बास्केटबॉल के मास्टरमाइंड: सर्जियो स्कारियोलो का विदाई गीत और नई शुरुआत

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बास्केटबॉल की दुनिया में सर्जियो स्कारियोलो एक ऐसा नाम है जो सफलता और दृढ़ता का पर्याय है। स्पेनिश राष्ट्रीय टीम के साथ एक शानदार युग को समाप्त करने के कगार पर खड़े, स्कारियोलो एक नए अध्याय के लिए तैयार हैं: रियल मैड्रिड के साथ। लेकिन इस महान कोच की कहानी सिर्फ जीत और रणनीतियों तक सीमित नहीं है, इसमें कुछ ऐसे पल भी हैं जो किसी को भी “बिस्तर से न उठने” पर मजबूर कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने खुद स्वीकार किया है। आइए, एक ऐसे चैंपियन की यात्रा पर नज़र डालें, जिसने बास्केटबॉल के मैदान पर ही नहीं, बल्कि जीवन के उतार-चढ़ाव में भी खुद को साबित किया है।

स्पेनिश बास्केटबॉल का स्वर्णिम युग

स्पेनिश बास्केटबॉल के इतिहास में सर्जियो स्कारियोलो का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। 2009 में राष्ट्रीय टीम की बागडोर संभालने के बाद, उन्होंने एक ऐसे युग की नींव रखी, जिसमें अनगिनत खिताब और अटूट पहचान शामिल थी। उनकी कोचिंग में, स्पेन ने गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धा और महत्वाकांक्षा का एक ऐसा मिश्रण तैयार किया जो पीढ़ियों तक कायम रहा। 80 के दशक के महान खिलाड़ी, जैसे पाउ गैसोल (Pau Gasol), नवैरो (Navarro) और काल्डेरॉन (Calderon) ने यह सिखाया कि जीतना कोई असंभव सपना नहीं है, और यह भावना टीम में गहरे तक समा गई।

“जब मैं आया, तो बेहतरीन तकनीकी गुणवत्ता थी, लेकिन प्रतिस्पर्धा और महत्वाकांक्षा की कमी थी। फिर 80 के दशक में जन्मे खिलाड़ियों की पीढ़ी (जिनमें पाउ गैसोल, नवैरो, काल्डेरॉन शामिल हैं) ने यह मानना शुरू कर दिया कि जीतना कोई असंभव सपना नहीं है। और यह भावना मजबूत हुई और फिर अगली पीढ़ियों को मिली। हमेशा टीम के लिए थोड़ा खुद का त्याग करना सीखना – एक ऐसी संस्कृति जो समय के साथ बनी रहती है।”

Sergio Scariolo coaching the Spanish National Team

सर्जियो स्कारियोलो स्पेनिश राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देते हुए।

यूरोबास्केट: एक मुश्किल चुनौती

आने वाले यूरोबास्केट में स्कारियोलो की स्पेनिश टीम साइप्रस के एक बेहद मुश्किल समूह में इटली का सामना करेगी। स्कारियोलो खुद इतालवी टीम को प्रतिभाशाली और संतुलित मानते हैं, जिसमें अनुभवी खिलाड़ियों और युवा प्रतिभाओं का बेहतरीन मिश्रण है। उनके अनुसार, यह इतना कठिन समूह है कि यह अनुमान लगाना भी मुश्किल है कि कौन बाहर रह सकता है, और रीगा के लिए क्वालीफाई करना ही अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि होगी।

रियल मैड्रिड: एक नया, महत्वाकांक्षी अध्याय

20 साल से अधिक के अंतराल के बाद, स्कारियोलो रियल मैड्रिड के कोचिंग की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं। यह उनके लिए एक सही, आकर्षक और रोमांचक अवसर है। रियल मैड्रिड सिर्फ एक क्लब नहीं, बल्कि महत्वाकांक्षा, इतिहास और भविष्य की इच्छा वाला एक संस्थान है। स्कारियोलो का लक्ष्य टीम को युवा बनाना है, लेकिन तुरंत प्रतिस्पर्धा करना भी जारी रखना है।

“यह सही, दिलचस्प और आकर्षक अवसर था: रियल एक महत्वाकांक्षी क्लब है, जिसका इतिहास है, वर्तमान है और सबसे बढ़कर भविष्य की इच्छा है। थोड़ा युवा होने की भी इच्छा है, जबकि तुरंत प्रतिस्पर्धा जारी है। जीवन में पहली बार मैं एक ऐसी टीम को प्रशिक्षित करूंगा जिसका यूरोलीग जीतने का मिशन हो सकता है, हालांकि मैं इसे सावधानी से कहता हूं।”

