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AUKUS पर अड़ंगा लगाना चाहता था चीन, खानी पड़ी मुंह की! भारत ने विएना में लिया UNSC का बदला, जानें कैसे

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विएना : अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की जनरल कान्फ्रेंस 26 से 30 सितंबर 2022 को वियना में आयोजित हुई। इसमें भारत ने चीन को करारा झटका दिया और AUKUS डील के खिलाफ अपने प्रस्ताव को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। IAEA की कान्फ्रेंस में चीन ने AUKUS डील के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच इस डील के तहत ऑस्ट्रेलिया को पारंपरिक हथियारों से लैस परमाणु-संचालित पनडुब्बियां मिलने वाली हैं।

सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि चीन ने इस डील के खिलाफ कई तर्क दिए। उसने कहा कि यह कदम परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की जिम्मेदारियों का उल्लंघन है। चीन AUKUS और क्वाड जैसे गठबंधनों को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी दखल के रूप में देखता है। उसने इस संबंध में IAEA की भूमिका की भी आलोचना की। ऑकस (ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका) सुरक्षा साझेदारी की पिछले साल सितंबर में घोषणा की गई थी।

Nuclear Submarine: ऑस्ट्रेलिया में परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा तैनात करने जा रहा ब्रिटेन, अब समुद्र में चीन की खैर नहीं
चीन को पीछे हटाने पड़े कदम
सूत्र के हवाले से खबरों में कहा गया, ‘भारत ने आईएईए की तकनीकी मूल्यांकन की सुदृढ़ता को पहचानते हुए इस मामले में एक निष्पक्ष रुख अपनाया। वियना में भारतीय मिशन ने इस संबंध में कई आईएईए सदस्य देशों के साथ मिलकर काम किया। भारत की सुविचारित भूमिका ने कई छोटे देशों को चीन के प्रस्ताव पर एक स्पष्ट रुख अपनाने में मदद की। चीन को यह महसूस हो गया था कि कान्फ्रेंस में उसके प्रस्ताव को बहुमत नहीं मिलेगा। लिहाजा उसने 30 सितंबर को अपना मसौदा प्रस्ताव वापस ले लिया।’

भारत ने लिया चीन से UNSC का बदल
खबरों की मानें तो भारत की ‘कुशल और प्रभावशाली’ कूटनीति की आईएईए के सदस्य देशों और खासकर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे ऑकस देशों ने सराहना की है। इसी के साथ भारत ने चीन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी बदला ले लिया, जहां उसने जैश और लश्कर आतंकवादियों पर प्रतिबंध के प्रस्ताव में अड़ंगा लगा दिया था। यूएनएससी में चीन आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किए जाने के प्रस्तावों पर तीन बार अड़ंगा लगा चुका है। कुछ दिनों पहले चीन ने लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। अमेरिका के इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया था।

क्या है ऑकस समझौता?
AUKUS समझौता सितंबर 2021 में हुआ था जिसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया को परमाणु शक्ति संचालित पनडुब्बियों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत ब्रिटेन और अमेरिका ऑस्ट्रेलिया को कम से कम 8 परमाणु पनडुब्बियां देंगे। इससे दक्षिण चीन सागर और प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया की नौसैनिक ताकत बढ़ेगी। इस महत्वपूर्ण समझौते के तहत तीनों देश आपस में अधिक खुफिया जानकारी भी साझा कर सकेंगे जिससे प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच नजदीकियां बढ़ेंगी।



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Hinduism in Singapore: सिंगापुर में 12000 हिंदू श्रद्धालुओं का मेला, प्राचीन मंदिर के अभिषेक पूजा में हुए शामिल

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सिंगापुर: सिंगापुर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक ‘श्री थेंदयुथापानी मंदिर’ में अभिषेक समारोह में बृहस्पतिवार को करीब 12,000 हिंदू श्रद्धालु शामिल हुए। इस मंदिर को सरकार ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया था। श्री थेंदयुथापानी मंदिर का निर्माण वर्ष 1859 में किया गया था और इसका थाईपुसम से घनिष्ठ संबंध है। यह समारोह भगवान मुरुगन को समर्पित है जिन्हें हिंदू धर्म में साहस, शक्ति और सदगुण का प्रतीक माना जाता है।सरकार की ओर से वर्ष 2014 में इस मंदिर को सिंगापुर का 67वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किये जाने के बाद से मंदिर में यह पहला अभिषेक समारोह आयोजित किया गया। उत्सव की परंपरागत पदयात्रा के दौरान मंदिर अंतिम गंतव्य स्थल होता है और प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार अभिषेक समारोह आयोजित किया जाता है। समारोह के पहले हिस्से की शुरुआत सात बजे सुबह एक बड़े तंबू में हुई जहां पुजारियों ने पाठ किया और पवित्र जल से आशीर्वाद दिया।

‘द स्ट्रेट टाइम्स’ अखबार की खबर के मुताबिक इसके बाद कुम्भाभिषेकम किया गया जिसके तहत गोपुरम (मंदिर के प्रवेश द्वार का स्तंभ) के शीर्ष से पवित्र जल प्रवाहित किया गया और इस दौरान श्रद्धालुओं ने अरोकारा (भगवान मुरुगन की स्तुति में श्रद्धालुओं द्वारा की जाने वाली प्रार्थना) का उच्चारण किया गया। ‘श्री थेंदयुथापानी मंदिर’ का प्रबंधन करने वाले ‘चेट्टियार टेंपल सोसायटी’ के अध्यक्ष एम. सामीनाथन ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 1000 स्वयंसेवियों को लगाया गया है।

अभिषेक में कानून और गृह मामलों के मंत्री के षणमुगम के अलावा संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्री और कानून के द्वितीय मंत्री एडविन टोंग और जोआन पेरेरिया शामिल हुए। प्रधानमंत्री ली सीन लूंग भी समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 संक्रमण के कारण वह शामिल नहीं हो सके।



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स्वीडन की नाटो सदस्यता के लिए बेचैन हुआ अमेरिका, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन पर बढ़ा दबाव

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नाटो ने तुर्किये पर स्वीडन की सदस्यता को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि 11-12 जुलाई को लिथुआनिया में होने वाले शिखर सम्मेन के दौरान स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि करना चाहते हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन से बात की है।

 



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सूडान में जारी हिंसा पर बौखलाया अमेरिका, सूडानी सेना और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों पर लगाया प्रतिबंध

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अमेरिका ने सूडान में हिंसा रोक पाने में विफल रहने पर सूडानी अधिकारियों और दूसरे पक्षों के खिलाफ प्रतिबंध का ऐलान किया है। जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा है, वे अमेरिका का वीजा नहीं पा सकेंगे। अमेरिका और सऊदी अरब कई दिनों से सूडान में शांति वार्ता की मध्यस्थता कर रहे थे।

 



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