यूरोपीय फुटबॉल ट्रांसफर मार्केट में इन दिनों एक दिलचस्प ड्रामा चल रहा है, जो नाइजीरियाई फॉरवर्ड अडेमोला लुकमैन के संभावित स्थानांतरण को लेकर इटालियन दिग्गज क्लबों इंटर मिलान और अटलांटा के बीच गतिरोध का विषय बन गया है। मामला इतना उलझ गया है कि खिलाड़ी ने खुद भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
अडेमोला लुकमैन मैदान पर अपनी टीम अटलांटा के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए।
खिलाड़ी की महत्वाकांक्षा और `डिजिटल` विरोध
27 वर्षीय अडेमोला लुकमैन, जिन्होंने हाल ही में यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल में शानदार हैट्रिक लगाकर अटलांटा को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी, स्पष्ट रूप से अपने करियर में एक नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं। मिलान स्थित इंटर क्लब ने उनके लिए €45 मिलियन (बोनस सहित) का प्रस्ताव रखा था। यह पेशकश इतनी लुभावनी थी कि लुकमैन खुद इंटर के साथ 2030 तक €4.5 मिलियन प्रति सीजन के व्यक्तिगत समझौते पर पहुँच गए थे।
और तो और, इस नाइजीरियाई फॉरवर्ड ने अपने इरादे सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया को दिखा दिए। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम बायो से `अटलांटा खिलाड़ी` की पहचान हटा दी और क्लब से जुड़ी सारी तस्वीरें भी मिटा दीं। यह एक `डिजिटल` विद्रोह था, जिसने साफ कर दिया कि लुकमैन का दिल अब बर्गमो में नहीं, बल्कि मिलान में है। खिलाड़ी का यह कदम फुटबॉल ट्रांसफर ड्रामा में एक नया मोड़ लेकर आया है, जहाँ अब खिलाड़ी केवल मैदान पर नहीं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अपनी बात रख रहे हैं।
अटलांटा का अड़ियल रवैया: `हम कोई कबाड़ बाजार नहीं`
लेकिन अटलांटा, जिसे प्यार से `ला देआ` (देवी) कहा जाता है, ने अपने स्टार खिलाड़ी को इतनी आसानी से छोड़ने का मन नहीं बनाया है। क्लब ने इंटर के €45 मिलियन के प्रस्ताव को एक सीधे ईमेल के माध्यम से `अस्वीकार्य` करार दिया। अटलांटा के मैनेजमेंट का मानना है कि लुकमैन, जिन्होंने पिछले सीज़न में असाधारण प्रदर्शन किया है, इस कीमत से कहीं ज़्यादा के हकदार हैं।
अटलांटा का स्पष्ट संदेश है: “हम कोई कबाड़ बाजार नहीं, बल्कि एक पेशेवर फुटबॉल क्लब हैं, और हमारे बेहतरीन खिलाड़ी का एक उचित मूल्य है।”
उनका मानना है कि लुकमैन, जिन्होंने मैदान पर अपनी कीमत साबित की है, €50 मिलियन से अधिक के लायक हैं। यह फुटबॉल की दुनिया में मोलभाव का एक क्लासिक उदाहरण है, जहाँ बेचने वाला क्लब अपने एसेट की पूरी कीमत वसूलना चाहता है, खासकर जब खिलाड़ी ने हाल ही में शानदार प्रदर्शन किया हो।
इंटर की दुविधा: आगे क्या?
इंटर के सीईओ बेप्पे मारोटा ने इस मामले पर काफी पहले ही अपनी स्थिति साफ कर दी थी। उन्होंने कहा था कि वे अटलांटा के साथ अगले 2-3 दिनों में बातचीत खत्म करेंगे, और यदि शर्तें अनुकूल रहीं, तो वे आगे बढ़ेंगे, अन्यथा किसी और विकल्प पर विचार करेंगे। यह `शतरंज का खेल` अब गतिरोध की स्थिति में है, जहाँ दोनों पक्ष अपनी चाल चलने से पहले गहरी सोच में डूबे हैं।
सवाल यह है कि क्या इंटर अपनी पेशकश बढ़ाएगा, या फिर वे किसी और `दुल्हन` की तलाश में निकल पड़ेंगे? फुटबॉल ट्रांसफर मार्केट में धैर्य और सही समय पर सही कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्या इंटर अपने `पसंदीदा` खिलाड़ी के लिए और पैसा खर्च करेगा, या अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर किसी और कम खर्चीले विकल्प की ओर मुड़ेगा?
अधर में लटकी चोट या ट्रांसफर ड्रामा?
दिलचस्प बात यह है कि लुकमैन को लेपजिग के खिलाफ अटलांटा के मैत्री मैच के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था। क्लब ने कारण `पिंडली की समस्या` बताया है। अब यह चोट कितनी `गहरी` है या यह सिर्फ ट्रांसफर ड्रामे का एक और `अध्याय` है, यह तो वक्त ही बताएगा। अक्सर, ऐसे संवेदनशील ट्रांसफर स्थितियों में खिलाड़ियों को `सावधानीवश` टीम से बाहर रखा जाता है, ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
निष्कर्ष
यह गाथा अभी खत्म नहीं हुई है। ट्रांसफर विंडो अभी खुली है, और फुटबॉल में `कुछ भी असंभव नहीं` है। देखना यह होगा कि क्या लुकमैन का `डिजिटल विद्रोह` रंग लाएगा और उन्हें इंटर मिलान में उनका सपनों का ट्रांसफर मिलेगा, या फिर अटलांटा अपनी `देवी` को इतनी आसानी से जाने नहीं देगा और लुकमैन को बर्गमो में ही बने रहना होगा। इस हाई-स्टेक गेम में कौन जीतेगा, यह जानने के लिए हमें इंतजार करना होगा।