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यूक्रेन की जंग में फेल साबित हो रहे रूस के सुखोई-35 फाइटर जेट! भारत को भी दिया है ऑफर

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कीव: यूक्रेन की जंग को शुरू हुए अब 6 महीने से ज्‍यादा हो गए हैं और रूस को खारकीव इलाके में बड़े झटके का सामना करना पड़ा है। यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की का दावा है कि उन्‍होंने करीब 2000 किमी इलाके को रूसी कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया है। यूक्रेन को मिलती इस बढ़त के बीच पश्चिमी रक्षा व‍िशेषज्ञ रूस के हवाई ताकत पर बड़ा सवाल उठा रहे हैं। उनके निशाने पर सबसे ज्‍यादा रूस का सुखोई-35 फाइटर जेट है जिसे इस युद्ध के शुरू होने से पहले तक मास्‍को चौथी पीढ़ी का सबसे अजेय फाइटर जेट बताता था। यही नहीं रूस ने इस फाइटर जेट को भारत को भी ऑफर किया है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहा ईरान इस रूसी फाइटर जेट को लेकर इच्‍छुक है।

पश्चिमी विश्‍लेषकों का कहना है कि यूक्रेन की इस 6 महीने की जंग में रूस के फाइटर जेट को कई झटके लगे हैं। रूस के तीन खरीदार देशों ने सुखोई-35 फाइटर जेट के ऑर्डर को इस आधार पर रद कर दिया है कि उनमें कई कमियां हैं। यही नहीं यूक्रेन की जंग में रूस ने कथित रूप से सुखोई-35 की दो स्‍क्‍वाड्रन को गंवा दिया है। यही नहीं रूसी वायुसेना की शान कहा जाने वाला फाइटर जेट अब पुतिन के लिए बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। रूस का यह विमान सुखोई-27 के दो वेरिएंट से मिलकर बना है। कलाबाजियां करने में माहिर रूसी विमान के एयरफ्रेम को रूस की रक्षा कंपनी सुखोई ने शीतयुद्ध के समय बनाया था।
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यूक्रेन युद्ध में इस विमान की पोल खुल गई
रूस ने सुखोई-27 का निर्माण अमेरिका के चौथी पीढ़ी के विमान एफ-15 ईगल और एफ-14 टॉमकैट को टक्‍कर देने के लिए किया था। यह उस समय रूस का बेहद ताकतवर फाइटर जेट माना जाता था। वर्तमान सुखोई-35 फाइटर जेट नाम साल 1980 के दशक तक आया। हालांकि वर्तमान सुखोई-35 फाइटर जेट पूरी तरह से अलग फाइटर जेट है। इसकी क्षमता और ताकत भी पहले से काफी अलग है। सुखोई-35 बनाने वाली कंपनी यूएसी का कहना है कि यह विमान हवाई कलाबाजी करने में माहिर है, इसमें अत्‍याधुनिक उपकरण, हाई सुपरसोनिक स्‍पीड और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता है।

उसने कहा था कि इलेक्‍ट्रानिक वारफेयर सिस्‍टम, रेडॉर की पकड़ बहुत कम आना और दुश्‍मन की मिसाइलों से बच निकलने की ताकत के कारण यह जंग के लिहाज से बहुत ही कारगर प्‍लेन है। रूस ने भले ही यह दावा किया हो लेकिन यूक्रेन युद्ध में इस विमान की पोल खुल गई है। पश्चिमी विश्‍लेषकों का कहना है कि अमेरिकी विमान जहां अत्‍याधुनिक AESA रेडॉर का इस्‍तेमाल करते हैं, वहीं सुखोई-35 में Irbis-E पैसिव इलेक्‍ट्रानिकली स्‍कैन्‍ड एरे रेडॉर लगा है जिससे यह दुश्‍मन की पकड़ में आसानी से आ जाता है। यू्क्रेन की जंग में रूस के कम से कम दो सुखोई-35 फाइटर जेट को मार गिराने की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि यूक्रेन का दावा है कि उसने 24 सुखोई-35 फाइटर जेट मार गिराए हैं।
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इंडोनेशिया और मिस्र ने फाइटर जेट के ऑर्डर को रद किया
रूस का यह एक फाइटर जेट 8.5 करोड़ डॉलर का है। रूस ने भारतीय वायुसेना को 114 मल्‍टी रोल जेट्स की डील के लिए अपने दो फाइटर जेट का कथित रूप से ऑफर दिया है। इनमें से एक सुखोई-35 और दूसरा मिग-35 फाइटर है। यह पूरी डील 1.3 ट्रिल्‍यन की है। इससे पहले इंडोनेशिया और मिस्र ने रूस के इस फाइटर जेट के ऑर्डर को रद कर दिया था। इसे रूस के हथियार उद्योग के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि भारत ने अभी ताजा निविदा के लिए सुखोई-35 जेट के प्रस्‍ताव को खारिज नहीं किया है।



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अमेरिका के एक स्कूल में गोलीबारी, 6 लोगों की मौत, पुलिस ने महिला शूटर को भी मार गिराया

