1660 में राजा चार्ल्स द्वितीय के साथ राजशाही बहाल की गई थी
नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन करेंगे
गुलामी का भयावह अत्याचार हमारे इतिहास पर दाग है
Britain kingdom: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन की दुखद खबर महाराज चार्ल्स तृतीय के शासनकाल की शुरुआत का प्रतीक है। परिवर्तनकाल में पहले इस बारे में सवाल उठ चुके हैं कि क्या हम नये राजा से हस्तक्षेपकर्ता होने की उम्मीद कर सकते हैं। ये चिंताएं गत वर्षों में कई घटनाओं पर आधारित हैं। प्रिंस ऑफ वेल्स के रूप में चार्ल्स राजनीतिक मुद्दों पर मुखर थे और उन्हें अपने निजी हितों के मुद्दों पर मंत्रियों से पैरवी करते पाया गया था। हाल ही में राजकुमार के धर्मार्थ कार्य के लिए कतर के पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा किए गए नकद दान के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई थी।
अब हो गई है एक प्रथा
नये महाराज के शासनकाल की वास्तविकता बहुत अलग और बहुत कम विवादास्पद रहने वाली है। इसका कारण इस तरह है, एक संवैधानिक राजतंत्र की भूमिका महाराज चार्ल्स अब राष्ट्र प्रमुख हैं जबकि देश एक संवैधानिक राजतंत्र है। इसका मतलब है कि कानून बनाने और पारित करने की क्षमता केवल निर्वाचित संसद के पास है। महाराज जॉन के शासनकाल और 1215 में मैग्ना कार्टा पर हस्ताक्षर के बाद से ब्रिटेन में राजतंत्र की व्यवस्था कानून द्वारा सीमित कर दी गयी। राजा को कानून बनने से पहले किसी विधेयक पर शाही सहमति देनी पड़ती है लेकिन इन दिनों इसे औपचारिकता और एक रस्मी प्रथा माना जाता है।
एक क्रांति ने ब्रिटेन को बना दिया गणतंत्र व्यवस्था बनाये रखने के लिए राजा को एक गैर-विवादास्पद व्यक्ति होना चाहिए और राजनीतिक रूप से तटस्थ रहना चाहिए। इतिहास से पता चलता है कि तब क्या होता है जब एक राजा बहुत अधिक मनमानी करने की कोशिश करता है। उदाहरण के लिए उस वक्त राजा और उसकी प्रजा के बीच तनाव देखा गया था, जब 1642 में राजा चार्ल्स प्रथम ने राजद्रोह के आरोप में सांसदों को गिरफ्तार करने के लिए संसद में प्रवेश किया था। इसके बाद क्रांति हुई और थोड़े समय के लिए ब्रिटेन एक गणतंत्र बन गया।
संसद की सहमति के बिना नहीं बन सकता है कानून वर्ष 1660 में राजा चार्ल्स द्वितीय के साथ राजशाही बहाल की गई थी। हालांकि 1689 में अधिकारों को लेकर पारित विधेयक, 1611 की उद्घोषणा के मामले के साथ युग्मित है जिसमें कहा गया है कि एक राजा संसद की सहमति के बिना कानून नहीं बना सकता है और यह राजा को लोकतांत्रिक रूप से चुनी संसद की इच्छा को स्वीकार करने के लिए मजबूर करता है। व्यावहारिक रूप से नये महाराज उस परिवर्तन से भली-भांति परिचित हैं जो उन्हें अब करना चाहिए। संवैधानिक परंपराएं जो राजकुमार के रूप में उन पर लागू नहीं होती थीं, वह अब राजा के रूप में उनके हर कार्य का मार्गदर्शन करेंगी। जब राजनीतिक हस्तक्षेप की बात आती है तो राजा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह जानते हैं कि उनका दृष्टिकोण अब अलग होना चाहिए।
अपने जन्मदिन पर क्या कहा था? वर्ष 2018 में अपने 70वें जन्मदिन के साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे एहसास है कि संप्रभु होने के नाते यह एक अलग कवायद है। निश्चित रूप से मैं पूरी तरह से समझता हूं कि इसे कैसे संचालित करना चाहिए। राजशाही के बने रहने के लिए, उन्हें संवैधानिक नियमों का सम्मान करना जारी रखना चाहिए। यह एक नये युग की शुरुआत है लेकिन वह काफी हद तक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासन को नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन करेंगे।
क्या बदल सकता है? राष्ट्रमंडल क्षेत्रों के संबंध में, हम उम्मीद कर सकते हैं कि चार्ल्स सामाजिक परिवर्तनों के प्रति अधिक जागरूक होंगे। प्रिंस ऑफ वेल्स के रूप में उन्होंने कागाली में राष्ट्रमंडल के शासनाध्यक्षों की बैठक में टिप्पणी की थी कि कैसे गुलामी की विरासत का सामना करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा था कि मैं इतने सारे लोगों की पीड़ा पर अपने व्यक्तिगत दुख का वर्णन नहीं कर सकता, मैं गुलामी के स्थायी प्रभाव के बारे में अपनी समझ को गहरा करना जारी रखता हूं। इसी तरह, प्रिंस विलियम ने जमैका की यात्रा पर स्वीकार किया था कि गुलामी का भयावह अत्याचार हमारे इतिहास पर दाग है।
साओ पाउलो :छह पत्नियों का अकेला पति अपनी हर पत्नी के साथ बच्चे पैदा करना चाहता है। आर्थर ओ उर्सो अक्सर अपने विवादित शादीशुदा जीवन के कारण सुर्खियां बटोरते रहते हैं। 37 साल के शख्स की एक समय पर नौ पत्नियां थीं। पिछले साल जब उनका दिल टूटा तो उन्होंने अपनी चार पत्नियों को तलाक दे दिया। वह इस महीने की शुरुआत में अपना ‘नया प्यार’ हासिल करने में कामयाब रहे और इस तरह उनकी जिंदगी में छठी जीवनसाथी की एंट्री हुई। डेलीस्टार की खबर के अनुसार, आर्थर की शादी सबसे पहले लुआना काजाकी से हुई थी। बाद में कपल अपने रिलेशनशिप को ओपन करने के लिए सहमत हो गया। अब अपनी छह पत्नियों के साथ शख्स सरोगेसी के जरिए अपने परिवार को बढ़ाना चाहता है। ब्राजील के साओ पाउलो के मॉडल आर्थर ने कहा, ‘मैं अपनी छह पत्नियों में से सबसे पहले गर्भवती होने के लिए किसी एक को चुनकर बाकियों को नाराज नहीं करना चाहता हूं।’
