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संसद के बहिष्कार पर NDA ने विपक्षी पार्टियों पर कसा तंज, कहा-लोकतंत्र का अपमान तो ना

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Image Source : PTI/FILE
नए संसद के उद्घाटन के बहिष्कार पर NDA ने विपक्षी पार्टियों पर कसा तंज

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA ने बुधवार को विपक्षी दलों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का कदम न केवल अपमानजनक है, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है। सरकार ने बहिष्कार को “लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति उपेक्षा को उनकी टोपी में एक और पंख” करार दिया। एनडीए ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने के लिए एक साथ आने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा, “उनकी एकता राष्ट्रीय विकास के लिए एक साझा दृष्टि से नहीं, बल्कि वोट बैंक की राजनीति के साझा अभ्यास और भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति से चिह्नित है। ऐसी पार्टियां कभी भी भारतीय लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की उम्मीद नहीं कर सकती हैं।”

ये हैं वो 20 विपक्षी दल 


उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले 20 विपक्षी दल हैं जिनमें कांग्रेस, एआईयूडीएफ, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), समाजवादी पार्टी, टीएमसी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) , राजद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (मणि), विधुथलाई चिरुनथिगल काची, राष्ट्रीय लोकदल, क्रांतिकारी, सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम शामिल हैं। 

‘यह केवल अपमानजनक नहीं है, यह…’

एक आधिकारिक बयान में, एनडीए ने कहा, “हम, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अधोहस्ताक्षरी दल, 28 मई रविवार को निर्धारित नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए 19 राजनीतिक दलों के अवमाननापूर्ण निर्णय की निंदा करते हैं। यह केवल अपमानजनक नहीं है; यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है।” उन्होंने कहा कि संसद एक पवित्र संस्था है, हमारे लोकतंत्र का धड़कता हुआ दिल है, और निर्णय लेने का केंद्र है जो हमारे नागरिकों के जीवन को आकार और प्रभावित करता है। इस संस्था के प्रति इस तरह का खुला अनादर न केवल बौद्धिक दिवालिएपन को दर्शाता है बल्कि लोकतंत्र के सार के लिए एक परेशान करने वाली अवमानना ​​है।

‘यह तिरस्कार का पहला उदाहरण नहीं’

वर्षों से संसदीय प्रक्रियाओं को बाधित करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए, NDA ने कहा, “अफसोस की बात है, यह इस तरह के तिरस्कार का पहला उदाहरण नहीं है। पिछले नौ वर्षों में, इन विपक्षी दलों ने बार-बार संसदीय प्रक्रियाओं के लिए बहुत कम सम्मान दिखाया है, सत्रों को बाधित किया है, वाकआउट किया है। महत्वपूर्ण विधानों के दौरान, और अपने संसदीय कर्तव्यों के प्रति एक खतरनाक अभावग्रस्त रवैये का प्रदर्शन किया। यह हालिया बहिष्कार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अवहेलना की उनकी टोपी में सिर्फ एक और पंख है।

‘उनके पाखंड की कोई सीमा नहीं है’

“संसदीय शालीनता और संवैधानिक मूल्यों के बारे में प्रचार करने के लिए इन विपक्षी दलों की दुस्साहस उनके कार्यों के आलोक मेंउपहास से कम नहीं है। उनके पाखंड की कोई सीमा नहीं है – उन्होंने भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति की अध्यक्षता में विशेष जीएसटी सत्र का बहिष्कार किया।” प्रणब मुखर्जी ने समारोह में भाग नहीं लिया जब उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, और यहां तक कि रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर देर से शिष्टाचार भेंट की। 

उन्होंने कहा कि जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, यह हमें बांटने की नहीं, बल्कि एकता और हमारे लोगों के कल्याण के लिए एक साझा प्रतिबद्धता की जरूरत है। हम विपक्षी दलों से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भारत के 140 करोड़ लोग हमारे लोकतंत्र और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के इस घोर अपमान को नहीं भूलेंगे। बयान में कहा गया है, “उनकी कार्रवाई आज इतिहास के पन्नों में गूंजेगी, उनकी विरासत पर लंबी छाया पड़ेगी। हम उनसे राष्ट्र के बारे में सोचने का आग्रह करते हैं, न कि व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के बारे में।”

 

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कर्नाटक में कांग्रेस की पांच गारंटी : सभी की नजर शुक्रवार को होने वाली मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक पर

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बेंगलुरु:

कर्नाटक में सभी की नजर सिद्धरमैया के नेतृत्व वाले कांग्रेस मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली दूसरी बैठक में लिए जाने वाले निर्णयों के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई पांच गारंटी पर मुहर को लेकर टिकी हैं . कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि वह सत्ता में आते ही पांच गारंटी लागू करेगी जिनमें प्रत्येक घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति योजना), प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपये की मासिक सहायता (गृह लक्ष्मी योजना), गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के हर सदस्य को प्रत्येक महीने 10 किलो मुफ्त चावल (अन्न भाग्य योजना),दो साल तक 18 से 25 साल की उम्र वाले प्रत्येक स्नातक बेरोजगार को हर महीने तीन हजार रुपये और डिप्लोमा धारक को 1500 रुपये महीना का भत्ता (युवा निधि योजना) और सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा (शक्ति योजना) शामिल हैं.

