Connect with us

International

BRICS में शामिल होने के लिए ईरान और अर्जेंटीना ने किया अप्लाई

Published

on


Image Source : AP
BRICS virtual meet(Representational Image)

Highlights

  • शिखर सम्मेलन से पहले सऊदी अरब ने भी समूह में शामिल होने की दिखाई थी रुचि
  • “कई देशों ने उभरते बाजारों के समूह में शामिल होने के लिए रुचि दिखाई है”

BRICS: ईरान और अर्जेंटीना ने पांच देशों के समूह ‘BRICS’ में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। BRICS के हाल में हुए शिखर सम्मेलन के कुछ दिन बाद यह जनकारी रूस के सरकारी मीडिया ने दी। इस शिखर सम्मेलन में ‘पूरे परामर्श और आम सहमति’ से नये देशों को BRICS में शामिल करने पर चर्चा हुई थी। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा के हवाले से सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने कहा कि अर्जेंटीना और ईरान ने BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। 

BRICS में सऊदी अरब ने भी दिखाई थी रुचि

एजेंसी तास के मुताबिक ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादेह ने सोमवार को कहा कि तेहरान ने BRICS की सदस्यता के लिए आवेदन किया है। उन्होंने आशा जताई कि ईरान BRICS के संचालन में योगदान करने और समूह को लाभ पहुंचाने में सक्षम होगा। तास की खबर में कहा गया कि अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने पिछले हफ्ते ‘BRICS प्लस’के सम्मेलन में कहा था कि उनका देश इस समूह का पूर्ण सदस्य बनना चाहता है। खबर के मुताबिक, शिखर सम्मेलन से पहले सऊदी अरब ने भी समूह में शामिल होने में रुचि व्यक्त की।

वर्चुअल शिखर सम्मेलन में उठाया BRICS ब्लॉक के विस्तार का मुद्दा

BRICS ब्लॉक के विस्तार का मुद्दा चीन द्वारा आयोजित 23 जून के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में उठाया गया था। इस वर्ष BRICS की अध्यक्षता चीन के पास थी। शिखर सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा में कहा गया है कि नेता ‘पूरे परामर्श और आम सहमति’ के आधार पर BRICS में नए देशों को शामिल करने की चर्चा करना जारी रखेंगे। ईरान और अर्जेंटीना के BRICS में शामिल होने के लिए आवेदन करने के बारे में मंगलवार को यहां एक प्रेस वार्ता में चीन से पूछा गया। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि कई देशों ने उभरते बाजारों के समूह BRICS में शामिल होने के लिए अपनी रुचि दिखाई है।





Source link

International

India Pakistan War: भारत ने पीओके पर कब्‍जा किया तो परमाणु बम से मिलेगा जवाब… पाकिस्‍तान के पूर्व उच्‍चायुक्‍त अब्‍दुल बासित ने दी गीदड़भभकी

Published

on

By


इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान की सरकार को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर आर्थिक संकट से कैसे पार पाया जाए। इन सबके बीच मुल्‍क के अधिकारी रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के एक बयान को लेकर भारत को धमकाने में लगे हुए हैं। भारत में तैनात रहे पाकिस्‍तान के उच्‍चायुक्‍त अब्‍दुल बासित रूस की आड़ में भारत को धमका रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं वह भारत को पाकिस्‍तान और चीन से संबंध सुधारने की सलाह तक दे रहे हैं। पुतिन ने कहा था कि बेलारूस के साथ हुई एक डील के बाद अब उसकी सीमा में रूस परमाणु सामरिक हथियार तैनात करेगा। उनके इस बयान को संभावित परमाणु युद्ध के तौर पर देखा जा रहा है।

बासित की गीदड़ भभकी
अब्‍दुल बासित ने यू-ट्यूब चैनल पर इस बात के विकल्‍प के बारे में बता रहे थे कि क्‍या पाकिस्‍तान भी रूस की तरह सामरिक हथियारों का प्रयोग कर सकता है। बासित को इसमें कहते हुए सुना जा सकता है कि भारत की तरफ से भी आजकल काफी साहसी बयान दिए जा रहे हैं। वह इन बयानों के जरिए अपनी हिम्‍मत दिखाने की कोशिश कर रहें। इन बयानों में भारत अक्‍सर कहता है कि वह गिलगित-बाल्‍टीस्‍तान पर कब्‍जा कर लेगा, पीओके को अपनी सीमा में मिला लेगा। साथ ही पाकिस्‍तान के सिंधु नदी का पानी रोकने की भी धमकी देता है।

