बास्केटबॉल के ‘शांत शिल्पकार’ मारियो फियोरेटी का नया नेतृत्व: मिलानो से टोर्टोना तक का रोमांचक सफर

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बास्केटबॉल की दुनिया में, कुछ कहानियाँ समय की कसौटी पर खरी उतरती हैं, जो अटूट समर्पण और अनवरत जुनून को दर्शाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है मारियो फियोरेटी की, जिन्होंने 22 साल तक ओलंपिया मिलानो के सहायक कोच के रूप में अपने कौशल और बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन किया। अब, 52 साल की उम्र में, उन्होंने अपने करियर में एक बड़ा कदम उठाया है: बास्केटबॉल टोर्टोना के मुख्य कोच के रूप में एक नई यात्रा की शुरुआत। यह सिर्फ एक पद परिवर्तन नहीं, बल्कि एक युग का अंत और एक नए अध्याय का प्रारंभ है, जो इतालवी बास्केटबॉल के परिदृश्य को एक दिलचस्प मोड़ देगा।

पर्दे के पीछे का “शांत शिल्पकार”

सन 2003 में ओलंपिया मिलानो में शामिल होने के बाद, मारियो फियोरेटी ने खुद को एक “शांत शिल्पकार” के रूप में स्थापित किया। वे सुर्खियों से दूर रहकर टीम की नींव को मजबूत करने में लगे रहे। 22 वर्षों के इस लंबे कार्यकाल में, उन्होंने क्लब के साथ छह स्कुडेटो, चार इतालवी कप और पांच सुपर कप जीते। उनका योगदान सिर्फ ट्रॉफी तक सीमित नहीं था; उन्होंने 2021 में यूरोलीग फाइनल फोर तक पहुँचने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कल्पना कीजिए, एक ही बेंच पर एट्टिलियो काजा, डैन पीटरसन, सर्जियो स्कैरिओलो और एट्टोरे मेसिना जैसे दिग्गज कोचों के साथ काम करना, उनकी कार्यशैली को समझना और हर बार टीम के अनुकूल ढल जाना। यह अनुभव, किसी भी बास्केटबॉल कोच के लिए एक जीवनभर की शिक्षा से कम नहीं।

फ़ियोरेटी याद करते हैं, “जब मैं पहली बार आया था, तो मैंने सोचा था कि शायद मेरा साक्षात्कार अच्छा नहीं गया। लेकिन कुछ दिनों बाद मुझे फोन आया कि मुझे नौकरी मिल गई है – मुझे विश्वास ही नहीं हुआ।”

52 साल की उम्र में विश्वास की छलांग

52 साल की उम्र में मुख्य कोच की भूमिका निभाना एक साहसिक निर्णय है। फ़ियोरेटी ने मिलानो जैसी प्रतिष्ठित संस्था को छोड़ने के लिए टोर्टोना को चुना, जो एक महत्वाकांक्षी क्लब है। टोर्टोना ने हाल ही में अपने अत्याधुनिक नए घर, सिटाडेला का उद्घाटन किया है, और यह फ़ियोरेटी के लिए नेतृत्व करने का एक आदर्श मंच प्रदान करता है। उनका यह कदम सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को नहीं दर्शाता, बल्कि खेल के प्रति उनके गहरे प्रेम और नई चुनौतियों को स्वीकार करने की उनकी इच्छा को भी दर्शाता है। यह लगभग एक ऐसी फिल्म की कहानी जैसा है जहाँ नायक लंबे समय तक बैकग्राउंड में रहने के बाद, अपनी खुद की कहानी कहने के लिए केंद्र मंच पर आता है।

दिग्गजों से मिले सबक

फ़ियोरेटी का कोचिंग करियर मिलानो से भी पहले शुरू हुआ था। 1999 में, उन्हें इंडियाना में बॉबी नाइट के अधीन एक सीज़न बिताने का अनूठा अवसर मिला। बॉबी नाइट, बास्केटबॉल कोचिंग के एक प्रसिद्ध नाम, से उन्होंने खेल की गहरी समझ विकसित की। बाद में, डैन पीटरसन ने उन्हें एक बार “हमारे स्पीलबर्ग” कहा था, यह उपनाम उनकी उस क्षमता के लिए दिया गया था, जिसमें वे कुछ ही क्लिप्स में एक टीम या स्थिति की पूरी तस्वीर प्रस्तुत कर देते थे। यह दिखाता है कि फ़ियोरेटी सिर्फ एक सहायक नहीं थे, बल्कि खेल के एक गहन विश्लेषक और रणनीतिकार थे।

मिलानो की यात्रा, उनकी यात्रा

फ़ियोरेटी ने मिलानो में कई उतार-चढ़ाव देखे। क्लब के शुरुआती मुश्किल सालों से लेकर जियोर्जियो अरमानी के प्रवेश के बाद के स्वर्णिम युग तक। अरमानी का आगमन क्लब के लिए एक “युगांतकारी छलांग” था, जिसने न केवल वित्तीय स्थिरता प्रदान की, बल्कि महत्वाकांक्षाओं को भी नई ऊँचाई दी।

  • सबसे खुशी का पल: 2014 में पहला स्कुडेटो जीतना, “एक मुक्ति जैसा था,” खासकर सिएना के खिलाफ गेम 6 जीत।
  • सबसे बड़ा पछतावा: 2021 यूरोलीग फाइनल फोर में बार्सिलोना के खिलाफ हार, “बस एक बास्केट और हम फाइनल में होते।”

टोर्टोना के लिए फ़ियोरेटी का दर्शन

टोर्टोना में, फ़ियोरेटी अपना अनुभव, जुनून और ईमानदारी लाना चाहते हैं। वे कहते हैं, “सबसे पहले, प्रतिबद्धता और समर्पण। और फिर, जो कुछ भी आप करते हैं उसमें गुणवत्ता लाना, हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ देना।” वे एक ऐसे कार्य समूह का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ “तथ्य बात करें” और हर कोई क्लब की भलाई के लिए प्रयास करे। टोर्टोना की ठोस स्वामित्व संरचना और आधुनिक सुविधाएँ, विशेष रूप से सिटाडेला, उन्हें इस दर्शन को लागू करने का विश्वास दिलाती हैं।

आगे की राह

इतालवी बास्केटबॉल लीग में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। फ़ियोरेटी का मानना है कि मिलानो और बोलोग्ना अभी भी शीर्ष पर हैं, लेकिन वेनेज़िया और ट्रायस्टे जैसी टीमें भी मजबूत दावेदार हैं। टोर्टोना इस प्रतिस्पर्धी माहौल में कहाँ खड़ा होगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन एक बात निश्चित है: मारियो फ़ियोरेटी अपने शांत स्वभाव और गहरे अनुभव के साथ, टोर्टोना को एक नई पहचान दिलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका यह सफर, उन सभी के लिए प्रेरणा है जो मानते हैं कि कड़ी मेहनत, समर्पण और सही समय पर लिया गया एक साहसिक कदम, करियर में एक नया और रोमांचक मोड़ ला सकता है। अब देखना यह है कि यह “स्पीलबर्ग” अपनी नई कहानी को कैसे निर्देशित करता है!