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12 मई तक सारी फ्लाइट कैंसिल कर दी GoFirst ने | News & Features Network

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एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) ने12 मई तक सारी फ्लाइट कैंसिल कर दी  हैं. इससे पहले गुरुवार को कंपनी ने 15 मई तक के सभी टिकट बुकिंग रोकने का फैसला किया था. इसके अलावा एयरलाइन यात्रियों को टिकट का पैसा लौटाने या भविष्य में यात्रा के लिए उनके इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार कर रही है.

डीजीसीए ने इस बारे में जानकारी दी है. डीजीसीए ने कंपनी को यात्रियों को लौटाने का प्रयास किया था. डीजीसीए ने एयरलाइन से मौजूदा नियमनों के तहत निर्धारित समयसीमा में टिकट का पैसा लौटाने का निर्देश दिया है. इससे पहले एयरलाइन ने 9 मई तक की फ्लाइट्स कैंसिल की थीं.

इससे पहले गुरुवार को एनसीएलटी ने संकट में फंसी एयरलाइन GoFirst की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिनभर चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखने की बात कही.

वाडिया समूह के नियंत्रण वाली एयरलाइन ने अपनी याचिका में दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने की अपील की है. इसके साथ ही एयरलाइन ने अपनी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग रखी है. हालांकि, पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने एयरलाइन के इस आग्रह का विरोध करते हुए कहा कि उनका पक्ष सुने बगैर दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती.

GoFirst की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) का मकसद यह है कि कंपनी परिचालन में बनी रहे.



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एमबीएस हुए चीन के करीब तो घुटनों पर आया अमेरिका, सऊदी अरब को देगा ब्रह्मास्‍त्र, जानिए इसके बारे में सबकुछ

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रियाद: सऊदी अरब और चीन दिन पर दिन करीब होते जा रहे हैं। मीडिल ईस्‍ट के एक ताकतवर देश के साथ ड्रैगन के मजबूत रिश्‍ते निश्चित तौर पर अमेरिका के दुश्‍मन की पुराने रणनीतिक साथी सऊदी के साथ करीबी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में अब बाइडन प्रशासन ने वह फैसला किया है जो सऊदी अरब के साथ उसके रिश्‍तों को नए मोड़ पर ले जा सकेगा। अमेरिका ने सऊदी अरब की मिसाइल रक्षा प्रणाली को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करने के इरादे से टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) को सौंपने का मन बनाया है।

15 अरब डॉलर की डील
अमेरिका के विदेश विभाग ने पिछले अक्टूबर में थाड की संभावित बिक्री को मंजूरी दी थी। यह सौदा 15 अरब डॉलर का था। अमेरिका चार साल में सात थाड मिसाइल रक्षा प्रणाली और 360 मिसाइल देगा सऊदी अरब को सौंपेगा। थाड को लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह बैलिस्टिक मिसाइलों को उड़ान के अंतिम चरण में पलभर में ही नष्‍ट कर सकती है। इस सिस्टम को ‘हिट-टू-किल’ सिद्धांत का उपयोग करके तैयार किया गया है। इसलिए इंटरसेप्‍टर के पास कोई वारहेड नहीं है। एक्‍स बैंड रडार थाड का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। इसका रडार स्टेशन 1000 किमी दूर तक बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगा सकता है और उन्हें ट्रैक कर सकता है। इसकी अधिकतम इंटरसेप्ट रेंज 200 किमी और ऊंचाई 150 किमी है।
इजरायल और सऊदी अरब के रिश्‍ते पटरी पर आने में लगेगा अभी समय, नेतन्‍याहू से क्‍या चाहते हैं क्राउन प्रिंस एमबीएस
करीब होते चीन और सऊदी

मार्च में चीन ने ईरान और सऊदी अरब के बीच एक ऐतिहासिक समझौते कराने में मध्यस्थता की थी। माना जा रहा है कि यह समझौता मीडिल ईस्‍ट के तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। सऊदी अरब ने भी इस समझौते के एवज में चीन के रोंगशेंग पेट्रोकेमिकल का 10% खरीदने के लिए 3.6 बिलियन डॉलर के सौदे की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही उसने चीन के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को काफी मजबूत कर लिया है। इसके बाद वह कंपनी को प्रति दिन 480,000 बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति करेगा।

