|
शार्लीन डिसूजा / मुंबई September 29, 2022 |
|
|
|
|
रिलायंस रिटेल ने छोटे और मझोले शहरों में कई ब्रांडों के स्टोर खोलने की योजना बनाई है, लेकिन कंपनी के दो अधिकारियों का कहना है कि बड़े पैमाने पर कीमत वाले ब्रांडों के लिए इस श्रेणी में विस्तार करना काफी तेज हुआ है।
एक सूत्र के अनुसार यह योजना अभी भी विचाराधीन है और संभावना है कि ये स्टोर 4,000 से 5,000 वर्ग फुट के आकार में हो सकते हैं।
दो अधिकारियों के अनुसार, देश का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता अरविंद फैशन्स से सेफोरा इंडिया के अधिकार लेने के लिए पहले से ही अंतिम चरण की बातचीत कर रहा है, जो इसे स्वयं ही प्रीमियम ब्यूटी और पर्सनल केयर के सामानों के लिए ऑफलाइन पहुंच प्रदान करता है। इसके अलावा, कंपनी के पास सेफोरा स्टोर्स के लिए बड़े तौर पर स्टोर के विस्तार की योजनाएं हैं क्योंकि यह महानगरों और बड़े शहरों में ब्रांड का विस्तार करने की योजना बना रही है और इसके लिए पहले से ही कई मॉल ऑपरेटरों के साथ बातचीत कर रही है। सूत्रों में से एक ने कहा कि रिलायंस रिटेल का लगभग 400 स्टोर और खोलने का इरादा है।
टाटा समूह का ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म टाटा क्लिक भी प्रीमियम सेगमेंट में ऑफलाइन स्टोर खेालने की संभावना तलाश रहा है। ये स्टोर 1,000-1,500 वर्ग फुट आकार के होंगे। सूत्रों का कहना है कि ये स्टोर मुख्य तौर पर महानगरों में खोले जाएंगे और कंपनी ने शुरुआती तौर पर सात स्टोर खोलने की योजना बनाई है।
टाटा समूह ने टाटा क्लिक पैलेट नाम से शॉपिंग ऐप को भी पेश किया है। गूगल प्ले स्टोर पर इसे 50,000 से ज्यादा डाउनलोड मिल चुके हैं।
ये दो व्यावसायिक घराने ब्यूटी और पर्सनल केयर क्षेत्र की जरूरत पूरी करने में मददगार साबित होंगे। महामारी के बाद, कई ब्रांडों ने ऑफलाइन कारोबार पर जोर दिया और अब कंपनियां ब्यूटी एवं पर्सनल केयर सेगमेंट में नए स्टोर खोलने की संभावना तलाश रही है, क्योंकि इस क्षेत्र में लोकप्रियता बढ़ी है।
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म ट्रेटा एडवायजर्स के संस्थापक शुभ्रांशु पाणि ने कहा, ‘सेगमेंट के तौर पर ब्यूटी के लिए ऑनलाइन का क्रेज बढ़ रहा है। कई ब्रांड अब अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाने के लिए ऑफलाइन पर भी जोर दे रहे हैं और अपने ग्राहकों को पारंपरिक तौर पर सेवा मुहैया करा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन के तौर पर शुरू हुए ब्रांडों की खासियत यह है कि जब वे ऑफलाइन पर स्थानांतरित होते हैं तो उनमें यह समझने के लिए आंकड़ा इस्तेमाल करने की क्षमता होती है कि कहां से उनके ग्राहक आएंगे। पाणि ने कहा, ‘इनका विस्तार उन पारंपरिक ब्रांडों से विपरीत है जो सिर्फ मौजूदा बाजारों पर ध्यान देते हैं जबकि नए डेटा आधारित ब्रांड अपने ग्राहक पर जोर देते हैं। इससे उन्हें अपने मौजूदा ग्राहक आधार को पारंपरिक तौर पर खरीदारी का अनुभव मुहैया कराने में मदद मिलती है।’
Source link