अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल- डिंग ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अंडे की कीमतें अपने चरम पर हैं। बर्ड-फ्लू प्रकोप बढ़ रहा है। सिर्फ अमेरिका में अनुमानित 5.84 करोड़ घरेलू पक्षी मारे गए हैं। ज्ञात प्रकोप वाले फार्म को अपनी मुर्गियों को सामूहिक रूप से मारना पड़ा है, जिससे अंडों की कीमत बढ़ गई है। चिड़ियाघरों ने अपने पक्षियों को संक्रमण से बचाने के लिए घर के भीतर झुंड में रखा है। वायरस भूमि और समुद्रों दोनों पर स्तनधारियों, लोमड़ियों, भालू, मिंक, व्हेल, सील, को अपना शिकार बना रहा है जिससे यह डर पैदा हो गया है कि अगला नंबर इंसान का हो सकता है।’
‘जोखिम कम लेकिन इंसान सुरक्षित नहीं’
उन्होंने लिखा, ‘वैज्ञानिकों का मानना है कि लोगों के बीच प्रसार का जोखिम बहुत कम है। लेकिन गर्म खून वाले लोगों में वायरस के हर नए मामले से संकेत मिलता है कि वायरस नए होस्ट को अपनी चपेट में लेने की क्षमता में सुधार कर रहा है। सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल के एक वायरोलॉजिस्ट रिचर्ड वेबी कहते हैं कि हर बार जब ऐसा होता है तो यह वायरस के लिए अपनी जरूरत के अनुसार बदलाव करने का एक और मौका होता है। अभी वायरस एक कैंडी स्टोर में एक बच्चा है।’
केस कम लेकिन मौत का खतरा ज्यादा
जनवरी में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इक्वाडोर में एक युवा लड़की में एवियन इन्फ्लूएंजा की सूचना दी थी। यह लैटिन अमेरिका में इस तरह का पहला मामला था। पिछले एक साल में ह्यूमन बर्ड फ्लू के सिर्फ पांच मामले सामने आए हैं। लेकिन WHO के अनुसार, H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा के पिछले मानव मामलों में मृत्यु दर 53 प्रतिशत रही है। वायरस का प्रकोप उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका में बढ़ गया है।