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पाकिस्तान में महिला के साथ क्रूरता
पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें कोई नई नहीं हैं। लेकिन आज सीमापार से जो खबर आई है, उस तरह की दरिंदगी आपने शायद ही सुनी हो। पाकिस्तान में एक 40 साल की हिंदू महिला को जिस तरह से मारा गया, वो जान कर हर किसी की रूह कांप जाती है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इस दया भेल नाम की महिला के साथ पहले सामूहिक बलात्कार किया गया। हैवानियत के बाद उस महिला का सिर धड़ से अलग कर दिया गया। लेकिन जब हैवानों को मन इतने से नहीं भरा तो महिला की खाल भी उतार ली।
रेप के बाद स्तन काटे और सिर अलग किया
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सिंझोरो कस्बे में 40 साल की हिंदू महिला के साथ गैंगरेप करके उसके स्तन काटे और फिर गला काटकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। फिर उसके बाद उसकी खाल उतार दी गई। सीनेटर कृष्णा कुमारी ने कहा कि महिला की हत्या की गई और उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया।
दरिंदो ने चमड़ी भी उतारी
पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला सीनेटर कृष्णा कुमारी ने अपने आधिकारिक ट्वीट में लिखा, “दया भेल नाम की 40 साल की विधवा की बेरहमी से हत्या कर दी गई और शव बहुत बुरी हालत में मिला। उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया और दरिंदों ने पूरे सिर की खाल उतार दी। उसके गांव का दौरा किया सिंझोरो और शाहपुरचाकर से भी पुलिस की टीमें पहुंचीं हैं।” बताया जा रहा है कि महिला के चार बच्चे हैं।
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तालिबान का शीर्ष नेतृत्व सुप्रीम कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा को पद से हटाने पर विचार कर रहा है। नेतृत्व का मानना है कि अखुंदजादा के कारण तालिबान सरकार के दो फाड़ होने का खतरा बढ़ गया है। हिबतुल्लाह किसी भी कीमत पर महिला शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में नहीं हैं।
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर की मस्जिद में हुए ब्लास्ट में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है जबकि 157 लोग घायल हो गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है।अधिकारियों ने बताया कि दोपहर एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के पास जब नमाजी ज़ौहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे तब अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। विस्फोट के बाद मस्जिद की छत नमाजियों पर गिर गयी। नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे। विस्फोट के समय इलाके में 300 से 400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निश्चित रूप से सुरक्षा में चूक हुई है।मृतकों में कम से कम पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल थे।
लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा कि यह आत्मघाती हमला अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में मार दिये गये टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरसानी की मौत का बदला है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं। बचाव अभियान के प्रभारी बिलाल फैजी ने कहा, ‘‘ फिलहाल हमारा ध्यान बचाव अभियान पर है। हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है।’’
पुलिस के अनुसार बम हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर, चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया । प्रांतीय पुलिस प्रमुख मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा है कि पुलिस विस्फोट की जांच कर रही है और यह पता लगा रही है कि बम हमलावर इस अति सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा। उन्होंने आशंका प्रकट की कि धमाके से पहले बम हमलावर पुलिस लाइंस में रह रहा होगा क्योंकि पुलिस लाइंस के अंदर ‘फैमिली क्वाटर्स’ भी हैं। पेशावर पुलिस, आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के मुख्यालय भी इसी विस्फोट स्थल के आसपास हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा के लिए पेशावर पहुंचे। प्रधानमंत्री यहां सेना प्रमुख के साथ लेडी रीडिंग अस्पताल भी गये और घायलों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह एवं अन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलायी जहां प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश की गयी। पुलिस महानिरीक्षक अंसारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बम हमलावर कहां से आया है और कैसे वह पुलिस लाइंस के अंदर आ गया। पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाहजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि जब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में वह दाखिल ही हुए थे तभी यह धमाका हुआ लेकिन सौभाग्य से उनकी जान बच गयी। उनका कार्यालय मस्जिद के समीप ही है। पुलिस लाइंस में शाम को 27 मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह कहते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की कि इस घटना के पीछे जिन हमलावरों का हाथ है, उनका ‘‘इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकवादी उन लोगों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं जो पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि विस्फोट में मारे गये लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ समूचा राष्ट्र आतंकवाद की इस बुराई के विरूद्ध लड़ाई में एकजुट है।’’ शरीफ ने कहा कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुकाबला करने के लिए समग्र रणनीति अपनायी जाएगी तथा संघीय सरकार प्रातों को उनकी आतंकवाद विरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी यह कहते हुए इस हमले की निंदा की कि ‘‘स्थानीय और आम चुनाव से पहले आतंकवादी घटनाओं का साफ मतलब है।’’
खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के वास्ते रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह ‘‘पुलिस के प्रति बहुत बड़ी मेहरबानी’ होगी।’’ अधिकारियों ने बताया कि शवों एवं घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया । पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गयी है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। इस्लामाबाद में आने -जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और महत्वपूर्ण स्थानों एवं भवनों पर अचूक निशानेबाज (स्नाइपर्स) तैनात किये गये हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान ने ट्वीट किया, ‘‘ जिन लोगों की जान गयी है , उनके परिवारों और जो लोग घायल हुए हैं, उनके प्रति मेरे गहरी संवेदना है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि हम खुफिया सूचना संग्रहण में सुधार लायें और पुलिस बलों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रूप से मजबूत बनायें।’’ पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गयी थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है।उसपर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल रहने का आरोप है। बताया जाता है कि वह अल कायदा का करीबी है।
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यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अपने बच्चे की जान बचाने को सुरक्षित स्थान की ओर जाती महिला (फाइल)
Russia-Ukraine War: यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर ला कर खड़ा कर दिया है। यूरोपियन देशों के अलावा गैर यूरोपियन देश भी अब यूक्रेन युद्ध में कूद रहे हैं। वहीं रूस अभी तक अकेले ही जंग लड़ रहा है। मगर जिस तरह से एक के बाद एक देश यूक्रेन की मदद को खुलकर सामने आ रहे हैं। उससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक यूक्रेन के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड और आस्ट्रेलिया जैसे ताकतवर देश मजबूती से खड़े हैं। यह सभी यूक्रेन को युद्धक सामग्री से लेकर हर जरूरी मदद कर रहे हैं। इससे बौखलाया रूस अब परमाणु हमले की तैयारी में जुट गया है।
हाल ही में फ्रांस ने यूक्रेन को फाइटर जेट देने का ऐलान किया था। अब फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने 155 मिलीमीटर तोप के हजारों गोले संयुक्त रूप से बनाने और आगामी हफ्तों से उन्हें यूक्रेन भेजने की तैयारी में जुट गए हैं। दोनों देश यूक्रेन को भेजे जाने वाले इन तोप गोलों पर कई लाख डॉलर खर्च करेंगे। आपको बता दें कि रूसी युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन की हालत इस वक्त खस्ता हो चुकी है। यूक्रेन के पास गोला, बारूद, हथियारों, टैकों और फाइटर जेट की भारी कमी है। ऐसे में राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से भारी हथियार और दीर्घकालिक आपूर्ति का अनुरोध किया है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने तोप गोलों की यूक्रेन को आपूर्ति करने की संयुक्त घोषणा करके रूस को बड़ा संदेश दिया है।
पोलैंड और बेल्जियम पहले ही कर चुके यूक्रेन को हथियार देने का ऐलान
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के बाद पोलैंड और बेल्जियम ने यूक्रेन को बड़ी रक्षा और सैन्य सहायता देने का ऐलान किया है। पोलैंड ने यूक्रेन को 60 अत्याधुनिक टैक देने की घोषणा की है। वहीं बेल्जियम ने यूक्रेन को करीब 100 मिलियन डॉलर के सैन्य उपकरण देने का ऐलान किया है। यह यूक्रेन को दी जाने वाली अब तक की सबसे बड़ी सैन्य सहायता है। इससे पहले जर्मनी ने 14 तेंदुआ-2 टैंक, अमेरिका ने 30 अब्राम टैंक, ब्रिटेन ने करीब 30 विशेष टैंक और फ्रांस फाइटर जेट देने का ऐलान कर चुका है। ऐसे में यूक्रेन के पास टैंकों और सैन्य उपकरणों की कमी का रोना अब लगभग खत्म हो चुका है। इसी हफ्ते जर्मनी और अमेरिका व ब्रिटेन ने अपने टैंक यूक्रेन को भेजने का वादा किया है। इसके बाद यूक्रेन युद्ध में और मजबूती से रूस को टक्कर दे सकेगा।
यूक्रेन की मदद करने वाले देशों पर फायर हुए पुतिन
यूरोपीय संघ और अमेरिका की ओर से यूक्रेन को घातक हथियारों की आपूर्ति को रूस ने सीधे युद्ध में एंट्री माना है। इसलिए पुतिन ने अमेरिका समेत फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड और बेल्जियम समेत अन्य यूरोपीय देशों व आस्ट्रेलिया जैसे गैर यूरोपीय देशों को घातक अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली है। रूस ने कहा है कि वह इन सभी टैंकों और हथियारों को नष्ट कर देगा। साथ ही यूक्रेन को इन खतरनाक हथियारों को देने वाले देशों से भी हिसाब लेगा। रूस ने साफ कहा है कि वह अब यूक्रेन की मदद करने वाले किसी भी देश को नहीं छोड़ेगा। विदेश मामलों के जानकारों को भी अब आशंका है कि यूरोपीय संघ और अमेरिका के उक्त कदमों के बाद दुनिया तीसरे विश्व युद्ध में लगभग एंट्री कर गई है।