आर्थर ने कहा, ‘हमने सरोगेसी का रास्ता चुना है। मैं कभी भी इस तरह की किसी चीज से नहीं गुजरा हूं इसलिए यह पहली बार है। हम बहुत चिंतित हैं लेकिन बच्चा पैदा करने के इस सपने को सच करने के लिए उत्साहित भी हैं।’ वर्तमान में उनकी एक 10 साल की बेटी है लेकिन अब वह एक बेटे की उम्मीद कर रहे हैं। वह अपनी हर पत्नी से एक-एक बच्चा चाहते हैं। वह शुरुआत में अपनी पहली पत्नी के अंडों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।
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फैसले के साथ सभी पत्नियां
उनके इस फैसले में उनकी सभी पत्नियां अब साथ हैं जो पहले नहीं थीं। हाल ही में छठी महिला से शादी करने वाले आर्थर ने कहा कि ‘यह घर में एक नाजुक विषय है’। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम किसी ऐसी महिला की तलाश कर रहे हैं जो हमारी सरोगेट हो सकती है। वह इस प्रक्रिया पर 33,128 पाउंड यानी 33 लाख रुपए से अधिक खर्च करने को तैयार हैं। आर्थर और उनकी पहली पत्नी लुआना ने 2021 में अपना रिश्ता ओपन करने का फैसला लिया था।
ब्रिटिश खगोलविदों ने एक विशालकाय ब्लैक होल की खोज की है। यह सूर्य के द्रव्यमान से 33 अरब गुना बड़ा है। यह अब तक खोजे गए सबसे विशालकाय ब्लैक होल्स में से एक है। खोज करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का शोध बुधवार को journal Monthly Notices of the Royal Astronomical Society में प्रकाशित हुआ है। शोध के लेखक और इग्लैंड स्थित डरहम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के डॉ जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि एक खगोलशास्त्री के रूप में भी मुझे यह समझना मुश्किल है कि यह चीज कितनी बड़ी है।”
‘ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते’
जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि यह ब्लैक होल अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक हो सकता है, क्योंकि भौतिकविदों को लगता है कि ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते। उनका कहना है, टीम के लिए यह खोज बेहद रोमांचक है। इस तरह के कई विशालकाय ब्लैक होल ब्रह्मांड में फैले हुए हैं। ये सूर्य के द्रव्यमान से 10 अरब से 40 अरब गुना तक बड़े हैं।
एक विशालकाय ब्लैक होल हो गया था गायब
पिछले साल 2022 में मैसाचुसेट्स के हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिकों ने एक बड़े ब्लैक होल की खोज की थी, जो पृथ्वी से 1,560 प्रकाश वर्ष दूर है। दो साल पहले एक विशालकाय ब्लैक होल गायब हो गया था, जो सूर्य से करीब 100 अरब गुना ज्यादा बड़ा था। नासा के वैज्ञानिक इसे अब तक खोज नहीं पाए हैं। नासा इस गायब हुए ब्लैक होल को खोजने के लिए NASA की चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और हबल स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई अता-पता नहीं है।
बता दें कि ब्लैक होल अंतरिक्ष में वो जगह है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी इसमें जाने के बाद बाहर नहीं निकल सकता।
ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस संबंध में वेटिकन ने बताया कि हाल के दिनों में सांस लेने में दिक्कत हुई थी, जिसे देखते हुए बिना समय गंवाए बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर को निगरानी में रखा गया है। फिलहाल वह कई दिनों तक अस्पताल में ही रहेंगे।
पोप फ्रांसिस की कैसे बिगड़ी तबीयत?
वेटिकन सिटी के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी ने बताया कि निर्धारित जांच के लिए जेमेली गए थे। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पोप फ्रांसिस जुलाई 2021 में जेमेली अस्पताल में दस दिनों के लिए भर्ती हुए थे। पोप फ्रांसिस का समय काफी व्यस्ततम होता है। उन्हें हर रोज कई कार्यक्रम में शामिल होना पड़ता है। पोप ने बुधवार को सेंट पीटर्स स्क्वेयर पर आए लोगों को संबोधित किया था। इस दौरान काफी स्वस्थ दिखाई दे रहे थे लेकिन अपनी गाड़ी पर बैठते टाइम उनकी तबीयत हल्की बिगड़ गई।
क्या अगले साल आने वाले हैं भारत? इस खबर के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने पोप फ्रांसिस के बेहतर स्वस्थ के लिए ज्यादा प्रार्थना करने के लिए कहा है। उन्होंने ग्रीक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने सरकारी आवास व्हाइट हाउस से कही है। हाल ही में एक खबर सामने आई थी कि पोप फ्रांसिस अगले साल भारत आने के लिए प्लान बना रहे थे। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि मुझे लगता है कि अगले साल भारत की यात्रा होगी।
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