वह सर्जियो `चाचो` रोड्रिगेज (Sergio `Chacho` Rodriguez) जैसे खिलाड़ियों के साथ काम करने को लेकर भी उत्साहित हैं, जो अब क्लब के खेल निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं। स्कारियोलो, रोड्रिगेज के नेतृत्व गुणों से बेहद प्रभावित हैं, जो उन्हें “एक महान उदाहरण” मानते हैं।

जब किस्मत ने दी दोहरी चोट: एनबीए और इंटर का दर्द

हालांकि, हर चैंपियन की यात्रा में ऐसे पल आते हैं, जब किस्मत दोहरी चोट मारती है। सर्जियो स्कारियोलो के लिए ऐसा ही एक दिन 2023 में आया, जब उन्हें एक साथ दो `झटके` लगे, और वह खुद हंसते हुए कहते हैं कि ऐसे दिन बिस्तर से न उठना ही बेहतर होता है।

एक ओर, वह टोरंटो रैप्टर्स (Toronto Raptors) के मुख्य कोच बनने के बेहद करीब थे। वह आखिरी दो उम्मीदवारों में से एक थे और उन्हें वास्तव में लगा कि यह संभव हो सकता है। यह एक सपने जैसा था कि एक यूरोपीय कोच एनबीए टीम का नेतृत्व करे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

दूसरी ओर, उसी दिन फुटबॉल चैंपियंस लीग (Champions League) के फाइनल में उनका पसंदीदा क्लब इंटर मिलान (Inter Milan) मैनचेस्टर सिटी से हार गया, जब रॉडरी (Rodri) ने निर्णायक गोल किया। स्कारियोलो को रैप्टर्स से ना होने की खबर रॉडरी के गोल के ठीक दस मिनट बाद मिली। कल्पना कीजिए, एक ही दिन में आपके दो सबसे बड़े सपनों को झटका लगे! यह निश्चित रूप से किसी भी इंसान के लिए एक कड़वा अनुभव होगा।

Sergio Scariolo reacting during a game

एक मैच के दौरान सर्जियो स्कारियोलो की प्रतिक्रिया।

नेतृत्व के सबक: आदेश नहीं, प्रभाव

वर्षों के अनुभव ने स्कारियोलो को कुछ अनमोल सबक सिखाए हैं। जब उनसे पूछा गया कि वह अपने 29 वर्षीय स्वयं (जब उन्होंने पेसारो में अपने डेब्यू पर चैंपियनशिप जीती थी) से क्या चुराएंगे, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया: “सिर्फ उम्र!” यह उनकी विनम्रता और हास्य की भावना को दर्शाता है।

लेकिन उनके करियर की दो सबसे महत्वपूर्ण सीखें हैं:

  • आदेश नहीं, प्रभाव: “यह आदेश देने के बारे में नहीं है, बल्कि प्रभावित करने के बारे में है। सकारात्मक प्रभाव डालना कुछ भी थोपने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण और टिकाऊ होता है।” यह दर्शाता है कि सच्चा नेतृत्व केवल शक्ति का प्रयोग करने के बजाय, दूसरों को प्रेरित और सशक्त करने में निहित है।
  • बोलने से ज्यादा सुनना: “बोलने से ज्यादा सुनना कहीं अधिक प्रासंगिक है।” स्कारियोलो का मानना है कि खिलाड़ी आपको बहुत सारी जानकारी देते हैं – वे क्या सोचते हैं, उन्हें क्या प्रेरित करता है, उनसे कैसे संबंध स्थापित करें। “अक्सर कान खोलना मुंह खोलने से कहीं बेहतर होता है।” यह सलाह न केवल खेल में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में प्रासंगिक है।

एट्टोर मेसिना (Ettore Messina) जैसे अपने समकालीन कोचों के साथ प्रतिद्वंद्विता के बारे में बात करते हुए, स्कारियोलो इसे प्रतिस्पर्धा से अधिक दोस्ती के रूप में देखते हैं, और मेसिना को हमेशा एक प्रेरणा मानते हैं।

सर्जियो स्कारियोलो का सफर सिर्फ ट्राफियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवीय अनुभव का एक सच्चा प्रतिबिंब है – जीत की खुशी, हार का दर्द, और वर्षों के अनुभव से मिली अमूल्य सीख। स्पेन के साथ अपने शानदार अध्याय को समाप्त करके रियल मैड्रिड में एक नई शुरुआत करते हुए, स्कारियोलो बास्केटबॉल की दुनिया में अपनी छाप छोड़ना जारी रखेंगे। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, हमेशा आगे बढ़ने, सीखने और अपने लक्ष्यों का पीछा करने की भावना को जीवित रखना चाहिए।