बासित ने कहा, ‘भारत यह जान ले कि पाकिस्‍तान भी जवाब देने की क्षमता रखता है। मुल्‍क नहीं चाहता कि दोनों देशों के बीच बात वहां तक पहुंच जाए जहां उसके पास कोई रास्‍ता न बचे। हम हरगिज नहीं चाहेंगे कि अपना अस्तित्‍व बनाए रखने के लिए इन हथियारों का प्रयोग करना पड़े। यह हथियार तो बस अपनी रक्षा के लिए हैं। अगर इनका प्रयोग हो जाता है तो फिर सबकुछ बदल जाएगा।’
India Pakistan Economy: भारत की पीठ में 1999 में जो छुरा घोंपा, आज भी उसका फल भुगत रहे… पाकिस्‍तानी नेता का बड़ा बयान
भारत को भारी पड़ेगा एक फैसला
बासित की मानें तो भारत और पाकिस्‍तान की स्थिति सोवियत संघ और अमेरिका से काफी अलग है। दोनों देशों के बॉर्डर जुड़े हुए हैं। अगर परमाणु हथियार या फिर सामरिक हथियारों का प्रयोग होगा तो फिर दोनों देशों पर असर पड़ेगा। इसके नतीजे काफी विनाशकारी होंगे। बासित की मानें तो पाकिस्‍तान ने इन हथियारों में महारत हासिल कर ली है।
India Pakistan News: न अमेरिका, न यूरोप, कंगाली से निकलने में भारत कर सकता है पाकिस्‍तान की मदद, पाकिस्‍तानी मीडिया की नसीहत
उनके मुताबिक भारत भी यह बात जानता है कि देश के सामरिक हथियार कितने खतरनाक साबित होंगे। अगर वह दिन आया जब पाकिस्‍तान को यह हथियार इस्‍तेमाल करने पड़े तो ठीक नहीं होगा। अगर भारत गिलगित-ब‍ाल्‍टीस्‍तान या पीओके पर कोई कदम उठाता है या फिर पाकिस्‍तान की तरफ आने वाले पानी को रोकने की कोशिश करता है तो फिर देश के सामने कई चुनौतियां होंगी।

चीन, पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍ते जरूरी
बासित यही नहीं रुके बल्कि वह भारत को धमकाने लगे। उन्‍होंने कहा कि अगर भारत ने कोई भी दुस्‍साहस दिखाया तो फिर पहले जवाब सामरिक हथियारों से दिया जाएगा। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान ने के पारंपरिक हथियार तो भारत को मुश्किल वक्‍त दिखा ही सकते हैं साथ ही साथ उसने अपना परमाणु जखीरा भी बढ़ा लिया है।

यह भारत के हित में है कि वह पाकिस्‍तान और चीन के साथ रिश्‍तों को ठीक करे। बासित ने कहा कि कश्‍मीर का मामला जब तक नहीं सुलझता तब तक भरोसा, लंबे समय तक दोनों देशों के रिश्‍ते नहीं चल सकते और क्षेत्रीय सहयोग भी संभव नहीं है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान ने साल 2005 और 2007 में कश्‍मीर को लेकर जो पहल कीं, वो सभी उपाय धरे के धरे रहे गए। भारत को अगर पाकिस्‍तान के साथ शांति चाहिए तो उसे कश्‍मीर का मामला सुलझाना ही होगा।



Source link

Continue Reading

International

Pakistan Hindu: पाकिस्तान में हिंदुओं को बांटने की नई साजिश, शहबाज सरकार ने जनगणना में शेड्यूल कास्ट को दिखाया नया धर्म

Published

on

By


Pakistan Hindu Population: पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी देश के बंटवारे के बाद से ही कम होती रही है। पाकिस्तान में अहमदी ऐसे हैं, जो खुद को मुस्लिम बताते हैं। लेकिन सरकार उन्हें मुस्लिम नहीं मानती है। अब पाकिस्तान की सरकार हिंदुओं में भी बंटवारे की कोशिश में जुटी है। पाकिस्तानी सरकार ने जनगणना के फॉर्म में अनुसूचित जाति को अलग धर्म बताया है।

 



Source link

Continue Reading

International

खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर पर किया प्रदर्शन, अमृतपाल के समर्थन में नारेबाजी

Published

on

By


Khalistan Protest: अमृतपाल सिंह के समर्थन में अमेरिका के न्‍यूयार्क शहर में खालिस्‍तानियों ने प्रदर्शन किया है। इन प्रदर्शनकारियों ने रिचमंड हिल इलाके में कार रैली भी निकाली। इन कारों के ऊपर खालिस्‍तानी झंडे लगे हुए थे। टाइम्‍स स्‍क्‍वायर पर फरार चल रहे अमृतपाल सिंह की कई तस्‍वीरें भी लगाई गई थीं।

 



Source link

Continue Reading