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राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच.मुनियप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हमने पांच गांरटी की घोषणा की है. हमनें कल इसपर विस्तृत चर्चा की. कल (शुक्रवार को) हम फैसला करेंगे. हमने भरोसा दिया है कि 10 किलोग्राम चावल देंगे. इसे लागू करने में कोई हिचक नहीं है लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल की बैठक के बाद देंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘हमने जिन गांरटी का वादा किया है उन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे.”

‘अन्न भाग्य’ योजना के बारे में मुनियप्पा ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से कर्नाटक को चावल मुहैया कराने को कहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (केंद्र सरकार और एफसीआई) इससे इनकार करते हैं तो हम खुद निविदा जारी कर या संगठनों के माध्यम से चावल खरीदेंगे और लाभार्थियों में वितरित करेंगे.” गौरतलब है कि चुनाव के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि इन योजनाओं को सरकार बनने के दिन ही लागू कर दिया जाएगा. हालांकि, सिद्धरमैया ने 20 मई को कहा कि सरकार सैद्धांतिक रूप से इन गांरटी को लागू करने पर सहमत है. उन्होंने मंत्रिमंडल की अगली बैठक तक समय मांगा था.

सिद्धरमैया ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद कहा था, ‘‘हमनें सैद्धांतिक रूप से गांरटी को लागू करने की मंजूरी दे दी है. हम विस्तृत चर्चा करने और वित्तीय प्रभाव को देखने के बाद निश्चित तौर पर इसे (लागू) करेंगे. भले कितना भी वित्तीय बोझ पड़े हम इन पांच गारंटी को लागू करेंगे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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प्रधानमंत्री मोदी ‘प्रबंधन गुरु’ हैं, हमारे ‘हेडमास्टर’ हैं: गिरिराज सिंह

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आणंद:

 केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘प्रबंधन गुरु’ और देश में मीठी क्रांति लाने वाले ‘हेडमास्टर’ की संज्ञा दी. केंद्र की मोदी सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग संभालने वाले सिंह गुजरात में यहां ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आणंद (आईआरएमए) के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि हरित क्रांति को कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन से जोड़ने के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी इसका श्रेय दिया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा, ‘‘स्वामीनाथन एक वैज्ञानिक थे, हरित क्रांति की शुरुआत करने में अहम भूमिका उनकी थी. लेकिन लाल बहादुर शास्त्री ही थे, जिनके पास ऐसी क्रांति लाने की इच्छाशक्ति थी… जब भी हम शास्त्री को याद करेंगे, हमें स्वामीनाथन की याद अपने आप आएगी… आज उस पहल के लिए धन्यवाद, हम खाद्यान्न निर्यात करते हैं.”

उन्होंने शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने संबंधी मोदी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में दुग्ध उत्पादन में श्वेत क्रांति हुई और अब तीसरी क्रांति हुई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, ‘‘(कोरोना वायरस) महामारी के बाद, मोदी को एक प्रबंधन गुरु के रूप में जाना जाता है और पूरी दुनिया उनके सामने सम्मान से सिर झुकाती है.” सिंह ने स्नातक छात्रों से ग्रामीण भारत के लिए काम करने और गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समाधान खोजने का आग्रह किया.

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जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की

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केपटाउन:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और वैश्विक हालात पर विचार-विमर्श करने के साथ-साथ संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. पांच देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स के एक सम्मेलन में भाग लेने यहां आए जयशंकर ने समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर दोनों नेताओं से बातचीत की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेदी पांडोर के साथ अच्छी मुलाकात हुई. केपटाउन में हमारे स्वागत के लिए उनका आभार. हमारी रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और हमारे राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ यथोचित तरीके से मनाने पर सहमति बनी.”

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दोनों नेताओं ने ब्रिक्स, इब्सा (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका), जी20 और संयुक्त राष्ट्र संबंधी विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इन सभी मंचों पर दोनों पक्षों की घनिष्ठ सहयोग की परंपरा है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ मुलाकात में जयशंकर ने वैश्विक परिस्थिति पर बातचीत की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान से मिलकर अच्छा लगा. वैश्विक परिस्थिति पर सकारात्मक बातचीत हुई. रणनीतिक साझेदारी परिषद के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की आशा है.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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