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Image Source : फाइल फोटो
सांकेतिक तस्वीर

एक बार फिर अमेरिका में गोलीबारी की खबर सामने आ रही है। मामला टेनेसी राज्य के एक स्कूल है जहां एक लड़की शूटर ने हमला किया है। इस दौरान 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। वहीं पुलिस ने शूटर को भी मार गिराया गया है। संदिग्ध ने एक साइड दरवाजे से प्रवेश द्वार के माध्यम से इमारत में प्रवेश किया था। 


अधिकारियों ने कहा कि नैशविले के एक निजी ईसाई स्कूल में सोमवार को हुई गोलीबारी में संदिग्ध की मौत हो गई है। वहीं नैशविले अग्निशमन विभाग ने ट्विटर पर कहा कि कई मरीज हैं लेकिन उनकी स्थिति तत्काल स्पष्ट नहीं है। 

 आर्कन्सास राज्य में भी हुई थी फायरिंग

इससे पहले अमेरिका के आर्कन्सास राज्य की पुलिस ने कहा कि रविवार रात को गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी तथा पांच लोग घयल हो गए। लिटल रॉक पुलिस विभाग ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि आपात सेवाओं को रात नौ बजकर 25 मिनट पर गोलीबारी की सूचना मिली।

जांच में जुटी पुलिस

घटना में दो लोगों को चोटें आयीं, लेकिन वो जानलेवा नहीं थीं। पुलिस ने बताया कि कुछ देर बाद नजदीकी इलाके में गोलीबारी की दूसरी घटना हुई, जिसमें पांच अन्य लोगों को गोली मारी गई। इनमें से दो लोगों की मौत हो गयी। गोलीबारी की दोनों घटनाएं एशर एवेन्यू के पास स्थित इलाकों में हुईं, लेकिन पुलिस ने अभी इनके आपस में जुड़े होने कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है।

 

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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश

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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश

कराचीः कंगाल पाकिस्तान में खाने से लेकर पेट्रोल, बिजली और हर जरूरत की वस्तुओं की किल्लत बनी हुई है। पाकिस्तान का सरकारी खजाना खाली हो चुका है।  अब तो हालत यह हो गई है। जिन्ना के इस कंगाल देश में जीवन रक्षक दवाओं की भी कमी हो गई है। 

पाकिस्तान की दवा नियमितता प्राधिकरण (डीआरएपी) की मूल्य निर्धारण नीति और रुपये में गिरावट के कारण पाकिस्तान में अधिकांश आयातित और महत्वपूर्ण दवाओं की अत्यधिक कमी हो गई है, मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। द न्यूज ने बताया, फार्मासिस्ट और जैविक उत्पादों के आयातक अब्दुल मन्नान ने कहा- डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा के अत्यधिक मूल्यह्रास और पाकिस्तान की ड्रग रेगुलरिटी अथॉरिटी (डीआरएपी) की विवादास्पद दवा मूल्य निर्धारण नीति के कारण, उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं और आयातकों के लिए उन्हें डीआरएपी द्वारा दी गई मौजूदा कीमतों पर लाना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो गया है।

दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं और अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाओं को आयातित टीकों, कैंसर उपचारों, प्रजनन दवाओं और एनेस्थीसिया गैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि विक्रेताओं ने डॉलर-रुपये की असमानता के कारण अपनी आपूर्ति बंद कर दी है।

द न्यूज ने बताया कि फिलहाल, सबसे महत्वपूर्ण दवा जो स्वास्थ्य सुविधाओं को नहीं मिल रही है, वह हेपरिन है, जो कुछ हृदय संबंधी प्रक्रियाओं के बाद इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह, विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए आइसोफ्लुरेन, सेवोफ्लुरेन के साथ-साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी जैसी कुछ महत्वपूर्ण संवेदनाहारी गैसों के साथ-साथ मानव क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) और मानव रजोनिवृत्ति संबंधी गोनाडोट्रोपिन (एचएमजी) जैसे प्रजनन उत्पादों को भी डॉलर-रुपये की असमानता और डीआरएपी की मूल्य निर्धारण नीति के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है।

हालांकि अधिकांश ओरल दवाएं जिनमें सिरप, टैबलेट और इंजेक्शन शामिल हैं, स्थानीय रूप से उत्पादित की जाती हैं, लेकिन भारत, चीन, रूस, यूरोपीय देशों के साथ-साथ अमेरिका और तुर्की से पाकिस्तान सभी टीकों, कैंसर रोधी दवाओं और उपचारों, हार्माेन, प्रजनन दवाओं के साथ-साथ अन्य उत्पादों सहित अधिकांश जैविक उत्पादों का आयात करता है।

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इजरायल में विवादित न्यायिक सुधार कानून निलंबित, आखिर नेतन्याहू को झुकना ही पड़ा

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बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के विवादित न्यायिक सुधार कानून को निलंबित कर दिया है। इसे अब इजरायली संसद में दोबारा चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। इस कानून के विरोध में इजरायल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रिजर्व सैनिक और इजरायली दूतावासों ने भी विरोध में हड़ताल की है।

 



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