साउथ अफ्रीका की टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी वनडे सीरीज के चौथे मुकाबले में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से पीछे मेजबान अफ्रीकी टीम ने चौथे वनडे में कंगारू टीम के गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई। साउथ अफ्रीका ने इस मैच में पहले खेलते हुए 416 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। उनकी तरफ से हेनरिक क्लासेन ने 83 गेंदों पर 174 रनों की धाकड़ पारी खेली। क्लासेन ने इस पारी में 13 चौके और 13 छक्के लगाए। वहीं डेविड मिलर ने 45 गेंदों पर 82 रनों की आतिशी पारी खेली।
साउथ अफ्रीका ने वनडे क्रिकेट में सातवीं बार 400 या उससे अधिक का स्कोर बनाया। साथ ही टीम इंडिया को पीछे छोड़ वह सबसे ज्यादा बार ऐसा करने वाली टीम बन गई। वहीं वनडे क्रिकेट में साउथ अफ्रीका का यह पांचवां सबसे बड़ा टोटल भी रहा। इस टीम ने वनडे क्रिकेट में अपना सबसे बड़ा स्कोर 439 रन के तौर पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 2015 में बनाया था। इस मैच में क्लासेन और मिलर की जबरदस्त बल्लेबाजी से टीम ने रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी।
ODI में सबसे ज्यादा बार 400 का आंकड़ा छूने वाली टीमें
7- साउथ अफ्रीका
6 – भारत
5 – इंग्लैंड
2 – ऑस्ट्रेलिया
2 – श्रीलंका
क्या रहा इस पारी का पूरा हाल?
अगर इस पूरी पारी के ऊपर संक्षिप्त तौर पर नजर डालें तो साउथ अफ्रीका की टीम ने पहले बल्लेबाजी की। चोटिल कप्तान टेम्बा बावुमा की जगह ऐडेन मारकरम इस मैच में टीम के कप्तान हैं। साउथ अफ्रीका को क्विंटन डी कॉक ने 45 और रीजा हेंड्रिक्स ने 28 रन बनाकर ठीकठाक शुरुआत दी। इसके बाद रासी वान दर डूसेन ने 62 रन बनाकर शानदार अर्धशतक जड़ा। कप्तान मारकरम सिर्फ 8 रन ही बना पाए लेकिन उसके बाद शुरू हुआ क्लासेन और मिलर का शो। दोनों ने 5वें विकेट के लिए 222 रन जोड़े। क्लासेन और मिलर ने मिलकर कुल 19 चौके और 18 छक्के जड़े। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया को मिला जीत के लिए 417 रनों का लक्ष्य। इस सीरीज का यह मुकाबला साउथ अफ्रीका के लिए करो या मरो जैसा है। यहां टीम जीतकर ही सीरीज में 2-2 की बराबरी कर पाएगी। वरना ऑस्ट्रेलिया 3-1 की अजेय बढ़त बना लेगी।
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खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।