज का कोई जादूगर एक और अप्रत्याशित मोड़ लाएगा? इसका जवाब हमें मंगलवार सुबह ही मिलेगा। एक बात तो तय है, इस मैच ने दिखा दिया कि टेस्ट क्रिकेट में आखिरी गेंद तक हार नहीं माननी चाहिए, और वेस्टइंडीज ने यह बात बड़े ही शानदार ढंग से साबित की है!

यह लेख क्रिकेट विश्लेषकों और खेल प्रेमियों के लिए है, जो टेस्ट क्रिकेट की बारीकियों और अप्रत्याशित रोमांच को समझते हैं।