बगदाद: इराक में शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर (Muqtada al-Sadr) की राजनीति से हटने की घोषणा के बाद हिंसा हो रही है। राजधानी बगदाद के हाई सिक्योरिटी ग्रीन जोन को निशाना बनाया गया है और गोले बरसाए गए। इस हिंसा में उनके 15 से ज्यादा समर्थक मारे गए हैं। इराक में एक बार फिर से राजनीतिक संकट देखने को मिल रहा है। देश में महीनों से नई सरकार नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई सिक्योरिटी ग्रीन जोन में कम से कम सात गोले बरसाए गए, जो सरकारी भवन और राजनयिक मिशन से जुड़ी बिल्डिंग पर गिरे।
हालांकि अभी ये तय नहीं हो सका है कि गोले किसकी ओर से बरसाए गए। ग्रीन जोन में ऑटोमैटिक हथियारों की आवाज सुनाई दी। सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि अल-सदर के के समर्थकों ने फायरिंग की है। लेकिन सिक्योरिटी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। AFP से जुड़ी एक रिपोर्ट में बताया गया कि सदर के 15 समर्थकों की गोली लगने से मौत हो गई। वहीं, लगभग 350 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। कुछ लोग गोली से घायल हुए हैं तो कुछ आंसू गैस के गोले से परेशान हुए हैं। कई रिपोर्टे में 20 लोगों के मौत की बात भी कही जा रही है।
कौन किससे लड़ रहा है
अल-सदर के राजनीति से हटने की घोषणा के बाद हुई हिंसा में कौन किससे लड़ रहा है? इस बात को लेकर कनफ्यूजन बरकरार है। बताया जा रहा है कि ग्रीन जोन की सिक्योरिटी करने वाले इराक का विशेष डिवीजन बल और सदर के सरया अल-सलाम के लड़ाकों के बीच संघर्ष है। सरया अल-सलाम सदर का एक सशस्त्र गुट है। वहीं सदर के लोगों का कहना है कि अर्द्धसैनिक बलों के ग्रुप हश्द अल-शाबी ने उन पर हमला किया है, जिसमें ईरान समर्थित और सदर के मुख्य प्रतिद्वंद्वी शामिल हैं। हालांकि मिलिट्री सूत्र कहते हैं कि हश्द अल-शाबी ने लड़ना शुरू नहीं किया है।
ग्रीन जोन में घुसने की कोशिश करते मुक्तदा अल-सदर के समर्थक।
क्यों मचा है बवाल
इराक में अक्टूबर के संसदीय चुनाव में मुक्तदा अल-सदर की पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन वह बहुमत नहीं पा सके थे। उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों से बातचीत करने से मना कर दिया था। जुलाई में अल-सदर के समर्थक सरकार बनाने से रोकने के लिए संसद में भी घुस गए थे और चार सप्ताह तक वह धरने पर बैठे रहे।
देश भर में लगा कर्फ्यू
बढ़ते तनाव को रोकने के लिए सेना बीच में आ गई है। सेना ने देश भर में शाम 7 बजे से कर्फ्यू लगा दिया है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-काधेमी ने कहा कि सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की इजाजत नहीं है।
कौन हैं मुक्तदा अल-सदर
शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर पिछले दो दशकों से इराक के एक शक्तिशाली राजनेता हैं। उनके कई अनुयायी सरकार में बड़े पदों पर हैं, इसका बावजूद भी उन्होंने खुद को एक राष्ट्रवादी और इस्टैबलिशमेंट विरोधी के रूप में स्थापित किया है। सदर के पिता, मोहम्मद सादिक और ससुर मोहम्मद बाकिर, दोनों अत्यधिक प्रभावशाली धर्मगुरु थे। सदर के समर्थन वाले पोस्टरों में उन दोनों की तस्वीरें देखने को मिलती हैं। दोनों को सद्दाम हुसैन ने मारा था। कई शिया उन्हें गरीबों की आवाज उठाने वाला नेता मानते हैं।
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