Connect with us

International

सुन लें यूक्रेन और अमेरिका… डोनबास के लोग अब रूसी नागरिक, हमला हुआ तो… पुतिन ने दे दी आखिरी चेतावनी

Published

on


मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के कब्जे वाले चार इलाकों को अपने देश में शामिल करने के आधिकारिक दस्तावेद पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने दस्तावेज पर हस्ताक्षर के वक्त रूसी शीर्ष अधिकारियों को सबोधित करते हुए यूक्रेन और पश्चिमी देशों को चेतावनी भी दे दी। पुतिन ने कहा कि डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन के लोग अब रूसी नागरिक हो चुके हैं। अगर इन पर हमला हुआ तो उसे रूस पर हमला माना जाएगा। रूस अपने नागरिकों और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने वादा किया कि इन इलाकों में यूक्रेनी हमले से बर्बाद हुए अस्पताल, स्कूलों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों का फिर से निर्माण किया जाएगा। उन्होंने युद्ध में मारे गए रूसी सैन्य अधिकारियों और डोनबास के नागरिकों को शहीद का दर्जा दिया और भाषण के दौरान उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा।

पुतिन ने जनमत संग्रह का दावा कर यूक्रेनी इलाके को शामिल किया
पुतिन ने क्रेमलिन में कहा कि रूस के प्रिय निवासियों, डोनेट्स्क और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के निवासियों, जापोरिजिया, और खेरसॉन क्षेत्रों के लोग … आप जानते हैं कि जनमत संग्रह हुआ है। परिणामों की गणना की गई है। परिणाम ज्ञात हैं। लोगों ने अपनी पसंद बनाई है , एक स्पष्ट पसंद है। पुतिन ने विश्वास व्यक्त किया कि संघीय विधानसभा रूस में नए क्षेत्रों के औपचारिक प्रवेश पर कानूनों का समर्थन करेगी। पुतिन ने कहा कि मुझे यकीन है कि संघीय विधानसभा रूस में चार नए क्षेत्रों, रूसी संघ के चार नए विषयों के प्रवेश और गठन पर संवैधानिक कानूनों का समर्थन करेगी, क्योंकि यह लाखों लोगों की इच्छा है।

यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों को पुतिन ने बताया नायक
पुतिन ने कहा कि यह अधिकार रूस के साथ चार क्षेत्रों के निवासियों की पीढ़ियों की ऐतिहासिक एकता पर भी आधारित है, प्राचीन रूस की अवधि से लेकर कैथरीन द ग्रेट तक, द्वितीय विश्व युद्ध तक। उन्होंने फरवरी 2014 में कीव में तख्तापलट के बाद पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में 2014 समर्थक रूसी अशांति का जिक्र करते हुए कहा, “हम हमेशा रूसी वसंत के नायकों को याद करेंगे।” जो अपनी मातृभाषा में अधिकार के लिए मरे, अपनी संस्कृति, परंपराओं, अपने विश्वास को बनाए रखने के लिए। उनके जीने के अधिकार के लिए। “इसमें डोनबास के लड़ाके, ‘ओडेसा खतिन’ के शहीद, अमानवीय आतंकवाद के शिकार शामिल हैं। इसमें स्वयंसेवक और मिलिशियामेन, नागरिक, महिलाएं और बच्चे, बुजुर्ग शामिल हैं। रूसी, यूक्रेनियन, विभिन्न राष्ट्रीयताओं के लोग भी शामिल हैं।

अमेरिका पर जमकर बरसे पुतिन
उन्होंने अमेरिका पर रूस के पूर्ववर्ती नेताओं को बहकाने का आरोप भी लगाया। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने हमारे पूर्ववर्ती नेताओं को हथियारों को कम करने पर राजी कर मुर्ख बनाया। उन्होंने अपने हथियार कम नहीं किए और हमें ऐसा करने के लिए राजी कर लिया। इससे क्या हुआ। अमेरिका लाखों लोगों की हत्या का आरोपी है। उसने पूरी दुनिया में एक देश को दूसरे से लड़ाया। इतना ही नहीं, अमेरिका तो अपने ही सहयोगियों पर हमला करता है। कोई भी सुरक्षित नहीं है। वह पूरी दुनिया को कंट्रोल करना चाहता है। अमेरिका ने ही जापान पर परमाणु बम से हमला किया। अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है।

