अफगानिस्तान की हैट्रिक: बांग्लादेश का 3-0 से सूपड़ा साफ, क्या यह नए ‘जय-वीरू’ की कहानी है?

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क्रिकेट के मैदान पर जब टीमें एक-दूसरे से भिड़ती हैं, तो कभी-कभी परिणाम इतना एकतरफा होता है कि वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच खेले गए तीसरे और अंतिम वनडे मैच में देखने को मिला। चटगांव के मैदान पर अफगानिस्तान ने न केवल बांग्लादेश को 200 रनों के विशाल अंतर से धूल चटाई, बल्कि 3 मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप भी कर लिया। यह जीत सिर्फ एक मैच की जीत नहीं, बल्कि एक उभरती हुई क्रिकेट शक्ति का ऐलान था, जिसने दुनिया को दिखा दिया कि उन्हें हल्के में लेना एक बड़ी भूल होगी।

एक पारी जो नींव से शिखर तक पहुँची: अफ़गानी बल्लेबाज़ी का जलवा

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी अफगानिस्तान की टीम ने शुरुआत तो ठोस दी, लेकिन बीच में लड़खड़ाती नज़र आई। सलामी बल्लेबाज़ रहमानुल्लाह गुरबाज़ और इब्राहिम जादरान ने मिलकर 99 रनों की शानदार साझेदारी करके मजबूत नींव रखी। इब्राहिम जादरान ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 95 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, हालांकि वह एक बार फिर शतक से चूक गए। उनके लिए यह लगातार दूसरी बार था जब वह 95 रन बनाकर आउट हुए – नियति का क्रूर मज़ाक या शतक तक पहुँचने का एक और संकेत?

लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ जब अनुभवी ऑलराउंडर मोहम्मद नबी क्रीज़ पर आए। एक समय ऐसा लग रहा था कि अफगानिस्तान 250 के आंकड़े तक भी शायद ही पहुँच पाएगी। लेकिन नबी ने, जो पहले 23 गेंदों पर केवल 17 रन बना पाए थे, अचानक गियर बदल दिए। उन्होंने अगले 14 गेंदों पर 45 रन ठोककर बांग्लादेशी गेंदबाज़ों को सकते में डाल दिया। उनकी 37 गेंदों पर 62 रनों की तूफानी पारी में 3 चौके और 6 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। यह नबी का 18वां वनडे अर्धशतक था और उनकी इस पारी ने अफगानिस्तान को 293 रनों के विशाल स्कोर तक पहुँचा दिया, जो एक सूखी पिच पर पहाड़ जैसा था। यह वही पारी थी जिसने मैच का रुख पलट दिया, और जिसने बांग्लादेशी टीम के आत्मविश्वास को उसी क्षण चूर-चूर कर दिया।

बांग्लादेश की बिखरती पारी: 93 रनों पर ऑल आउट!

294 रनों का लक्ष्य पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम के लिए यह कभी भी आसान नहीं होने वाला था। लेकिन उन्होंने जितनी आसानी से घुटने टेके, वह किसी को भी हैरान कर सकता है। बल्लेबाज़ों की तरफ से किसी भी तरह का दृढ़ संकल्प देखने को नहीं मिला। एक समय 70 रन पर 3 विकेट खोकर संघर्ष कर रही बांग्लादेश की टीम देखते ही देखते 81 रनों पर 8 विकेट खो बैठी। यह ऐसा था जैसे कोई इमारत पहले तो धीरे-धीरे झुक रही हो और फिर अचानक भरभरा कर ढह जाए। बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों के लिए यह एक बुरा सपना साबित हुआ, जो किसी सामूहिक अभ्यास सत्र से कम नहीं था जहाँ केवल अफगानिस्तान के गेंदबाज़ों ने ही अच्छा प्रदर्शन किया।

बिलाल सामी, अफगानिस्तान के युवा तेज़ गेंदबाज़, ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट झटके। यह उनके वनडे करियर का पहला पांच विकेट हॉल था, और उन्होंने इसे ऐसे मौके पर हासिल किया जब टीम को इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। उनके साथ स्पिन के जादूगर राशिद खान ने भी 3 विकेट लेकर बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों को अपनी फिरकी पर नचाया। बांग्लादेश की ओर से केवल सैफ हसन (43) ही दोहरे अंक तक पहुँच पाए, जो उनकी बल्लेबाज़ी की विफलता को साफ दर्शाता है। पूरी टीम मात्र 93 रनों पर 27.1 ओवर में सिमट गई, जो कि एक शर्मनाक प्रदर्शन था।

“एक T20I सीरीज हारने के बाद 3-0 से वापसी करना, यह दिखाता है कि इस टीम में कितनी ज़िद और जुनून है। बांग्लादेश के लिए यह एक कड़ा सबक था कि सिर्फ T20I में जीतने से वनडे क्रिकेट में दबदबा नहीं बन जाता।”

अफगानिस्तान क्रिकेट का बढ़ता कद: एक नई पहचान

यह जीत अफगानिस्तान के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह उनकी लगातार पाँचवीं वनडे सीरीज जीत है, जो उनकी बढ़ती हुई शक्ति और स्थिरता को दर्शाती है। कुछ साल पहले तक `अंडरडॉग` कही जाने वाली यह टीम अब बड़ी टीमों को भी चुनौती देने लगी है। इब्राहिम जादरान, रहमानुल्लाह गुरबाज़ जैसे युवा प्रतिभाएं, मोहम्मद नबी और राशिद खान जैसे अनुभवी खिलाड़ी, और बिलाल सामी जैसे नए सितारे—यह सब मिलकर अफगानिस्तान को क्रिकेट के नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिला रहे हैं।

बांग्लादेश के लिए यह सीरीज आत्मचिंतन का विषय है। घरेलू मैदान पर ऐसी हार निश्चित रूप से उनके मनोबल को प्रभावित करेगी। उन्हें अपनी रणनीति और टीम संयोजन पर गंभीरता से विचार करना होगा।

यह मैच सिर्फ एक जीत या हार से कहीं ज़्यादा था। यह अफगानिस्तान क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक था, एक ऐसा युग जहाँ जुनून, प्रतिभा और कड़ी मेहनत मिलकर असंभव को संभव बनाते हैं। क्रिकेट जगत को एक और रोमांचक टीम मिल गई है, जो आने वाले समय में बड़े उलटफेर करने का माद्दा रखती है।