त्रिकोणीय टी20 सीरीज का आगाज हरारे स्पोर्ट्स क्लब में दक्षिण अफ्रीका और ज़िम्बाब्वे के बीच एक रोमांचक मुकाबले से हुआ, जिसमें मेहमान टीम दक्षिण अफ्रीका ने 5 विकेट से आसान जीत दर्ज की। लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 21 गेंदें बाकी रहते ही मैच अपने नाम कर लिया। यह जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए सीरीज की शानदार शुरुआत है, खासकर कुछ युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने प्रभावित किया।
पहले बल्लेबाजी करते हुए ज़िम्बाब्वे की शुरुआत अच्छी नहीं रही। नन्द्रे बर्गर और लुंगी एनगिडी की सधी हुई और तेज गेंदबाजी के आगे उनके ओपनर्स जूझते दिखे। वेस्ली माधेवेरे जल्दी पवेलियन लौट गए। कप्तान सिकंदर रज़ा (54 रन) ने एक छोर संभाले रखा और रेयान बर्ल के साथ मिलकर 66 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिसने टीम को कुछ सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में मदद की। रज़ा ने दबाव में शानदार अर्धशतक लगाया, जिसमें कुछ बड़े शॉट भी शामिल थे, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज रन गति को अपेक्षित तेज़ी नहीं दे सके। ज़िम्बाब्वे 20 ओवर में 6 विकेट खोकर केवल 141 रन ही बना सकी।
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों का प्रदर्शन इस लक्ष्य को सीमित रखने में बेहद महत्वपूर्ण रहा। जॉर्ज लिंडे सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाजी से ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाजों को बांधे रखा और बेहद किफायती रहते हुए सिर्फ 10 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। लुंगी एनगिडी और नक़ाबा पीटर ने भी महत्वपूर्ण विकेट लिए, जिससे ज़िम्बाब्वे को अंतिम ओवरों में रन बनाने की ज्यादा छूट नहीं मिल पाई। गेंदबाजों की यह सामूहिक कोशिश जीत की आधी नींव थी।
142 रनों का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं रही और थोड़ी लड़खड़ा गई। लुहान-ड्रे प्रिटोरियस पहली ही गेंद पर आउट हो गए, जिसे क्रिकेट की भाषा में `गोल्डन डक` कहते हैं – बल्लेबाज का खाता खोले बिना पहली ही गेंद पर आउट होना। अनुभवी बल्लेबाज रीज़ा हेंड्रिक्स और रस्सी वैन डेर डूसन भी बड़ी पारियां नहीं खेल सके और जल्दी पवेलियन लौट गए। स्कोर 38 पर 3 विकेट हो गया था, और ज़िम्बाब्वे के खेमे में जीत की उम्मीदें जगने लगी थीं।
ऐसे मुश्किल समय में, जब टीम को साझेदारी और तेज़ रन की ज़रूरत थी, डेब्यू कर रहे रुबिन हरमन और युवा सनसनी डेवाल्ड ब्रेविस क्रीज पर आए। इन दोनों ने मिलकर मैच का रुख ही बदल दिया। उन्होंने सिर्फ तेज गति से रन ही नहीं बनाए, बल्कि ज़िम्बाब्वे के गेंदबाजों पर पूरी तरह से हावी हो गए, मानो कह रहे हों `अब हमारी बारी है`! दोनों के बीच 72 रनों की धुआंधार साझेदारी हुई जिसने ज़िम्बाब्वे की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
खासकर डेवाल्ड ब्रेविस तो मानो किसी और ही मूड में थे। उन्होंने अपनी पावर हिटिंग का जबरदस्त नजारा पेश किया और सिर्फ 17 गेंदों में 41 रन ठोक डाले। उनकी इस छोटी मगर तूफानी पारी में 3 गगनचुंबी छक्के और 3 चौके शामिल थे। उनके एक छक्के से तो गेंद सीधे मैदान की छत पर जा गिरी! उनकी इस आक्रामक पारी ने 142 के लक्ष्य को एकदम आसान बना दिया।
रुबिन हरमन ने भी अपने डेब्यू मैच में शानदार प्रदर्शन किया और ब्रेविस का बखूबी साथ दिया। उन्होंने दबाव में बेहतरीन 45 रन बनाए और साबित किया कि वह इस स्तर पर खेलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने भी कुछ आकर्षक बाउंड्री लगाईं। हालांकि, दोनों बल्लेबाज जीत से ठीक पहले आउट हो गए, लेकिन तब तक जीत दक्षिण अफ्रीका की मुट्ठी में आ चुकी थी। कोर्बिन बॉश ने अंतिम ओवरों में आकर 12 गेंदों में तेज 19 रन बनाकर औपचारिकता पूरी कर दी और दक्षिण अफ्रीका ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया।
इस जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका ने त्रिकोणीय सीरीज का शानदार आगाज किया है। युवा खिलाड़ियों जैसे हरमन और ब्रेविस का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला प्रदर्शन टीम के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है। गेंदबाजों ने भी अपना काम बखूबी किया। ज़िम्बाब्वे को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की सख्त ज़रूरत है, खासकर मुश्किल परिस्थितियों में साझेदारियां बनाने और बड़ा स्कोर खड़ा करने पर ध्यान देना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि बाकी सीरीज में दोनों टीमें कैसा प्रदर्शन करती हैं। फिलहाल, पहले मैच में हरारे स्पोर्ट्स क्लब में दक्षिण अफ्रीका का दबदबा साफ नजर आया।