लंदन : कुछ दिनों पहले ब्रिटेन के लीसेस्टर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई है। लेकिन सांप्रदायिक तनाव के बीच इंसानियत की एक कहानी अब लोगों का दिल जीत रही है। सोशल मीडिया पर जमकर शेयर हो रहे एक वीडियो में एक हिंदू शख्स को एक मुस्लिम कार्यकर्ता को धन्यवाद देते देखा जा सकता है जिसने हिंसक भीड़ से उसकी जान बचाई। स्काई न्यूज के मुताबिक वीडियो में हिंसक लोगों के एक समूह को राम केशवाला पर हमला करते देखा जा सकता है। इस तनाव की शुरुआत तब हुई थी जब एक समुदाय ने दूसरे के धार्मिक प्रतीक को तोड़ दिया था। इसके बाद वे सड़कों पर उतरे और दूसरे समुदाय के लोगों के पूजा स्थल में तोड़फोड़ की। रिपोर्ट के अनुसार लीसेस्टर में हिंसा के दौरान केशवाला का सिर बुरी तरह जख्मी हो गया था जिसके चलते उसे टांके लगवाने पड़े। शख्स पर हमला करने वाले लोगों को लग रहा था कि वह सड़कों पर उतरी भीड़ पर कार चढ़ाने की कोशिश कर रहा है। वीडियो में एक शख्स को उसकी कार पीटते और केशवाला को गाड़ी से बाहर घसीटते देखा जा सकता है। तभी माजिद फ्रीमैन उसे बचाने के लिए बीच में आते हैं और लोगों से उसे छोड़ने की गुजारिश करते हैं और कार का दरवाजा बंद कर देते हैं।
‘मैं चिल्ला रहा था, रुको’ एक इंटरव्यू में दोनों ने 17 सितंबर की घटना को याद किया। केशवाला ने कहा, ‘इसने मेरी जान बचाई जिसकी वजह से आज मैं यहां हूं।’ उस दिन की घटना को याद करते हुए फ्रीमैन ने कहा कि वह सिर्फ तबाही थी। सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा था। मैं बस चिल्ला रहा था, ‘रुको, बहुत हो गया।’ घटना पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा का मामला उठाया था और अपराधियों के खिलाफ ब्रिटेन में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
Leicester Violence: इंग्लैंड के लीसेस्टर में दो समुदायों में झड़प, धार्मिक स्थल पर हमले के बाद भड़के दंगे, ऐक्शन में पुलिस लीसेस्टर एक शांत रहने वाला शहर लीसेस्टर वह शहर है जो आमतौर पर शांत रहता है। तीन दशक से ज्यादा समय हो गया जब यहां पर कोई दंगा नहीं हुआ और ऐसे में यह घटना असाधारण थी। सुलेमान नगदी जो लीसेस्टर स्थित मुसलमान संगठन के सदस्य हैं उन्होंने बीबीसी को बताया कि पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हुए हैं लेकिन इस तरह से हिंसा का मामला पहली बार देखा गया है। उन्होंने इस घटना को चौंकाने वाला करार दिया और कहा कि सड़कों पर इस तरह की घटनाएं चौंकाने वाली हैं।
उन्होंने आशंका प्रकट की कि धमाके से पहले बम हमलावर पुलिस लाइंस में रह रहा होगा क्योंकि पुलिस लाइंस के अंदर फैमिली क्वाटर्स भी हैं। पेशावर पुलिस, आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के मुख्यालय भी इसी विस्फोट स्थल के आसपास हैं।
तालिबान का शीर्ष नेतृत्व सुप्रीम कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा को पद से हटाने पर विचार कर रहा है। नेतृत्व का मानना है कि अखुंदजादा के कारण तालिबान सरकार के दो फाड़ होने का खतरा बढ़ गया है। हिबतुल्लाह किसी भी कीमत पर महिला शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में नहीं हैं।
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर की मस्जिद में हुए ब्लास्ट में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है जबकि 157 लोग घायल हो गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है।अधिकारियों ने बताया कि दोपहर एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के पास जब नमाजी ज़ौहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे तब अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। विस्फोट के बाद मस्जिद की छत नमाजियों पर गिर गयी। नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे। विस्फोट के समय इलाके में 300 से 400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निश्चित रूप से सुरक्षा में चूक हुई है।मृतकों में कम से कम पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल थे।
लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा कि यह आत्मघाती हमला अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में मार दिये गये टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरसानी की मौत का बदला है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं। बचाव अभियान के प्रभारी बिलाल फैजी ने कहा, ‘‘ फिलहाल हमारा ध्यान बचाव अभियान पर है। हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है।’’
पुलिस के अनुसार बम हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर, चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया । प्रांतीय पुलिस प्रमुख मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा है कि पुलिस विस्फोट की जांच कर रही है और यह पता लगा रही है कि बम हमलावर इस अति सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा। उन्होंने आशंका प्रकट की कि धमाके से पहले बम हमलावर पुलिस लाइंस में रह रहा होगा क्योंकि पुलिस लाइंस के अंदर ‘फैमिली क्वाटर्स’ भी हैं। पेशावर पुलिस, आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के मुख्यालय भी इसी विस्फोट स्थल के आसपास हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा के लिए पेशावर पहुंचे। प्रधानमंत्री यहां सेना प्रमुख के साथ लेडी रीडिंग अस्पताल भी गये और घायलों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह एवं अन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलायी जहां प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश की गयी। पुलिस महानिरीक्षक अंसारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बम हमलावर कहां से आया है और कैसे वह पुलिस लाइंस के अंदर आ गया। पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाहजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि जब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में वह दाखिल ही हुए थे तभी यह धमाका हुआ लेकिन सौभाग्य से उनकी जान बच गयी। उनका कार्यालय मस्जिद के समीप ही है। पुलिस लाइंस में शाम को 27 मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह कहते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की कि इस घटना के पीछे जिन हमलावरों का हाथ है, उनका ‘‘इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकवादी उन लोगों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं जो पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि विस्फोट में मारे गये लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ समूचा राष्ट्र आतंकवाद की इस बुराई के विरूद्ध लड़ाई में एकजुट है।’’ शरीफ ने कहा कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुकाबला करने के लिए समग्र रणनीति अपनायी जाएगी तथा संघीय सरकार प्रातों को उनकी आतंकवाद विरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी यह कहते हुए इस हमले की निंदा की कि ‘‘स्थानीय और आम चुनाव से पहले आतंकवादी घटनाओं का साफ मतलब है।’’
खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के वास्ते रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह ‘‘पुलिस के प्रति बहुत बड़ी मेहरबानी’ होगी।’’ अधिकारियों ने बताया कि शवों एवं घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया । पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गयी है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। इस्लामाबाद में आने -जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और महत्वपूर्ण स्थानों एवं भवनों पर अचूक निशानेबाज (स्नाइपर्स) तैनात किये गये हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान ने ट्वीट किया, ‘‘ जिन लोगों की जान गयी है , उनके परिवारों और जो लोग घायल हुए हैं, उनके प्रति मेरे गहरी संवेदना है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि हम खुफिया सूचना संग्रहण में सुधार लायें और पुलिस बलों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रूप से मजबूत बनायें।’’ पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गयी थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है।उसपर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल रहने का आरोप है। बताया जाता है कि वह अल कायदा का करीबी है।