यूक्रेन से युद्ध विराम की अपील की
पुतिन ने अपने भाषण के दौरान यूक्रेन से सीजफायर करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के चढ़ाने पर यूक्रेन की सरकार नाजीवादी तरीके अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेनी सरकार रूसी भाषी लोगों का नरसंहार कर रही थी। ऐसे में रूस का यह दायित्व था कि वह अपने लोगों की रक्षा करे। इसी कारण वहां के लोगों ने यूक्रेनी सत्ता के खिलाफ हथियार उठाया और उन्हें अपनी ताकत का अहसास कराया। पुतिन ने कहा कि अपनी आजादी के लिए लड़ने वाले लोग हमारे असली नायक हैं।



Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

International

Hinduism in Singapore: सिंगापुर में 12000 हिंदू श्रद्धालुओं का मेला, प्राचीन मंदिर के अभिषेक पूजा में हुए शामिल

Published

on

By


सिंगापुर: सिंगापुर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक ‘श्री थेंदयुथापानी मंदिर’ में अभिषेक समारोह में बृहस्पतिवार को करीब 12,000 हिंदू श्रद्धालु शामिल हुए। इस मंदिर को सरकार ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया था। श्री थेंदयुथापानी मंदिर का निर्माण वर्ष 1859 में किया गया था और इसका थाईपुसम से घनिष्ठ संबंध है। यह समारोह भगवान मुरुगन को समर्पित है जिन्हें हिंदू धर्म में साहस, शक्ति और सदगुण का प्रतीक माना जाता है।सरकार की ओर से वर्ष 2014 में इस मंदिर को सिंगापुर का 67वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किये जाने के बाद से मंदिर में यह पहला अभिषेक समारोह आयोजित किया गया। उत्सव की परंपरागत पदयात्रा के दौरान मंदिर अंतिम गंतव्य स्थल होता है और प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार अभिषेक समारोह आयोजित किया जाता है। समारोह के पहले हिस्से की शुरुआत सात बजे सुबह एक बड़े तंबू में हुई जहां पुजारियों ने पाठ किया और पवित्र जल से आशीर्वाद दिया।

‘द स्ट्रेट टाइम्स’ अखबार की खबर के मुताबिक इसके बाद कुम्भाभिषेकम किया गया जिसके तहत गोपुरम (मंदिर के प्रवेश द्वार का स्तंभ) के शीर्ष से पवित्र जल प्रवाहित किया गया और इस दौरान श्रद्धालुओं ने अरोकारा (भगवान मुरुगन की स्तुति में श्रद्धालुओं द्वारा की जाने वाली प्रार्थना) का उच्चारण किया गया। ‘श्री थेंदयुथापानी मंदिर’ का प्रबंधन करने वाले ‘चेट्टियार टेंपल सोसायटी’ के अध्यक्ष एम. सामीनाथन ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 1000 स्वयंसेवियों को लगाया गया है।

अभिषेक में कानून और गृह मामलों के मंत्री के षणमुगम के अलावा संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्री और कानून के द्वितीय मंत्री एडविन टोंग और जोआन पेरेरिया शामिल हुए। प्रधानमंत्री ली सीन लूंग भी समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 संक्रमण के कारण वह शामिल नहीं हो सके।



Source link

Continue Reading

International

स्वीडन की नाटो सदस्यता के लिए बेचैन हुआ अमेरिका, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन पर बढ़ा दबाव

Published

on

By


नाटो ने तुर्किये पर स्वीडन की सदस्यता को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि 11-12 जुलाई को लिथुआनिया में होने वाले शिखर सम्मेन के दौरान स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि करना चाहते हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन से बात की है।

 



Source link

Continue Reading

International

सूडान में जारी हिंसा पर बौखलाया अमेरिका, सूडानी सेना और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों पर लगाया प्रतिबंध

Published

on

By


अमेरिका ने सूडान में हिंसा रोक पाने में विफल रहने पर सूडानी अधिकारियों और दूसरे पक्षों के खिलाफ प्रतिबंध का ऐलान किया है। जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा है, वे अमेरिका का वीजा नहीं पा सकेंगे। अमेरिका और सऊदी अरब कई दिनों से सूडान में शांति वार्ता की मध्यस्थता कर रहे थे।

 



Source link

Continue Reading