दुनिया की पुलिस कहे जाने वाले सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर 21 साल पहले आज ही के दिन यानी 11 सितंबर को हमला हुआ था। इस हमले से अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया हिल गई थी। किसी ने कभी सोचा नहीं था कि चाकचौबंद सुरक्षा रखने वाले देश में कोई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से जाकर विमान टकरा देगा। इस बड़े हादसे ने अमेरिका पर दूरगामी प्रभाव भी डाला। अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग गए। आतंकियों ने इमारतों पर हवाई जहाज जाकर टकरा दिए थे। इस वीभत्स घटना के 21 साल पूरे होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडन व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने व उन्हें याद करने के लिए नया कदम उठाने जा रहे हैं। इसके तहत वे देशभर में यात्रा करेंगे।
हमले में मारे गए थे 2977 लोग
ये दिन अमेरिका के लिए काला दिन कहा जा सकता है। अमेरिका के इतिहास में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसे अलकायदा ने अंजाम दिया था। अफगानिस्तान में बैठ ओसाबा बिन लादेन ने इसके लिए पूरा षड़यंत्र रचा था।यह हमला केवल वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में ही नहीं किया गया था, बल्कि अमेरिका की अस्मिता और उसकी साख पर भी हमला था। आतंकियों की ओर से 4 हमले किए गए थे, इन हमलों में 2977 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 19 हाईजैकर आतंकी भी शामिल हैं। वहीं जो लोग मारे गए, उनमें चार विमानों में सवार 246 यात्री, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और उसके आसपास के इलाके में 2606 और पेंटागन में मौजूद 125 लोग शामिल थे। मारे गए लोगों में ज्यादातर आम नागरिक थे। वहीं राहत और बचाव कार्य के दौरान 344 बचावकर्मी, 71 पुलिसकर्मी और 55 सैन्यकर्मी भी मारे गए थे।
ओसामा बिन लादेन था जिम्मेदार, बनाई थी पूरी रणनीति
इन हमलों के लिए ओसामा बिन लादेन जिम्मेदार था। जिसे कई सालों बाद ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान मार दिया गया था, जो कि पाकिस्तान में छिपा हुआ था। इस ओसामा बिन लादेन ने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए रणनीति बनाई थी। इसके तहत उसने 19 आतंकियों को इसमें शामिल किया था। इन आतंकियों ने अमेरिका के विमान हाइजैक किए और फिर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर क्रैश कर दिया। दोनों बिल्डिंगों में दो अलग-अलग विमान क्रैश हुए, जिसमें हजारों की संख्या में लोग मारे गए थे। वहीं सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
आखिर क्या हुआ था उस दिन?
11 सितंबर 2001 की सुबह अलकायदा आतंकी संगठन के के आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैक कर लिया था। इनका उद्देश्य था कि विमान को अलग अलग ऐतिहासिक स्थानों पर ले जाकर क्रैश करा जाए। सबसे पहला प्लेन क्रैश अमेरिकन एयरलाइन फ्लाइट 11 का हुआ, जो न्यूयॉर्क शहर में सुबह 8.46 बजे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया था। ठीक इसके 17 मिनट बाद यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 दक्षिणी टावर से टकराई। वहीं करीब 9.37 बजे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराई। चौथी हाईजैक फ्लाइट 93 का लक्ष्य व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल बिल्डिंग को निशाना बनाना था, लेकिन यात्रियों से लड़ाई के कारण आतंकियों के हाथ से विमान का नियंत्रण छूट गया और यह पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविल में मैदानी इलाके में जा गिरा।
दिल्ली में कार हादसे का एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक तेज रफ्तार बेकाबू कार को सड़क पर घिसटते और कई बार पलटते देखा जा सकता है. पूरी घटना दक्षिणी दिल्ली के सीआर पार्क इलाके की है. इस घटना में एक 17 साल के स्कूली छात्र को मामूली चोटें आई हैं, उसे बाद में पास के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. बेकाबू कार ने सामने खड़ी एक कैब को भी टक्कर मारी है. इस घटना में कैब चालक गौरव को भी चोटें आई हैं.
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पुलिस की जांच में पता चला है कि बेकाबू कार के पलटने के बाद वो सामने खड़ी एक कैब से जा टकराई. घटना के समय कैब चालक गौरव अपनी गाड़ी में अकेला था. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां बलेनो कार के साथ-साथ एक स्विफ्ट कार क्षतिग्रस्त स्थिति में दिखी.
कैब चालक गौरव ने पुलिस को बताया है कि बलेनो कार का चालक अपनी कार को काफी तेजी से चलाता हुई उसकी कार की तरफ बढ़ रहा था औऱ बाद में उसने उसकी कार को पीछे से टक्कर मार दी. इस मामले को लेकर पुलिस फिलहाल सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है, साथ ही घटना के समय आसपास मौजूद लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
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यूपी में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ
यूपी निकाय चुनाव 2023: निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। जातिगत आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के पिछले आदेश के आधार पर यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
दो दिनों में जारी कर दी जाएगी अधिसूचना
न्यायालय की इस पीठ में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पदीर्वाला की पीठ ने कहा कि आयोग का कार्यकाल छह महीने का था, इसे 31 मार्च, 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट 9 मार्च को पेश की गई है। पीठ ने आगे कहा कि इसके बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना दो दिनों में जारी कर दी जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तब अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि उसने ओबीसी के प्रतिनिधित्व के लिए डेटा एकत्र करने के लिए पहले से ही एक समर्पित आयोग का गठन किया है।
हाई कोर्ट ने जारी कर दिया था आदेश
पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फार्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में ‘के. कृष्ण मूर्ति (डॉ.) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य’ (2010) में संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि ओबीसी आरक्षण के लिए पहले ‘ट्रिपल टेस्ट शर्तो’ को पूरा करना होगा।
इससे पहले इस साल मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिन्होंने आयोग का नेतृत्व किया था और चार अन्य सदस्य – सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार और पूर्व अतिरिक्त कानून सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी मिले थे। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर जाकर शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट सौंपी।
अमृतपाल को लेकर भारत ने नेपाल को अलर्ट किया है। काठमांडू स्थित इंडियन एंबेसी ने नेपाल सरकार को आगाह किया है कि अमृतपाल सिंह फेक पासपोर्ट इस्तेमाल करते हुए वहां शरण ले सकता है। उसका हुलिया भी बताया है।