घंटों तक अधिकारियों की पकड़ में नहीं आया आरोपी: पुलिस
‘अधिकारियों को इस घटना के पीछे कोई मकसद का पता नहीं चला है’
America News: अमेरिका के उत्तर कैरोलाइना के रेलीग में बृहस्पतिवार को 15 वर्ष के एक किशोर ने अपने पड़ोस की एक सड़क पर दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में वह एक अन्य इलाके में गया और वहां गोलीबारी करके तीन और व्यक्तियों की हत्या कर दी और दो अन्य को घायल कर दिया। यह जानकारी पुलिस ने दी। रेलीग पुलिस प्रमुख एस्टेला पैटरसन ने कहा कि बृहस्पतिवार देर रात हुई गोलीबारी के बाद संदिग्ध को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
‘मृतकों में पुलिसकर्मी भी शामिल’
पैटरसन ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि पीड़ित व्यक्ति नस्ली रूप से विविध समूह के हैं और उनकी उम्र 16 से लेकर 50 वर्ष के करीब है। मृतकों में रेलीग का एक पुलिस अधिकारी गेब्रियल टोरेस (29) भी शामिल है जो घटना के समय ड्यूटी पर नहीं था। उक्त अधिकारी गोलीबारी के समय काम पर जा रहा था। पुलिस ने अन्य पीड़ितों की पहचान: निकोल कोनर्स (52), मैरी मार्शल (34), सुजैन कर्नाट्ज़ (49) और जेम्स रोजर थॉम्पसन (16) के तौर पर की है। 59 वर्षीय मार्सिले लिन गार्डनर घायल हैं और शुक्रवार को उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना में घायल हुए एक अन्य पुलिस अधिकारी 33 वर्षीय केसी जोसेफ क्लार्क को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
बड़े पैमाने पर चलाया गया तलाशी अभियान
पुलिस ने कहा कि पुलिस ने संदिग्ध की तुरंत पहचान नहीं की और वह घंटों तक अधिकारियों की पकड़ में नहीं आया। पुलिस ने बताया कि उसे बाद में एक घर में घेर कर पकड़ लिया गया। अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि संदिग्ध कैसे घायल हुआ। पैटरसन ने कहा कि गोलीबारी की घटना के चलते पुलिस ने व्यापक पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया और संदिग्ध को खोजने और पकड़ने के लिए 3 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में छानबीन की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस घटना के पीछे कोई मकसद का पता नहीं चला है।
‘हम सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं’
गवर्नर आर कूपर ने गोलीबारी की घटना को ‘‘बंदूक हिंसा का एक क्रूर और दुखद घटना’’ कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम दुखी हैं, हम गुस्से में हैं और हम सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं।’’ रेलीग मेयर मैरी-एन बाल्डविन ने कहा कि गोलीबारी की घटना शाम करीब पांच बजे शहर के उत्तर-पूर्व स्थित एक आवासीय क्षेत्र में हुई।
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लाहौर: पाकिस्तान में सैन्य प्रतिष्ठानों पर आगजनी के सिलसिले में गिरफ्तार अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की महिला समर्थकों को उनके ”अक्षम्य अपराध” के लिए 10 साल की जेल होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्ला तरार ने शनिवार शाम यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन हमलों के सरगना का पता लगाने के लिए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, “सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल महिलाओं समेत सभी लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।”तरार ने कहा, “नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाली महिलाओं को 10 साल की सजा मिलेगी क्योंकि उनका अपराध माफी के काबिल नहीं है।” उल्लेखनीय है कि नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर अर्धसैनिक बलों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान में व्यापक हिंसा भड़क उठी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इमरान के खिलाफ सैन्य अदालत में चलेगा मुकदमा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि नौ मई को हुई हिंसक घटनाओं में कथित संलिप्तता को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर में आसिफ के हवाले से कहा गया है कि नौ मई की हिंसा में इमरान खान की संलिप्तता के साक्ष्य यदि आने वाले दिनों में सामने आते हैं, तो उन्हें सैन्य अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि नौ मई के हमले के संबंध में अब तक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से…इमरान खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाये जा सकने की संभावना है। उन्होंने अपदस्थ प्रधानमंत्री पर शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाये जा सकने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह कहा।
उनकी यह टिप्पणी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री नौ मई की घटनाओं के सूत्रधार रहे थे।
यूक्रेनी लड़ाकों ने रूस में घुसने की कोशिश की है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसने आर्टिलरी फायर कर यूक्रेनी विध्वंसक समूह को रूस में घुसने से रोका है। इसे व्लादिमीर पुतिन के लिए चिंता बढ़ाने वाली घटना माना जा रहा है। अभी तक रूस, यूक्रेनी ड्रोन हमलों से ही परेशान था।