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बीएसएससी की पहले चरण की परीक्षा रद्द(सांकेतिक फोटो)
बिहार कर्मचारी चयन आयोग( BSSC) का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद पहली पाली की परीक्षा रद्द हो गयी है। इसको लेकर आयोग ने आदेश जारी किया है। परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। इस मामले की जांच ईओयू(EOU) कर रही है। कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
एग्जाम के दौरान व्हाट्सएप से भेजे जा रहे थे प्रश्न पत्र
पहली पाली में हो रही परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों के कुछ पन्ने व्हाट्सएप पर एक दूसरे को लगातार भेजे जा रहे थे, जिनको जब मिलाया गया तो पता चला कि प्रश्नों के पेज पहली पाली की परीक्षा से संबंधित है। जांच में उस जगह का भी पता चला जहां से प्रश्न पत्र के पेज एग्जाम सेंटर से बाहर आए हैं। आर्थिक अपराध इकाई, पटना के साथ उक्त के संबंध में उपलब्ध महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की गई और फौरन जांच की अग्रिम कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।
आयोग ने वेबसाइट पर दी थी ये सूचना
आयोग द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी अभ्यर्थियों को कमीशन की वेबसाईट पर दी गई आवश्यक सूचना के माध्यम से उसी दिन आश्वस्त किया गया था कि प्रश्न पत्र के परीक्षा केन्द्र से बाहर आने से यदि परीक्षा की स्वच्छता एवं पारदर्शिता तनिक भी प्रभावित हुई होगी तो आयोग पहली पाली की परीक्षा को रद्द करने में जरा भी देर नहीं करेगा। अभी तक की जाँच में कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जो एग्जाम की स्वच्छता एवं पारदर्शिता को दूषित करते हैं।
अगले 45 दिनों में होगा एग्जाम
इसलिए आयोग द्वारा दिनांक – 23.12.2022 को आयोजित प्रथम चरण ( 10:00 बजे से 12:15 बजे ) की परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। पहली पाली के सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि उनकी प्रारम्भिक परीक्षा अगले 45 (पैतालीस) दिनों के अंदर दुबारा आयोजित की जाएगी।
आयोग किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होने देगा
इस परीक्षा के सभी अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया जाता है कि आयोग किसी भी अभ्यर्थी के साथ भेद-भाव या अन्याय नहीं होने देगा। आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि है। सभी अभ्यर्थियों को सचेत किया जाता है कि इस परीक्षा से संबंधित किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें और किसी के बहकावे में नहीं आएं।
IMF ने 2023 के लिए भारत की विकास दर 6.1% रहने का अनुमान जताया
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने साल 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान जारी किया है. आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 2023 में 6.1 फीसदी रहने के अनुमान को बरकरार रखा है. IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने भारत के लिए 2023 की इकोनॉमिक ग्रोथ 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. आईएमएफ के मुताबिक भारत तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी.
IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने 2023 के लिए भारत की विकास दर 6.1% रहने का अनुमान जताया। pic.twitter.com/i5mqKbipr0
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। 11 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) पेश करेंगी। इस आर्थिक सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा मिलेगा। आपको बता दें कि हर साल बजट से ठीक एक दिन पहले देश में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटक की ग्रोथ रफ्तार, और चिंता के बारे में विस्तृत ब्योरा पेश किया जाता है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक मंदी के बीच इस आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रोथ की रफ्तार तीन साल में सबसे कम रह सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण में देश की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 6 से 6.8 फीसदी रहने की संभावना है।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण
इकोनॉमिक सर्वे मौजूदा वित्त वर्ष का एक लेखा-जोखा होता है। इसके लिए विभिन्न सेक्टर्स, इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, महंगाई, एक्सपोर्ट जैसे डेटा का सहारा लिया जाता है। आसान भाषा में समझें तो यह सरकार का रिपोर्ट कार्ड होता है। सरकार को कहां से आय होगी, कहां खर्च होगा, महंगाई कितनी रहेगी, कौन सा सेक्टर पास हुआ कौन सा फेल हुआ, इस सब की जानकारी आर्थिक सर्वेक्षण में होती है। एक तरह से अगले दिन आने वाले आम बजट की एक बाहरी तस्वीर आर्थिक सर्वेक्षण से सामने आ जाती है। इसी सर्वे से आकलन लगाया जाता है कि कहां पर नुकसान हुआ और कहां पर फायदा हुआ है।
संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश हो जाने के बाद दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. वी अनंत नागेश्वरन प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। इस दौरान वह पत्रकारों को आर्थिक सर्वेक्षण पर विस्तृत जानकारी देंगे और उनके सवालों के जवाब देंगे। आपको बता दें कि आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार किया जाता है। इस टीम में CEA के साथ वित्त और आर्थिक मामलों के जानकार शामिल रहते हैं।
जिस तरह से सीमित ओवरों की क्रिकेट में हाल के समय में शुभमन गिल और ईशान किशन ने अपना खेल दिखाया है, उस वजह से शिखर धवन के लिए व्हाइट बॉल क्रिकेट में दरवाजे फिलहाल के लिए बंद हो गए हैं। दिग्गज ओपनर को इस समय टीम में चुना नहीं जा रहा है। ऐसे में इस क्रिकेटर के लिए ODI क्रिकेट में कमबैक करना कठिन है। उनको लगातार तीन वनडे सीरीजों में नजरअंदाज किया गया है, लेकिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का कुछ और ही मानना है।
आर अश्विन ने शिखर घवन की तारीफ करते हुए कहा है कि 37 वर्षीय खिलाड़ी टीम के लिए सीमित ओवरों की क्रिकेट में साइलेंट कॉन्ट्रिब्यूटर रहा है। उन्होंने बाएं हाथ के बल्लेबाज को भारतीय क्रिकेट का दिग्गज कहा और एक दिलचस्प सवाल भी किया कि क्या टीम प्रबंधन को भविष्य के बारे में सोचते हुए ईशन किशन को बैक करना चाहिए या धवन को टीम में वापस लाना चाहिए।
आर अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “जब टॉप 3 विफल रहे, तो हमें अतीत में समस्याएं हुईं। शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली। हम रोहित और कोहली के बारे में काफी बातें करते हैं, लेकिन धवन भी दिग्गज हैं। वह चुपचाप अपना काम कर रहे थे। क्या उनकी जगह भरने में समस्या होगी? क्या हमें शिखर धवन के पास वापस जाना चाहिए या हमें इशान किशन को तैयार करना चाहिए, जिन्होंने अभी-अभी दोहरा शतक बनाया है?”
उन्होंने सवाल उठाया कि एक बड़े स्कोर के आधार पर किसी खिलाड़ी का समर्थन करने के बजाय हमें यह देखना चाहिए कि टीम को क्या चाहिए? कौन सा खिलाड़ी दबाव में अच्छा प्रदर्शन उतरेगा? कौन सा किरदार लंबे समय तक हमारी सेवा करेगा? हालांकि, शुभमन गिल के प्रदर्शन से अश्विन काफी खुश नजर आए। गिल ने 3 मैचों की वनडे सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 360 रन बनाए थे। इसमें एक दोहरा शतक और एक शतक शामिल था।
अश्विन बोले, “शुभमन गिल का खेल टीम इंडिया ने बीते दिनों देखा है। उन्होंने बहुत रन बनाए हैं और समय के साथ टीम के लिए सबसे कंसिस्टेंट बल्लेबाज रहे हैं। वह स्लॉग स्वीप और पारंपरिक स्वीप भी खेलते हैं, तेज गेंदबाजों को कट और पुल कर सकते हैं। स्मार्ट बल्लेबाजी, गुणवत्तापूर्ण बल्लेबाजी और अंत की ओर तेजी। उन्होंने आखिरी चार ओवरों में खूबसूरती से तेजी दिखाई और हैदराबाद वनडे में 200 रन पूरे किए।”