आजकल के फास्ट फॉरवर्ड लाइफ स्टाइल में युवा से लेकर बुजुर्ग हर कोई लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उसमें एक बीमारी यूरिक एसिड भी है। यूरिक एसिड एक ऐसा केमिकल है जो प्यूरीन नाम के केमिकल को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है। जब शरीर में इसका लेवल बढ़ जाता है तो कई तरह की सेहत संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं। इन दिक्कतों में गठिया, शुगर, हार्ट और किडनी से संबंधित दिक्कतें शामिल हैं। ऐस में समय रहते ही यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करना जरूरी है। जानिए इस नुस्खे के बारे में और इसके इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करेगा अजवाइन
अजवाइन सिर्फ खाने का खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाती बल्कि स्वास्थ्य को भी बनाए रखती है। अजवाइन खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा यूरिक एसिड कंट्रोल करने में भी कारगर है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो बढ़े हुए यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का काम करता है।
यूरिक एसिड पेशेंट ऐसे करें इस्तेमाल
यूरिक एसिड से पीड़ित व्यक्ति रोजाना एक गिलास खाली पेट अजवाइन का पानी पिएं। बस आप सोने से पहले एक गिलास में एक चम्मच अजवाइन डालकर रातभर उसे रख दें। सुबह इस पानी को छानकर पी लें। इसके अलावा आप चाहें तो अजवाइन के साथ अदरक को मिलाकर भी खा सकते हैं। ये दोनों ही नुस्खे कारगर हैं।
पेट की समस्या: अगर आप एसिडिटी और कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो अजवाइन आपको फायदा करेगी। इसमें एंटीस्पास्मोडिक और कर्मिनेटिव गुण होते हैं जो इन दोनों समस्याओं में राहत पहुंचाने का काम करते हैं।
जोड़ों के दर्द में आराम: अगर आप जोड़ों के दर्द से जूझ रहे हैं तो उसमें भी अजवाइन कारगर है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो अर्थराइटिस से जुड़ी समस्या से भी आराम दिलाने में सहायता करते हैं
इन्फेक्शन से करती है बचाव: अजवायन में एंटी बैक्टीरिया के तत्व मौजूद होते हैं। यही एंटी बैक्टीरिया तत्व शरीर को सर्दी जुकाम जैसे वायरल इन्फेक्शन से बचाने में सहायता करते हैं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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Image Source : FREEPIK
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ज़रूरत से ज़्यादा वज़न होने पर, चेहरे पर चर्बी बढ़ जाती है। चेहरे की चर्बी बढ़ने की वजहें हैं जैसे कि मोटापा, बढ़ती उम्र, अनहेल्दी खाना वगैरह। चेहरे की चर्बी बढ़ने से जॉ लाइन कहीं गायब हो जाती है और शक्ल गोल मटोल दिखने लगती है। जिसके बाद कोई भी आपको गोलू मोलू जैसे नाम से पुकारने लगता है। जिससे लोग अक्सर शर्मिंदा होते हैं, ऐसे में कई लोग चेहरे की इस चर्बी को कम करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं लेकिन भी उनके गालों की चर्बी वैसी ही बनी रहती है। अगर आप भी इनमें से एक हैं तो आज हम आपको उन 2 एक्सरसाइज़ के बारे में बताएंगे जिनसे आप अपने गालों की चर्बी को आसानी से कम कर पाएंगे।
बलून एक्सरसाइज़ – पहली एक्सरसाइज़:
इस एक्सरसाइज़ को बलून एक्सरसाइज़ यानी गुब्बारे वाली एक्सरसाइज़ कहते हैं। सबसे पहले अपने मुंह में हवा भर लें और मुंह को गुब्बारे की तरह फुला लें। 10-12 सेकंड तक हवा को मुंह में ही रखें। इन 10-12 सेकंड के दौरान अपनी आंखें खुली रखें और दिन में 4-5 बार इसे किया जा सकता है। इस एक्सरसाइज़ से गालों की चर्बी को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए, सबसे पहले अपने सिर को पीछे की ओर ले जाएं। अब अपने मुंह को पूरी तरह खोलें और फिर कसकर बंद कर लें। इससे आपके गर्दन के मसल्स पर प्रेशर पड़ेगा। इसे दिन में 8-9 बार किया जा सकता है। लगातार करने से इसके फ़ायदे आपके गालों पर दिखने शुरू हो जाएंगे।
