शतरंज की बिसात पर भारत का दबदबा अब सिर्फ एक उम्मीद नहीं, बल्कि एक हकीकत बनता जा रहा है। हर महीने जारी होने वाली FIDE (अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ) रैंकिंग्स में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन न सिर्फ स्थिर है, बल्कि लगातार बेहतर होता जा रहा है। अगस्त 2025 की ताजा रैंकिंग्स इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि भारतीय शतरंज एक नए स्वर्णिम युग की ओर अग्रसर है। इस बार की रैंकिंग में कई भारतीय सितारों ने अपनी चमक बिखेरी है, जिनमें सबसे प्रमुख नाम युवा प्रतिभा दिव्या देशमुख का है, जिन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल कर इतिहास रच दिया है।
दिव्या देशमुख: करियर की सर्वश्रेष्ठ छलांग
नागपुर की 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने महिला क्लासिकल शतरंज रैंकिंग में 15वां स्थान हासिल कर सबको चौंका दिया है। यह उनके करियर की अब तक की सबसे ऊंची छलांग है और यह दर्शाता है कि दिव्या ने कितनी मेहनत और लगन से अपनी कला को निखारा है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय महिला शतरंज के लिए एक मील का पत्थर है और भविष्य में कई युवा लड़कियों को इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। दिव्या की चालों में सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि एक आत्मविश्वास भी झलकता है, जो उन्हें बड़ी प्रतियोगिताओं में दबाव झेलने में मदद करता है। ऐसा लगता है कि भारतीय शतरंज की `क्वीन` अब केवल एक मोहरा नहीं, बल्कि पूरी बिसात की मालकिन बनने को तैयार है!
युवा ब्रिगेड का परचम: ओपन कैटेगरी में नए सितारे
ओपन कैटेगरी में, भारतीय शतरंज की युवा ब्रिगेड ने तो जैसे दुनिया को संदेश दे दिया है कि वे सिर्फ भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान हैं। आर. प्रज्ञानानंद (रैंक 4), अर्जुन एरिगैसी (रैंक 5), और डी. गुकेश (रैंक 6) ने क्लासिकल फॉर्मेट में टॉप 10 में अपनी जगह बनाकर यह साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं। इन तीनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन असाधारण रहा है और उन्होंने खेल के दिग्गजों को भी कड़ी टक्कर दी है। ऐसा लगता है कि वे शतरंज की दुनिया के `नए बिग थ्री` बनने की राह पर हैं, जो शायद जल्द ही अपने से कहीं अनुभवी खिलाड़ियों को मात देकर शीर्ष पर काबिज़ हो जाएंगे। यह एक ऐसा समय है जब भारतीय शतरंज में सिर्फ एक `आनंद` (विश्वनाथन आनंद) नहीं, बल्कि कई `खुशियां` एक साथ जश्न मना रही हैं!
मुख्य भारतीय खिलाड़ी और उनकी अगस्त 2025 FIDE रैंकिंग्स:
- दिव्या देशमुख: महिला क्लासिकल – 15वां (करियर की सर्वश्रेष्ठ)
- आर. प्रज्ञानानंद: ओपन क्लासिकल – 4वां, ओपन रैपिड – 23वां, ओपन ब्लिट्ज़ – 24वां
- अर्जुन एरिगैसी: ओपन क्लासिकल – 5वां, ओपन रैपिड – 16वां, ओपन ब्लिट्ज़ – 16वां
- डी. गुकेश: ओपन क्लासिकल – 6वां
- विश्वनाथन आनंद: ओपन क्लासिकल – 13वां, ओपन रैपिड – 11वां, ओपन ब्लिट्ज़ – 19वां
- कोनेरू हम्पी: महिला क्लासिकल – 6वां, महिला रैपिड – 10वां, महिला ब्लिट्ज़ – 8वां
- हरिका द्रोणावल्ली: महिला क्लासिकल – 12वां, महिला रैपिड – 12वां, महिला ब्लिट्ज़ – 16वां
- आर. वैशाली: महिला क्लासिकल – 18वां, महिला ब्लिट्ज़ – 12वां
विश्वनाथन आनंद: अनुभव की निरंतर चमक
बात जब भारतीय शतरंज की हो और विश्वनाथन आनंद का ज़िक्र न हो, ऐसा भला कैसे हो सकता है? `लाइटनिंग किड` के नाम से मशहूर इस दिग्गज ने क्लासिकल में 13वां स्थान और रैपिड में 11वां स्थान हासिल कर यह दिखा दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। उनके अनुभव और शांत स्वभाव ने हमेशा युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी है, और आज भी वे वैश्विक मंच पर भारत का झंडा बुलंद किए हुए हैं। आनंद की मौजूदगी ही भारतीय शतरंज की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है और वे आज भी नए खिलाड़ियों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।
भारतीय महिला शतरंज का बढ़ता कद
दिव्या के अलावा, भारत की अन्य महिला खिलाड़ियों ने भी अपनी छाप छोड़ी है। कोनेरू हम्पी ने क्लासिकल में 6वां और हरिका द्रोणावल्ली ने 12वां स्थान हासिल कर अपनी स्थिरता और अनुभव का प्रदर्शन किया है। युवा आर. वैशाली भी क्लासिकल में 18वें और ब्लिट्ज़ में 12वें स्थान पर हैं, जो उनके उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। भारतीय महिला शतरंज टीम एक मजबूत इकाई के रूप में उभरी है, और वे लगातार विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महिला वर्ग में भी भारत का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।
भारत: शतरंज का नया पावरहाउस
भारत अब शतरंज में सिर्फ एक भागीदार नहीं, बल्कि एक पावरहाउस बन चुका है। क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज़ – हर फॉर्मेट में भारतीय खिलाड़ियों की उपस्थिति वैश्विक शतरंज पटल पर भारत की बढ़ती साख को दर्शाती है। यह सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धियां नहीं, बल्कि देश के बढ़ते स्पोर्ट्स कल्चर और ग्रासरूट स्तर पर शतरंज के प्रति बढ़ती रुचि का भी परिणाम है। ऐसा लगता है कि अब `जय हिंद` के साथ-साथ `चेकमेट` का नारा भी उतना ही गूंजेगा!
अगस्त 2025 की FIDE रैंकिंग्स भारतीय शतरंज के लिए एक उत्साहजनक महीना लेकर आई हैं। दिव्या देशमुख के करियर-हाई से लेकर युवा प्रज्ञानानंद, अर्जुन और गुकेश के शानदार प्रदर्शन तक, और विश्वनाथन आनंद के निरंतर दबदबे तक – यह सब भारतीय शतरंज के स्वर्णिम भविष्य की ओर इशारा करता है। आने वाले समय में इन सितारों से और भी कई यादगार प्रदर्शनों की उम्मीद है, जो न सिर्फ देश को गौरवान्वित करेंगे, बल्कि शतरंज की दुनिया में भारत की धाक को और मजबूत करेंगे।