बास्केटबॉल के इतिहास में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो खेल से बढ़कर एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। कोबे ब्रायंट उन्हीं में से एक थे। उनके करियर की लंबाई `वॉर एंड पीस` उपन्यास से भी ज़्यादा लग सकती है, जिसमें अनगिनत उतार-चढ़ाव और अविस्मरणीय पल थे। शायद यही वजह है कि हॉलीवुड के दिग्गज स्टूडियो वार्नर ब्रदर्स ने एक अनूठी कहानी पर अपनी नज़रें गड़ा दी हैं – एक ऐसी कहानी जो कोबे के पूरे करियर को नहीं, बल्कि उसके एक बेहद निर्णायक दिन को दर्शाएगी: 1996 का एनबीए ड्राफ्ट दिवस।
`8वीं पिक के साथ`: एक निर्णय जिसने इतिहास रचा
फिल्म का अस्थायी शीर्षक `विद द 8th पिक` (With the 8th Pick) है, जो उस खास लम्हे की ओर इशारा करता है जब एक युवा, महत्वाकांक्षी खिलाड़ी के भाग्य का फैसला होने वाला था। यह सिर्फ़ एक बास्केटबॉल मैच का वर्णन नहीं होगा, बल्कि एक ऐसे युवा की गाथा होगी जो अपनी किस्मत के दरवाज़े पर खड़ा था, और एक पल के फैसले ने उसके, और पूरे खेल के इतिहास को बदल दिया। क्या आप सोच सकते हैं कि एक छोटे से बदलाव से बास्केटबॉल का पूरा चेहरा ही बदल जाता?
न्यू जर्सी नेट्स का `ना` और लेकर्स का `हां`
कहानी का मुख्य मोड़ तब आता है जब न्यू जर्सी नेट्स (जो आज ब्रुकलिन नेट्स के नाम से जाने जाते हैं) के पास 8वीं पिक थी। उस वक्त के कोच जॉन कैलिपारी ने कोबे को चुनने की बजाए केरी किटल्स पर दांव लगाना बेहतर समझा। ओह, क्या ख़ुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा नहीं था यह फ़ैसला? खैर, इतिहास गवाह है कि यह निर्णय कितना महंगा साबित हुआ!
इसके बाद, 13वीं पिक के रूप में शार्लोट हॉर्नेट्स ने कोबे को चुना, लेकिन यह सिर्फ़ एक औपचारिक कदम था। हॉर्नेट्स ने तुरंत कोबे को लॉस एंजिल्स लेकर्स के हवाले कर दिया, बदले में व्लाडे डिवैक को पाया। लेकर्स के प्रशंसकों के लिए, यह एक `दिव्य हस्तक्षेप` से कम नहीं था, जिसने उनके भविष्य के `ब्लैक माम्बा` को उनके घर पहुंचा दिया। इस अदला-बदली ने न सिर्फ़ कोबे के करियर की दिशा बदली, बल्कि लेकर्स के लिए दशकों के स्वर्णिम युग की नींव भी रखी।
बास्केटबॉल, सिनेमा और एक अमर विरासत
यह बात कम ही लोग जानते हैं कि बास्केटबॉल कोर्ट से इतर, कोबे ब्रायंट का सिनेमा से भी गहरा रिश्ता था। उन्होंने अपनी बास्केटबॉल यात्रा को दर्शाने वाली एनिमेटेड शॉर्ट फिल्म `डियर बास्केटबॉल` (Dear Basketball) लिखी और सुनाई, जिसके लिए उन्हें ऑस्कर भी मिला। यह साबित करता है कि कोबे सिर्फ़ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक अद्भुत कहानीकार भी थे।
26 जनवरी 2020 को एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके असामयिक निधन ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया था। अगस्त 23 को उनका 47वां जन्मदिन होता। यह फिल्म उनके प्रशंसकों के लिए एक और मौका होगा कि वे उनके असाधारण जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय को बड़े पर्दे पर देख सकें।
एक लेजेंड की शुरुआत का जश्न
`विद द 8th पिक` सिर्फ़ एक खेल फिल्म नहीं होगी। यह दृढ़ संकल्प, अप्रत्याशित मोड़ और एक ऐसे व्यक्ति की कहानी होगी जिसने अपने जुनून से दुनिया को जीत लिया। यह बताएगी कि कैसे एक `गलत` फैसला (नेट्स द्वारा) एक `सही` मार्ग (लेकर्स के लिए) बन गया, और कैसे एक युवा खिलाड़ी ने अपनी मेहनत और कौशल से अमरता हासिल की। हॉलीवुड, एक बार फिर, बास्केटबॉल के इस महान नायक की कहानी को एक नए और रोमांचक अंदाज़ में पेश करने के लिए तैयार है।