बटुमी में शुरू हुआ महिला शतरंज विश्व कप: 107 खिलाड़ी, दांव पर विश्व चैंपियनशिप का रास्ता

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जॉर्जिया के तटीय शहर बटुमी में शतरंज का महाकुंभ शुरू हो चुका है। 2025 FIDE महिला शतरंज विश्व कप इस सप्ताह के अंत में गर्मागर्म मुकाबले के साथ शुरू हुआ, जो अगले तीन हफ्तों तक चलेगा और 26 से 28 जुलाई के बीच फाइनल के साथ समाप्त होगा। यह सिर्फ एक खिताब की लड़ाई नहीं है, बल्कि 2026 महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने का सुनहरा मौका भी है, जिसके विजेता को मौजूदा विश्व चैंपियन जू वेनजुन से भिड़ने का मौका मिलेगा।

दुनिया भर की 107 शीर्ष महिला शतरंज खिलाड़ी इस कठिन नॉकआउट प्रतियोगिता में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। यह संख्या अपने आप में इस टूर्नामेंट की अहमियत और यहाँ प्रतिस्पर्धा के स्तर को दर्शाती है।

दांव पर क्या है?

विश्व कप विजेता का खिताब बेशक बहुत प्रतिष्ठित है, लेकिन खिलाड़ियों की असली नज़र टॉप 3 स्थानों पर है। इन स्थानों को हासिल करने वाली खिलाड़ी सीधे 2026 महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर जाएंगी। विश्व कप के बाद कैंडिडेट्स के लिए केवल तीन और स्थान बचेंगे, इसलिए यहाँ का प्रदर्शन बेहद महत्वपूर्ण है।

खास बात यह है कि यदि पिछली विश्व कप चैंपियन अलेक्जेंड्रा गोर्याचकिना (जो पहले ही ग्रैंड प्रिक्स के माध्यम से कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं) या झू जिनर (जिन्हें यहाँ दूसरी वरीयता प्राप्त है) टॉप 3 में फिनिश करती हैं, तो कैंडिडेट्स का स्थान चौथे स्थान पर रहने वाली खिलाड़ी को मिलेगा। इसके अलावा, कुल 691,250 अमेरिकी डॉलर के पुरस्कार पूल में से विश्व कप विजेता को 50,000 अमेरिकी डॉलर की राशि मिलेगी। यानी सिर्फ गौरव नहीं, बल्कि ठोस इनाम भी दांव पर है।

हम्पी के नेतृत्व में भारतीय चुनौती

भारत नौ (9) मजबूत खिलाड़ियों के दल के साथ बटुमी में मौजूद है। भारतीय दल का नेतृत्व अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी कर रही हैं, जिन्हें टूर्नामेंट में चौथी वरीयता प्राप्त है। हम्पी के साथ-साथ हरिका द्रोणावल्ली (10वीं वरीयता), वैशाली रमेशबाबू (11वीं वरीयता), और दिव्या देशमुख (15वीं वरीयता) को पहले दौर में बाई मिली है, जो उनकी उच्च रैंकिंग का फायदा है।

अन्य भारतीय खिलाड़ियों में वंतिका अग्रवाल (39वीं), पद्मिनी राऊत (52वीं), पीवी नंदिधा (55वीं), प्रियंका के (93वीं), और किरण मनीषा मोहंती (101वीं) शामिल हैं। 2023 के पिछले विश्व कप में, हरिका द्रोणावल्ली ने भारतीय खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जहाँ वह क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थीं और अंततः चैंपियन बनी गोर्याचकिना से हारी थीं। इस बार भारतीय दल और भी मजबूत दिख रहा है।

