इंग्लैंड क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर लगभग साढ़े तीन साल के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चोटों के कारण मैदान से दूर रहे आर्चर को भारत के खिलाफ लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 10 जुलाई से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया है।
आर्चर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच फरवरी 2021 में खेला था, जो दिलचस्प रूप से भारत के खिलाफ ही था। उसके बाद से लगातार चोटों, खासकर पीठ के स्ट्रेस फ्रैक्चर ने उनके करियर को बुरी तरह प्रभावित किया। कई सर्जरी और लंबे रिहैबिलिटेशन के दौर से गुजरने के बाद, इस साल मई में उन्होंने सफेद गेंद क्रिकेट के जरिए वापसी की थी, और हाल ही में काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स के लिए खेलकर रेड-बॉल क्रिकेट में भी अपनी फिटनेस साबित की।
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स आर्चर की वापसी से बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, `जोफ्रा के लिए यह एक लंबा सफर रहा है। जिस तरह से उसने इस दौरान चोटों के झटकों का सामना किया है, वह वास्तव में सराहनीय है। लंबे समय बाद मैदान पर वापसी करना और लगातार क्रिकेट खेलना, यह दिखाता है कि उसने कितनी मेहनत की है।` स्टोक्स ने आगे कहा कि जोफ्रा जैसे मैच बदलने वाले गेंदबाज का टीम में होना ग्रुप के लिए बेहद रोमांचक है। `मुझे लगता है कि जोफ्रा को खुद पर बहुत गर्व होगा कि इतनी बड़ी चोटों के बाद भी वह यहां तक पहुँच पाया है।`
जोश टंग की जगह टीम में आए आर्चर, इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण में ताजगी लाने का काम करेंगे। स्टोक्स ने बताया कि पिछले दो टेस्ट मैचों में गेंदबाजों पर काफी भार पड़ा है, इसलिए वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत टीम में बदलाव की जरूरत थी। `हमारे गेंदबाजों ने पिछले दो मैचों में काफी ओवर फेंके हैं। बैक-टू-बैक टेस्ट मैचों के इस दौर में कुछ ताज़े पैरों का होना जरूरी था, और हमारे पास जोफ्रा जैसा विकल्प होना वाकई शानदार है।`
कप्तान को पूरा भरोसा है कि चोटों के बावजूद आर्चर अपनी पुरानी धार हासिल कर सकते हैं। स्टोक्स ने लॉर्ड्स में 2019 एशेज के उस जादूई स्पेल को याद करते हुए कहा, `जब भी उसके हाथ में गेंद आती है, तो खेल में बदलाव महसूस होता है। विरोधी टीम भी यह जानती है कि वह अपने एक स्पेल से क्या कर सकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई वजह है कि हम जोफ्रा आर्चर को उस स्तर पर गेंदबाजी करते हुए नहीं देख सकते, जैसा हमने यहां (लॉर्ड्स) पहले देखा है।`
स्टोक्स ने यह भी स्पष्ट किया कि आर्चर के गेंदबाजी स्पेल को लेकर कोई पूर्व निर्धारित योजना नहीं होगी। उन्होंने कहा, `यह सब उस समय की स्थिति पर निर्भर करेगा। किसी भी गेंदबाज की तरह, अगर हमें लगता है कि वह बड़ा खतरा पैदा कर रहा है और एक-दो अतिरिक्त ओवर फेंकने से विकेट मिल सकता है, तो हम ऐसा करेंगे। लेकिन चार या पाँच ओवर के छोटे स्पेल फेंकने की कोई पूर्वकल्पित योजना निश्चित रूप से नहीं है।` यानी अगर लय बनी, तो आर्चर लंबे स्पेल फेंकने से पीछे नहीं हटेंगे, और शायद बल्लेबाजों को थोड़ी ज्यादा देर परेशान होने का मौका मिलेगा।
भारत और इंग्लैंड के बीच इस `एंडرسन-तेंडुलकर ट्रॉफी` (Anderson-Tendulkar Trophy) नाम दी गई सीरीज के बाकी मुकाबले लॉर्ड्स (10-14 जुलाई), मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड (23-27 जुलाई) और लंदन के द ओवल (31 जुलाई – 4 अगस्त) में खेले जाएंगे। जोफ्रा आर्चर की वापसी इस सीरीज को और भी दिलचस्प बनाने का वादा करती है, खासकर भारतीय बल्लेबाजों के लिए, जिन्हें अब एक अतिरिक्त तेज और अप्रत्याशित चुनौती का सामना करना पड़ेगा।