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लॉरेंस बिश्नोई को गुजरात से लाया जा रहा दिल्ली, तिहाड़ में रहेगा गैंगस्टर

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लॉरेंस बिश्नोई

अहमदाबाद: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को गुजरात के अहमदाबाद से दिल्ली लाया जा रहा है। गुजरात पुलिस उसे साबरमती जेल से तिहाड़ जेल लेकर आ रही है। तिहाड़ में ही लॉरेंस को रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार बुधवार देर को इंडिगो की रात 10:25 की से गुजरात पुलिस उसे अहमदाबाद से लेकर निकली थी जोकि दिल्ली एयरपोर्ट 12:05 बजे पहुंचेगी। 

साबरमती की जेल में बंद था बिश्नोई 

बता दें कि गुजरात पुलिस की ATS NDPS एक्ट के तहत केस की जांच कर रही थी। जिसके बाद लॉरेंस को गुजरात पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर अपने साथ ले गयी थी। गुजरात ATS को लॉरेन्स की 7 दिन की रिमांड मिली थी। रिमांड खत्म होने के बाद लॉरेन्स बिश्नोई को साबरमती जेल भेज दिया गया था। अब गुजरात पुलिस उसे वापस दिल्ली लेकर आ रही है।  

कौन है लॉरेंस बिश्नोई?

लॉरेंस बिश्नोई एक खतरनाक गैंगस्टर है, जिसका नाम पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में सामने आया था। इसके अलावा बिश्नोई ने एक्टर सलमान खान को भी जान से मारने की धमकी दी थी। वह काफी समय से जेल में है और वहीं से अपना क्राइम नेटवर्क चला रहा है। उसके गुर्गे विदेशों में भी हैं और वह उन्हीं के जरिए अपने काम करवाता है।

पंजाब में गिरफ्तार हुए थे गैंग के चार शूटर 

वहीं इससे पहले पंजाब पुलिस ने  लॉरेंस की गैंग के चार संदिग्ध शूटर को गिरफ्तार किए थे। पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान डेराबस्सी के सैदपुरा निवासी महफूज उर्फ विशाल खान, डेराबस्सी के खेड़ी गुजरां निवासी मंजीत सिंह उर्फ गुरी, पंचकूला के नारायणपुर के अंकित और पंचकूला के खीरी के गोल्डी के रूप में हुई है। 

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क्या सच हो जाएगी ‘कोई मिल गया’ फिल्म की कहानी? दूसरी दुनिया से आने लगे हैं संदेश!

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मंगल ग्रह से 'एलियन' का सांकेतिक संदेश धरती पर पहुंचा है! विज्ञान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। लेकिन लाल ग्रह से यह संदेश किसने भेजा, इसको लेकर काफी उत्सुकता बनी हुई है।



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FY23 में धीमी पड़ी GDP की रफ्तार, 7.2% की दर से बढ़ी देश की इकोनॉमी

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India Q4 GDP data: पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP की ग्रोथ 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। वहीं FY23 की ग्रोथ 7.2 प्रतिशत रही। यह एक साल पहले के 9.1% के मुकाबले कम है। वहीं, जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY2023) की बात करें तो भारत की अर्थव्यवस्था में अनुमान से बेहतर वृद्धि रही। Q4FY23 में जीडीपी 6.1% की दर से बढ़ी है। इसके 6 प्रतिशत या उससे कम की दर से बढ़ने का अनुमान था।

इसके पहले अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में GDP ग्रोथ 4.4 प्रतिशत रही थी। वहीं जुलाई-सितंबर 2022 की तिमाही में GDP की दर 6.3 प्रतिशत रही। एक साल पहले यानी जनवरी से मार्च 2022 की तिमाही में देश की GDP ग्रोथ 4.1% दर्ज की गई थी। 

कोर सेक्टर में भी सुस्ती: इस बीच, आठ बुनियादी उद्योग यानी कोर सेक्टर की वृद्धि की रफ्तार अप्रैल, 2023 में सुस्त पड़कर 3.5 प्रतिशत रह गई है। यह इसका छह महीने का निचला स्तर है। मुख्य रूप से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और बिजली का उत्पादन घटने से कोर इंडस्ट्रीज की वृद्धि सुस्त पड़ी है। पिछले साल अप्रैल में कोर इंडस्ट्रीज का उत्पादन 9.5 प्रतिशत बढ़ा था।

मार्च, 2023 में इंडस्ट्रीज की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही थी। यह बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की अक्टूबर, 2022 के बाद सबसे सुस्त रफ्तार है। उस समय बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 0.7 प्रतिशत बढ़ा था। 



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भारत की जीडीपी विकास दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही, मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत पर

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मंत्रालय ने बताया कि 2022-23 की चौथी तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद ₹43.62 लाख करोड़ अनुमानित है, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में ₹41.12 लाख करोड़ था, जो 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. गौर करने की बात यह है कि लगातर दो तिमाहियों में गिरावट के बाद इस बार त्रैमासिक (जनवरी से मार्च तिमाही में) जीडीपी विकास दर में वृद्धि हुई है. देश की आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही है. इसके साथ, पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत थी. जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में चार प्रतिशत रही थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी.

सकल घरेलू उत्पाद देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2023 की पहली तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही थी.

वर्ष 2022-23 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी के ₹160.06 लाख करोड़ के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के पहले संशोधित अनुमान ₹149.26 लाख करोड़ थे. 2022-23 के दौरान वास्तविक जीडीपी में वृद्धि 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की तुलना में 7.2 प्रतिशत अनुमानित है.

इससे पहले सरकार की ओर से आज ही जारी आंकड़े के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत रहा है. केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रहा. वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था. लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने केंद्र सरकार के 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है. सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है.

सीजीए ने कहा कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहा है. वहीं प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 प्रतिशत रहा है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सीआईआई के कार्यक्रम में इसी मुद्दे पर बात रखी थी. आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में  भारत की विकास दर 7 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है. साथ ही यह भी संभावना जताई गई है कि यह दर और ज्यादा हो सकती है. 

दास ने कहा था कि इस बात में कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि जीडीपी की 7 प्रतिशत से कुछ ऊपर हो. लेकिन अभी के लिए इसे 7 प्रतिशत ही समझा जाए. शक्तिकांत दास के मुताबिक साल 2023-24 के दौरान आर्थिक विकास दर 6.5% रहने की उम्मीद है.



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