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यूक्रेन में अमेरिकी पैट्रियट का कमाल, हवा में ही मार गिराई रूस की हाइपरसोनिक किंझल मिसाइल

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यूक्रेन ने अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए रूस की महाशक्तिशाली किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल को मार गिराने का दावा किया है। यह पहला मौका है, जब अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम ने रूसी मिसाइल को मार गिराया है। किझल आवाज से 10 गुना तेज स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है।

 



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चीन की करीबी से घबराए बाइडन, सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री, एमबीएस के साथ हुई खास मीटिंग

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रियाद: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। अमेरिका और सऊदी अरब के संबंधों में कई मुद्दों को लेकर व्याप्त तनाव के बीच ब्लिंकन मंगलवार को सऊदी अरब पहुंचे। विदेश मंत्री बनने के बाद सऊदी अरब की यह उनकी दूसरी यात्रा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ब्लिकंन और शहजादे एमबीएस ने बुधवार सुबह मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ‘‘ पश्चिम एशिया और उससे परे स्थिरता, सुरक्षा तथा समृद्धि को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता’’ व्यक्त की। दोनों नेताओं के बीच इजरायल को लेकर भी बात हुई है।

टकराव के बीच दौरा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ विदेश मंत्री ब्लिंकन ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर प्रगति से हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं।’’ सऊदी अरब ने एक बयान में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की पुष्टि की है, हालांकि बैठक के संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। शहजादे मोहम्मद के नेतृत्व में सऊदी अरब अपने हित में फैसले करने और कई मौकों पर अमेरिका के रुख को नजरअंदाज करता दिखा है। सऊदी अरब के वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की आपूर्ति करने, ‘ओपेक+’ में रूस के साथ साझेदारी करने की इच्छा रखने और चीन की मदद से ईरान के साथ तनाव कम करने को लेकर बार-बार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ उसका टकराव रहा है।

इजरायल पर हुई चर्चा
पिछले साल जून में ही अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने भी सऊी अरब की यात्रा की थी। बाइडन ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हुई हत्या को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया था। विदेश मंत्री ब्लिंकन से पहले बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी सऊदी अरब की यात्रा कर शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। ब्लिंकन और एमबीएस ने ने सऊदी अरब द्वारा इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने की संभावना पर भी चर्चा की। एक अमेरिकी अधिकारी की मानें तो दोनों आगे बढ़ने वाले मामले पर बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं। सऊदी अरब ने मीटिंग के बारे में स्‍वीकार किया लेकिन कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।

चीन बना मीडिल ईस्‍ट में शांति दूत

ब्लिंकन का सऊदी दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यह देश अमेरिका के दुश्‍मन चीन के करीब होता जा रहा है। मीडिल ईस्‍ट से इस साल मार्च में तब बड़ी खबर आई थी जब चीन, ईरान और सऊदी अरब के बीच शांति दूत बनकर उभरा था। दोनों देशों ने चीन की मध्‍यस्‍था के बात राजनयिक रिश्‍ते बहाल कर लिए हैं। इसके बाद चीन का कद इस क्षेत्र में काफी बढ़ गया है। अब देखना होगा कि क्‍या अमेरि‍का, चीन की तरह ही इजरायल और सऊदी अरब के बीच शांति दूत बनने का जो प्रयास कर रहा है, उसमें वह सफल हो पाता है या नहीं है।



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UNSC में शामिल हुआ यह देश, चीन और उत्तर कोरिया को लगेगी मिर्ची

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UNSC में शामिल हुआ दक्षिण कोरिया, चीन और उत्तर कोरिया को लगेगी मिर्ची

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC के 2024-25 के कार्यकाल के लिए दक्षिण कोरिया को अस्थाई सदस्य चुना गया है। दक्षिण कोरिया का यूएनएससी में सदस्यता के लिए चयन ऐसे  समय में हुआ है जब उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के विकास में तेजी लाई है। उत्तर कोरिया की सैन्य हरकतों और इलाके में चीन की ताकतवर गतिविधियों के बीच दक्षिण कोरिया को अब ये मौका मिल सकेगा कि वह अपनी आवाज सुरक्षा परिषद में ताकत के साथ उठा सके।

इससे दक्षिण कोरिया को फायदा यह होगा कि उसे उत्तर कोरियाई मुद्दे और अन्य वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों को वैश्विक मंच पर उठाने के लिए अपनी पैठ बढ़ाने का अवसर मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में एकमात्र उम्मीदवार राष्ट्र के रूप में दक्षिण कोरिया को मंगलवार को यूएनएससी में हुई वोटिंग में चुना गया। उसे इससे पहले 2013-14 में यूएनएससी में जगह मिली थी।

फिलहाल 5 है स्थाई सदस्यों की संख्या 

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान 192 सदस्य देशों में से 180 ने उसके पक्ष में मत दिया। यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, यूके और रूस हैं। वहीं 10 अस्थायी सदस्य शामिल होते हैं जिनका चयन दो-दो साल के लिए होता है। 

ये हैं अस्थाई सदस्य

वर्तमान में अस्थायी सदस्य अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), स्विट्जरलैंड, इक्वाडोर, जापान, माल्टा और मोजाम्बिक हैं। अल्जीरिया, गुयाना, सिएरा लियोन और स्लोवेनिया सहित पांच नव-निर्वाचित देश जनवरी 2024 में अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना और यूएई के स्थान पर यूएनएससी में शामिल होंगे।

उत्तर कोरिया के बढ़ते उकसावे के बीच दक्षिण कोरिया के लिए यह सदस्यता अहम

एक नए अस्थायी सदस्य के रूप में, दक्षिण कोरिया से प्योंगयांग के बढ़ते उकसावे के मद्देनजर अपनी आवाज बुलंद करने और अमेरिका और जापान के साथ अपने त्रिपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है, हालांकि इसकी सीमाएं हो सकती हैं क्योंकि इसके पास कोई वीटो शक्ति नहीं है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि दक्षिण कोरिया के अगले साल जून में परिषद का अध्यक्ष बनने की संभावना है। यह दक्षिण कोरिया तीसरी बार यूएनएससी का अस्थायी सदस्य चुना गया है। पहली बार उसे 1996-97 की अवधि के दौरान चुना गया था।

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भारतीय सेना का ‘रथ’ बनेगा अमेरिकी स्‍ट्राइकर, जंग में दुश्‍मनों की होगी छुट्टी, जानें कितना खतरनाक

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Curated by Richa Bajpai | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 7 Jun 2023, 2:42 pm

US India News: अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पिछले दिनों भारत आए और उन्‍होंने अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच स्‍ट्राइकर बख्‍तरबंद वाहन से लेकर जीई-414 इंजन और प्रीडेटर ड्रोन पर खास चर्चा हुई।

 



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