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श्रीलंका में फिर बवाल, दिवालियेपन के बीच एक और संकट में फंसा देश, अब 37 राज्य मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर निशाने पर राष्ट्रपति

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ranil wickremesinghe

Highlights

  • श्रीलंका में मंत्रियों की नियुक्ति पर बवाल
  • विपक्ष के निशाने पर आए पीएम विक्रमसिंघे
  • आर्थिक संकट के बीच गलत फैसले का आरोप

Sri Lanka News: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ऐसे समय में 37 राज्य मंत्रियों को अपनी सरकार में शामिल करने और जल्द ही कम से कम 12 और कैबिनेट मंत्रियों को नियुक्त करने के कदम को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं, जब द्वीपीय देश दिवालियेपन का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को 37 कनिष्ठ मंत्रियों को नियुक्त किया था, जो मुख्य रूप से सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) और श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) से हैं।

37 नए मंत्री पद राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के 20 सदस्यीय मंत्रिमंडल के अतिरिक्त हैं, जिसने जुलाई के अंत में पदभार संभाला था। कम से कम 12 और कैबिनेट मंत्रियों को जल्द ही नियुक्त करने की चर्चा चल रही है। विपक्ष ने राष्ट्रपति के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि सरकार ऐसे समय में विस्तार को बर्दाश्त नहीं कर सकती जब देश अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है और हाल ही में कर वृद्धि ने लोगों पर बोझ डाला है।

मंत्रियों को भारी ईंधन भत्ते की अनुमति

मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा, ‘राष्ट्रपति और सरकार को उन लोगों की पीड़ा की कोई परवाह नहीं है, जिन्हें गुजर बसर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।’ जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि सरकार राज्य के मंत्रियों को सांसदों (सांसदों) के वेतन की पेशकश करके ज्यादा बचत नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें भारी ईंधन भत्ते की अनुमति दी जा रही है जबकि टुक टुक (तिपहिया वाहन) ऑपरेटरों को केवल सीमित ईंधन की अनुमति दी गई है।’

सरकार की तरफ से बचाव में क्या कहा गया?

शहरी विकास एवं आवास मंत्री और मुख्य सरकारी सचेतक प्रसन्ना रणतुंगा ने कहा था कि नए राज्य मंत्री देश पर बोझ नहीं बनेंगे क्योंकि वे बिना किसी मंत्री के विशेषाधिकार के काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि सभी राज्य मंत्री सांसदों के वेतन पर काम करेंगे, इसलिए वे सरकार पर कोई बड़ा बोझ नहीं होंगे। देश 1948 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यह संकट विदेशी मुद्रा भंडार की गंभीर कमी के कारण उत्पन्न हुआ है।

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Coronal Holes: सूरज पर बने कुएं से निकल चुकी है सौर आंधी, धरती से टकराई तो क्या मचेगी तबाही?

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अत्यधिक पराबैंगनी प्रकाश में देखे जाने पर कोरोनल होल काले दिखाई देते हैं। कभी-कभी सौर हवा पृथ्वी पर ऊंचाई वाले स्थानों पर अरोरा पैदा कर सकती हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार जब कोरोनल मास इजेक्शन (सौर तूफान) पृथ्वी से टकराते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफान पैदा कर सकते हैं, अरोराओं को ट्रिगर कर सकते हैं, रेडियो तरंगों के साथ-साथ जीपीएस और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बाधित कर सकते हैं।



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Russia Vs US: पहले यार्स मिसाइल का अभ्‍यास, अब न्‍यूक्लियर बम का डेटा देना बंद… नाटो की परमाणु टेंशन बढ़ा रहे पुतिन

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मास्‍को: रूस अब अमेरिका के साथ परमाणु बमों की सूचना को शेयर नहीं करेगा। रूस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इसका ऐलान कर दिया है। इससे पहले नई स्‍टार्ट संधि के तहत अमेरिका और रूस एक-दूसरे को परमाणु बमों का डेटा शेयर करते थे। रूस ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब साइबेरिया में पुतिन की सेना ने यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के साथ अभ्‍यास शुरू किया है। यह मिसाइल अमेरिका तक तबाही मचाने में सक्षम है। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के इस ऐलान से अमेरिका के साथ उसका तनाव काफी बढ़ गया है।

रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को कहा कि मास्‍को ने वॉशिंगटन के साथ सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान करना बंद कर दिया है। इससे पहले पिछले महीने रूस ने नई स्‍टार्ट परमाणु हथियार संधि से खुद को अलग कर लिया था। यह पूछे जाने पर कि क्‍या अब रूस मिसाइलों के परीक्षण से पहले सूचना देगा, इस पर रयाबकोव ने कहा, ‘इस संबंध में कोई भी नोटिफ‍िकेशन नहीं जारी किया जाएगा।’ उन्‍होंने कहा कि इस संधि के अब किसी प्रावधान को लागू नहीं किया जाएगा।
Nuclear Weapons Report: दुनिया में कितने परमाणु हथियार लॉन्च के लिए तैयार? आ गई न्यूक्लियर वेपन्स की ताजा लिस्ट

नाटो के ऐलान से भड़का हुआ है रूस

इससे पहले मंगलवार को अमेरिका ने कहा था कि वह पुतिन के नई स्‍टार्ट संधि के रद करने के बाद रूस को परमाणु हथियारों के जखीरे को लेकर आंकड़ा देना बंद करेगा। अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्‍ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘रूस पूरी तरह से नियमों को नहीं मान रहा है और उसने डेटा देना भी बंद कर दिया है जिस पर नई स्‍टार्ट संधि के तहत सहमति बनी थी।’ उन्‍होंने कहा कि चूंकि रूस आंकड़े नहीं दे रहा है, इसलिए वह भी अब रूस को यह आंकड़ा नहीं दे रहे हैं।

रूस और अमेरिका दोनों ही हर साल एक-दूसरे को अपने परमाणु हथियारों की संख्‍या और परमाणु बम गिराने में सक्षम बॉम्‍बर की तैनाती के बारे में बताते रहते हैं। इसे नई स्‍टार्ट संधि के तहत शुरू किया गया था। पिछले महीने पुतिन ने इस संधि से हटने का ऐलान किया था। उन्‍होंने यह ऐलान तब किया था जब अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों ने खुलकर कहा था कि यूक्रेन में रूसी सेना की हार उनका लक्ष्‍य है। रूस ने कहा है कि वह अपने मिसाइल परीक्षण की योजना के बारे में सूचना देता रहेगा।



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Pakistan Food Hunger: भूखे रह जाएंगे 51 लाख पाकिस्तानी, गरीब अवाम की रोटी खा गए हुक्मरान, कंगाली के बीच सबसे भयावह चेतावनी

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Pakistan Food Crisis: पाकिस्तान के आर्थिक संकट के कारण लगातार अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर बढ़ रही है। इसके साथ ही खाने का संकट पैदा होता जा रहा है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं, जिसके कारण अच्छे-अच्छे लोग दान के ऊपर निर्भर हो गए हैं। कराची के फूड बैंक का कहना है कि लगातार मुफ्त राशन लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

 



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