दुश्‍मनी का फायदा मीडिल ईस्‍ट को
विश्लेषकों का कहना है कि जैसे-जैसे चीन और रूस के साथ अमेरिका की दुश्‍मनी बढ़ रही है, सऊदी अरब और बाकी मीडिल ईस्‍ट देश अपनी साझेदारी में विविधता लाने के रास्‍ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि सऊदी अरब भले ही चीन के करीब आ रहे हों, लेकिन चीन क्षेत्र में अमेरिका का प्रतिद्वंद्वी बनेगा इस बात की संभावना बहुत कम है। सऊदी विश्लेषक और लेखक अली शिहाबी की मानें तो अमेरिका के साथ उनके देश का पारंपरिक संबंध अब खत्म हो चुका है। सऊदी अरब संबंधों में और ज्‍यादा खुलापन रखने लगा है। वहीं चीन ने भी मीडिल ईस्‍ट में अमेरिका के दबदबे वाली धारणा को खत्‍म कर दिया है।



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न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर दिखाया गया ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का वीडियो, भारतीयों को संबोधित करेंगे राहुल गांधी

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वॉशिंगटन : न्यूयॉर्क के जेविट्स सेंटर में रविवार को प्रवासी भारतीयों के साथ राहुल गांधी की बातचीत से पहले, टाइम्स स्क्वायर बिलबोर्ड पर कांग्रेस नेता के भारत जोड़ो यात्रा का वीडियो दिखाया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर हैं। राहुल ने सैन फ्रांसिस्को से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी जहां उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया था। इसके बाद उन्होंने वाशिंगटन डीसी में अपना कार्यक्रम पूरा किया। राहुल गांधी अमेरिका में अपने भाषणों से लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं।सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन डीसी में अपनी बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस की स्वतंत्रता, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी, भेदभाव और नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा। इस बीच, टाइम्स स्क्वायर के बिलबोर्ड पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का एक वीडियाो दिखाया गया है। न्यूयॉर्क की यात्रा से पहले, राहुल गांधी भारतीय-अमेरिकी उद्यमी फ्रैंक इस्लाम और शीर्ष व्यापार जगत के नेताओं, सीनेटरों और कांग्रेसियों की ओर से आयोजित डिनर में भी शामिल होंगे।

अमेरिका पहुंचे कांग्रेस नेता

जेविट्स सेंटर में राहुल गांधी के कार्यक्रम को हिट कराने के लिए तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख ए रेवंत रेड्डी, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी प्रवक्ता अलका लांबा और कई अन्य कांग्रेस नेता भी अमेरिका के न्यूयॉर्क पहुंचे। न्यूयॉर्क की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय के हार्वर्ड क्लब में विचारकों और रचनात्मक उद्योग में सफल भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह से मिलेंगे, लंच के कार्यक्रम में भाग लेंगे और एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे।

मैं भारत सरकार के साथ… अमेरिका में पीएम मोदी की नीति के संग क्‍यों खड़े हुए राहुल गांधी, चीन को बताई औकात

सांसदी जाने पर बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने पर अमेरिका में चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि मैं पहला ऐसा व्यक्ति हूं जिसे मानहानि की इतनी बड़ी सजा मिली। उन्होंने कहा, ‘जब मैं 2004 में राजनीति में आया था तब कभी नहीं सोचा था कि यह संभव होगा।’ मार्च में सूरत कोर्ट ने उन्हें आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि राहुल गांधी को जमानत मिल गई थी लेकिन उन्हें वायनाड लोकसभा सीट से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।



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इजरायल और सऊदी अरब के रिश्‍ते पटरी पर आने में लगेगा अभी समय, नेतन्‍याहू से क्‍या चाहते हैं क्राउन प्रिंस एमबीएस

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Saudi Arabia Israel News: सऊदी अरब और इजरायल के बीच सबकुछ ठीक होने में अब बस थोड़ा ही फसला बचा है। जो रिपोर्ट्स आ रही हैं उसके मुताबिक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान (एमबीएस) ने इजरायल के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने के लिए सारी तैयारियां कर ली हैं।

 



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