सर्वाधिक बिक्री वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत इस साल करीब तीन गुना गिरने से ऐसी डिजिटल परिसंपत्तियों की अनिश्चित राह का संकेत मिलता है। कीमतों में गिरावट, नियामकीय अनिश्चितता और करों ने भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को संकट में डाल दिया है। वित्त वर्ष 2023 के लिए बजट में वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के स्थानांतरण से प्राप्त किसी तरह की आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की गई थी। वहीं 1 प्रतिशत अतिरिक्त टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) जुलाई में प्रभावी हुई। सरकार ने स्पष्ट किया कि कर लगाकर वह क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी नहीं बना रही थी। यह एक ऐसी घोषणा थी जिसने एक्सचेंजों की चिंता को और बढ़ा दिया।
आरबीआई ने निजी क्रिप्टो पर अपने सख्त रुख को बरकरार रखा और उन पर रोक पर जोर दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट में हाल में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘यदि आप इस आभासी मुद्रा को विनियमित करने की कोशिश करते हैं और इसे बढ़ने की अनुमति देते हैं तो मेरी बातों को ध्यान से सुनना, अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा।’ मई में, टेरायूएसडी और लूना संकट से सभी प्रमुख क्रिप्टो की कीमतों में गिरावट आई। इसके बाद ब्लॉकएफआई, एफटीएक्स और एफटीएक्स डॉटयूएस जैसे एक्सचेंजों को वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
चुनौतीपूर्ण रहा यह साल
भारतीय एक्सचेंज इन घटनाक्रम के साथ साथ देश में कुछ व्यवसायों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों के प्रभाव से जूझ रहे हैं। वजीरएक्स क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन ने कहा, ‘2022 भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए खराब वर्ष रहा। हमें बजट में घोषित कर नियमों का सामना करना पड़ा है।’ सभी 11 भारतीय एक्सचेंजों में कारोबारी मात्रा घट गई है। अन्य प्रमुख वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंजों को लेकर आशंका, अनिश्चितता और चिंताएं पैदा हुई हैं।
वजीरएक्स ने 2022 में करीब 10 अरब डॉलर मूल्य के लेनदेन किए, जो पूर्ववर्ती वर्ष के 46 अरब डॉलर की तुलना में कम है। मेनन ने कहा कि एक प्रतिशत टीडीएस कटौती से भी भारत से कारोबार घटकर बाहर चला गया है। मेनन का कहना है कि विपरीत हालात के बावजूद वजीरएक्स क्रिप्टो ट्रेडिंग के अपने प्रमुख व्यवसाय से जुड़ी रहेगी।
एफटीएक्स संकट से चिंता
नवंबर में, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स 10 दिन तक बंद रहा था। उद्योग की एक समाचार वेबसाइट के अनुसार, बिटकॉइन, एथेरियम, और स्टैबलेकॉइन मालिकों ने 5 नवंबर को एफटीएक्स संकट के महज 50 दिन में प्रमुख एक्सचेंजों से करीब 19.19 अरब डॉलर की क्रिप्टो परिसंपत्तियां निकालीं। तब से दुनियाभर में करीब 356,848 बिटकॉइन और 44.8 लाख एथेरियम टोकन क्रिप्टो ट्रेडिंग से निकाले गए हैं।
कॉइनस्विच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी आशिष सिंघल ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों का उतार-चढ़ाव कमजोर व्यावसायिक प्रणालियों और संबद्ध एक्सचेंजों के जोखिम प्रबंधन की वजह से पैदा हुआ, और यह क्रिप्टो के दीर्घावधि भविष्य का प्रतिबिंब नहीं है। इसलिए क्रिप्टो का दीर्घावधि परिदृश्य अपरिवर्तित बना हुआ है।’कॉइनस्विच ने हाल में अपने सॉल्युशनों में कई तरह के बदलाव किए हैं।
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