Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह के बाद गुजरों को साधना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव 2018 में गुर्जर समाज ने कांग्रेस के पक्ष में जमकर वोटिंग की थी। लेकिन सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से इस बार हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। गुर्जर समाज पिछली बार की तरह कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर पाएगा, इसको लेकर संशय बना हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव से पहले सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। चर्चा है कि गुर्जर बाहुल्य सीटों पर सचिन पायलट को आगे कर पार्टी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस-बीजेपी गुर्जरों को साधने में जुटी
कांग्रेस ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। नाराज गुर्जर समुदाय सचिन पायलट के साथ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी गुर्जर समुदाय के बीच वर्चस्व बढ़ाने में लगे हुए हैं। उन्होंने भगवान देवनारायण की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर गुर्जर समाज को हितैषी दिखाने का प्रयास किया है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी का फोकस भी गुर्जर समुदाय पर है। पीएम नरेंद्र मोदी गुर्जर समुदाय के आराध्य भगवान देवनारायण की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंच गए। कांग्रेस के नेता वसुंधरा राजे के शासन में निहत्थे गुर्जरों पर गोली चलाने का मुद्दा उठा रहे हैं। कांग्रेस नेता हिम्मत सिंह गुर्जर का कहना है कि बीजेपी किस मुंह से गुर्जरों से वोट मागंती है। गुर्जर आरक्षण के दौरान वसुंधरा राजे ने गुर्जरों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे।
इन जिलों में है गुर्जर समुदाय का प्रभाव
विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी ने 9 गुर्जर समुदाय के लोगों को प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस ने 12 गुर्जर समाज के प्रत्याशियों को टिकिट दिया। 7 प्रत्याशी जीत कर विधानसभा में पहुंचे। राजस्थान के 12 जिलों में गुर्जर समाज का प्रभाव देखने को मिलता है। भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, दौसा, कोटा, भीलवाड़ा, बूंदी, अजमेर और झुंझुनू जिलों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज से 8 विधायक जीत कर सदन पहुंचे थे। 7 प्रत्याशी कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे। एक प्रत्याशी जोगिन्दर सिंह अवाना बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा का सदस्य बने। सभी बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय कर लेने के बाद विधानसभा में 8 गुर्जर समाज के सदस्य हो गए। राजस्थान विधानसभा 2018 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर गुर्जर समाज का एक भी विधायक जीत दर्ज कर विधानसभा नहीं पहुंच पाया। सियासी जानकारों का कहना है कि सुलह के बाद कांग्रेस को एक बार सचिन पायलट से उम्मीद है।
खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्शन
महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।