गेमिंग की दुनिया में हर नई रिलीज़ के साथ, गेम की कीमत और उसके मिलने वाले मूल्य को लेकर एक दिलचस्प बहस छिड़ जाती है। क्या खेल की कीमत सिर्फ अंकों का एक खेल है, या यह वास्तव में उसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले अनुभव का प्रतिबिंब है? हाल ही में, गियरबॉक्स के सीईओ रैंडी पिचफोर्ड ने आगामी गेम बॉर्डरलैंड्स 4 (Borderlands 4) की कीमत को लेकर कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिन्होंने इस बहस को एक नई दिशा दी है।
पिचफोर्ड का चौंकाने वाला बयान: “पांच गुना अधिक कीमत भी जायज!”
रैंडी पिचफोर्ड, जो अपने बेबाक और कभी-कभी विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने एक बार फिर गेमर्स का ध्यान खींचा है। उनकी हालिया टिप्पणी ने भौंहें चढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि बॉर्डरलैंड्स 4 अपनी वर्तमान कीमत $70 (लगभग ₹5800) के बजाय यदि पांच गुना अधिक दाम पर भी बेचा जाता, तो भी `पैसे वसूल` होता। यह बयान सुनकर ऐसा लगा, मानो वह खेल प्रेमियों को यह चुनौती दे रहे हों कि `असली प्रशंसक` तो किसी भी कीमत पर खरीद ही लेंगे। हालांकि, पिचफोर्ड ने बाद में अपने पुराने बयान, जिसमें उन्होंने `असली प्रशंसकों` के वित्तीय जुगाड़ करने की बात कही थी, पर अफसोस जताया और कहा कि उनका इरादा किसी को `भड़काने` का नहीं था। शायद वे सिर्फ `मूल्य` शब्द के प्रति अपने प्यार को दर्शाना चाहते थे, न कि खिलाड़ियों की जेब खाली करने की मंशा रखते थे!
ऑनलाइन बहस बनाम वास्तविक निर्णय
पिचफोर्ड का मानना है कि ऑनलाइन चर्चाएँ और सोशल मीडिया पर होने वाली बातें, बड़े पैमाने पर कोई मायने नहीं रखतीं। उनका तर्क है कि एक उपभोक्ता के रूप में, यदि आपको लगता है कि किसी मनोरंजन उत्पाद की कीमत उचित है और वह आपको संतुष्टि देगा, तो आप उसे खरीदेंगे; अन्यथा नहीं। उनका दावा है कि गियरबॉक्स ने हमेशा ऐसा मूल्य प्रदान किया है जिससे खिलाड़ी को लगे कि उसे `बेहतर सौदा` मिला है। लेकिन क्या ऑनलाइन बहस सच में मायने नहीं रखती, या यह केवल उस दबाव को कम करने का एक तरीका है जो डेवलपर्स और पब्लिशर्स पर कीमत को लेकर होता है?
और यहीं पर कहानी में एक दिलचस्प मोड़ आता है। पिचफोर्ड ने स्वीकार किया कि खेल की कीमत तय करना उनके हाथ में नहीं है, बल्कि यह 2K गेम्स और उनके मालिक टेक-टू इंटरएक्टिव (Take-Two Interactive) का निर्णय है। तो क्या उनका यह बयान केवल ऑनलाइन बहस को जिंदा रखने का एक तरीका था, या फिर वे सचमुच यह मानते हैं कि उनके खेल की कीमत पांच गुना अधिक भी हो सकती है, जबकि अंतिम निर्णय उनके नियंत्रण में नहीं? यह कुछ ऐसा ही है, जैसे कोई कलाकार अपने पेंटिंग की कीमत लाखों में बताए, लेकिन बेचने का अधिकार गैलरी को दे दे!
अतिरिक्त संस्करण और छिपी हुई लागतें
बेशक, बॉर्डरलैंड्स 4 केवल $70 में उपलब्ध नहीं होगा। डीलक्स, सुपर डीलक्स और कलेक्टर`स एडिशन जैसे महंगे संस्करण भी होंगे, जिनकी कीमत $100 से $150 (लगभग ₹8300 से ₹12500) तक होगी और जिनमें विभिन्न डिजिटल एक्स्ट्रा शामिल होंगे। पूर्व प्लेस्टेशन बॉस शॉन लेडेन की बात यहाँ प्रासंगिक हो जाती है। उनका तर्क है कि कंपनियाँ ट्रिपल-ए गेम की $70 की कीमत इसलिए बनाए रख पाती हैं, क्योंकि वे डीएलसी (DLC), माइक्रोट्रांजैक्शन (microtransactions) और बैटल पास (battle passes) जैसी चीजों से खिलाड़ियों से `टुकड़ों में पैसे` लेती रहती हैं। लेडेन के अनुसार, इन डिजिटल सामग्री की लागत कंपनी के लिए लगभग `शून्य` होती है, जबकि खिलाड़ियों को इसका `मूल्य` महसूस होता है। यह एक ऐसा मॉडल है जहां बेस गेम सिर्फ एक शुरुआती बिंदु होता है, और असली कमाई उसके बाद होती है।
“कंपनियाँ AAA गेम की $70 की कीमत इसलिए बनाए रख पाती हैं, क्योंकि वे DLC, माइक्रोट्रांजैक्शन और बैटल पास जैसी चीजों से खिलाड़ियों से `टुकड़ों में पैसे` लेती रहती हैं। इन डिजिटल सामग्री की लागत कंपनी के लिए लगभग `शून्य` होती है, जबकि खिलाड़ियों को इसका `मूल्य` महसूस होता है।”
— शॉन लेडेन, पूर्व प्लेस्टेशन बॉस
अन्य उदाहरण: जब कीमत सीमा पार कर गई
इस बीच, निंटेंडो ने अपने स्विच 2 (Switch 2) के लॉन्च टाइटल `मारियो कार्ट वर्ल्ड` (Mario Kart World) के लिए $80 चार्ज करके एक नया मानक स्थापित किया। निंटेंडो ने भी इस कीमत का बचाव करते हुए कहा कि खेल अपनी पेशकश के हिसाब से `पैसे वसूल` है। दिलचस्प बात यह है कि खेल ने पहले महीने में 5.6 मिलियन से अधिक यूनिट्स बेचीं, हालांकि यह $500 के स्विच 2 बंडल के साथ भी शामिल था। यह दिखाता है कि यदि गेम का मूल्य वास्तव में उच्च माना जाता है, तो उपभोक्ता थोड़ी अधिक कीमत चुकाने को भी तैयार हो सकते हैं। लेकिन क्या यह हर गेम के लिए लागू होता है?
बॉर्डरलैंड्स 4, जो 12 सितंबर को पीएस5 (PS5), एक्सबॉक्स सीरीज एक्स|एस (Xbox Series X|S), और पीसी (PC) पर लॉन्च होगा (स्विच 2 संस्करण अक्टूबर में), कीमत और मूल्य के इस जटिल नृत्य का नवीनतम उदाहरण है। क्या उपभोक्ता पिचफोर्ड की `अद्भुत मूल्य` की धारणा से सहमत होंगे, या फिर जीवन-यापन की बढ़ती लागत के बीच यह सिर्फ एक और महंगा खेल बन जाएगा जिसे खरीदने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा? समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो तय है: गेमिंग की दुनिया में कीमत को लेकर बहस कभी खत्म नहीं होती, और शायद यह अच्छी बात है, क्योंकि यह हमें एक उपभोक्ता के रूप में अपने पैसे के वास्तविक मूल्य पर विचार करने के लिए मजबूर करती है।