शीर्ष दावेदार और संभावित मुकाबले

टूर्नामेंट में कई बड़े नाम हिस्सा ले रहे हैं। शीर्ष तीन वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सभी चीन से हैं: लेई टिंगजी (1ली), झू जिनर (2री), और तान झोंगयी (3री)। पिछली चैंपियन अलेक्जेंड्रा गोर्याचकिना (6वीं वरीयता) भी एक मजबूत दावेदार हैं। यूक्रेन की अन्ना मुज्यचुक, जिन्होंने हाल ही में नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट जीता था, भी खतरनाक खिलाड़ी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन इन दिग्गजों को टक्कर दे पाता है।

भारतीय खिलाड़ियों के लिए संभावित आगे के दौर के मुकाबले काफी चुनौतीपूर्ण दिख रहे हैं। यदि **दिव्या देशमुख** चौथे दौर में पहुँचती हैं, तो उन्हें चीनी दिग्गज **तान झोंगयी** का सामना करना पड़ सकता है, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में विश्व चैंपियनशिप मैच खेला था। इसी तरह, चौथे दौर में **वैशाली** का सामना पिछली चैंपियन **गोर्याचकिना** से हो सकता है। **कोनेरू हम्पी** के लिए स्विट्जरलैंड की अनुभवी **अलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक** के साथ मुकाबला संभावित है, जबकि **हरिका** का सामना **कैटरीना लागनो** से होने की उम्मीद है। ये मुकाबले टूर्नामेंट के रोमांच को बढ़ा देंगे।

प्रारूप: एक लंबी और थका देने वाली यात्रा

विश्व कप नॉकआउट प्रारूप में खेला जा रहा है, जहाँ फाइनल से पहले छह दौर होंगे। 107 खिलाड़ियों के इस विशाल क्षेत्र में, शीर्ष 21 वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों को पहले दौर में बाई दी गई है।

यह एक क्लासिकल शतरंज इवेंट है। प्रत्येक खिलाड़ी को शुरुआत में 90 मिनट मिलते हैं, 40वीं चाल के बाद 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है, और पहली चाल से प्रति चाल 30 सेकंड का अतिरिक्त समय (इन्क्रीमेंट) मिलता है।

प्रत्येक दौर में, खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ दो गेम खेलते हैं – एक बार सफेद मोहरों से और एक बार काले मोहरों से। यदि दो क्लासिकल गेम के बाद स्कोर बराबर रहता है, तो टाई-ब्रेक होता है। टाई-ब्रेक भी एक लंबी प्रक्रिया है:

  • सबसे पहले, रैपिड समय नियंत्रण में दो गेम (प्रत्येक खिलाड़ी के लिए 25 मिनट + प्रति चाल 10 सेकंड का इन्क्रीमेंट)।
  • यदि फिर भी टाई रहे, तो दो और रैपिड गेम (प्रत्येक खिलाड़ी के लिए 10 मिनट + प्रति चाल 10 सेकंड का इन्क्रीमेंट)।
  • यदि फिर भी टाई रहे, तो दो ब्लिट्ज गेम (प्रत्येक खिलाड़ी के लिए 5 मिनट + प्रति चाल 3 सेकंड का इन्क्रीमेंट)।
  • और अगर यह सब भी परिणाम न दे, तो फिर सडन-डेथ ब्लिट्ज गेम (प्रत्येक खिलाड़ी के लिए 3 मिनट + प्रति चाल 2 सेकंड का इन्क्रीमेंट)। इसमें ड्रॉ होने पर मोहरों का रंग बदलकर तब तक खेला जाएगा जब तक निर्णायक परिणाम न आ जाए। शतरंज की दुनिया का यह मैराथन प्रारूप खिलाड़ियों की सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता की कड़ी परीक्षा लेता है।

बटुमी में होने वाला यह महिला शतरंज विश्व कप रोमांचक मुकाबलों और अप्रत्याशित परिणामों से भरा होने की उम्मीद है। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि कौन दबाव को संभालकर विश्व चैंपियन बनने की राह पर पहला बड़ा कदम रखता है, और क्या भारतीय खिलाड़ी इस बार विश्व कप ट्रॉफी या कम से कम कैंडिडेट्स में स्थान हासिल कर पाती हैं।