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जुकाम में घरेलू उपाय: क्या आपको जुकाम है और आप अपनी बेहती नाक से परेशान हो गए हैं। तो, ऐसे में दवाओं के साथ आप कुछ घरेलू उपचारों की भी मदद ले सकते हैं। ये उपचार बिलकुल हर्बल हैं और लंबे समय से लोगों के इस्तेमाल में रहे हैं। इन उपचारों में आप हर्ब्स, हर्बल तेल और कई प्रकार के देसी नुस्खों (running nose home remedy in hindi) का इस्तेमाल कर सकते हैं। तो, आइए हम आपको बताते हैं ऐसे 3 देसी उपचारों के बारे में जो कि जुकाम की समस्या में काम आ सकते हैं।
जुकाम होने पर सोते समय कर लें ये 3 काम-Indian home remedies for runny nose and sneezing in hindi
1. रात में सोने से पहले तलवों में लगाएं सरसों तेल
रात में सोने से पहले तलवों में सरसों तेल लगाना सर्दी-जुकाम को कम करने में मदद कर सकता है। इस तेल को लगाने से पैरों में गर्मी पैदा होती है, जो कि पूरे शरीर में जाती है और ये गर्मी, सर्दी-जुकाम की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। तो, थोड़ा सा सरसों तेल लें, इसे गर्म कर लें और इसे अपने तलवों में लगाएं।
शहद और अदरक दोनों ही इम्यूनिटी बूस्टर हर्ब हैं और जुकाम से बचाव में मदद कर सकते हैं। शहद जहां कंजेशन को कम करने और गले में खराश से राहत दिलाने में मददगार है। वहीं, अदरक एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुमों से भरपूर है। जब आप इन दोनों का एक साथ सेवन करते हैं जुकाम से बच सकते हैं।
कपूर और पुदीने की पत्तियों को पानी में उबाल कर इन पत्तियों से भाप लें। ये तरीका आपके जुकाम को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, कपूर और पुदीना दोनों ही कफ को पिघलाने और कंजेशन से राहत दिलाने में मददगार है। साथ ही ये एंटीइंफ्लेमेटरी भी हैं जो कि जुकाम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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ड्रैगन फ्रूट कब खाना चाहिए: ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) एक ऐसा फल, जो कि एक साथ कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स का घर है। इसमें इम्यूनिटी बूस्टर विटामिन सी, प्रोटीन, फाइबर और कैरोटीन और कुछ पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड मौजूद होते हैं। आमतौर पर इसे ब्रेन बूस्टर फ्रूट माना जाता है जो कि मस्तिष्क से जुड़ी कई बीमारियों जैसे कि अल्जाइमर और पार्किन्सन रोग में फायदेमंद है। साथ ही ये डायबिटीज और दिल की बीमारियों में भी फायदेमंद है। कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
ड्रैगन फ्रूट कौन सी बीमारी में खाया जाता है-What disease is dragon fruit used for in hindi
1. शुगर में ड्रैगन फ्रूट-dragon fruit for diabetes
शुगर के मरीजों के लिए ड्रैगन फ्रूट खाना कई प्रकार से फायदेमंद है। हालांकि, इसमें कुछ हद तक शुगर वैल्यु होती है लेकिन, ये नेचुरल शुगर है और शुगर मेटाबोलिजम को प्रभावित नहीं करता है। खास बात ये कि इसका फाइबर और कुछ फ्लेवोनोइड्स इंसुलिन और नेचुरल शुगर प्रोसेस में मदद करते हैं। इस तरह ये शुगर स्पाइक कंट्रोल करने में मददगार है।
डेंगू में ड्रैगन फ्रूट का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद है। दरअसल, ये डेंगू के लक्षणों को कंट्रोल करने के साथ इसकी रिकवरी में मदद करता है। इसके अलावा इसके फाइटोकेमिकल, जो कि एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुणों से भरपूर है डेंगू से लड़ने में हमारी इम्यूनिटी बूस्ट करता है।
3. कमजोर हड्डियों के लिए ड्रैगन फ्रूट-dragon fruit for weak bones
कमजोर हड्डियों के लिए ड्रैगन फ्रूट कई प्रकार से फायदेमंद है। पहले तो ये कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर है जो कि हड्डियों के घनत्व को बेहतर बनाने और इसे अंदर से मजबूत बनाने में मदद करता है। इस तरह ये कमजोर हड्डियों के लिए फायदेमंद है।
ड्रैगन फ्रूट कब खाएं- When to eat dragon fruit in hindi
ड्रैगन फ्रूट को आप शाम को स्नैक्स टाइम में खा सकते हैं। इसके अलावा दिन में कभी भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। बस ध्यान, रखें कि इस स्मूदी और जूस की तरह लेने से बचें।
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