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दो युवकों ने चुराए पैसे फिर पुलिस वालों ने उन्हीं चोरों को लूट लिया
गाजियाबाद: पुलिस के ऊपर कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। आप सोचिए अगर पुलिस अपना काम करना छोड़ दे तो समाज में असामजिक तत्व कैसा माहौल बना देंगे। आप अक्सर सुनते होंगे कि इस पुलिस थाने ने इस बड़े लुटेरे या चोर को गिरफ्तार किया। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि पुलिस वालों ने ही चोरी या लूट की घटना को अंजाम दिया हो। बहुत कम ही ऐसा होता है जब कानून के रखवाले ही इस तरह की घटना को अंजाम दें। लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कुछ ऐसे ही कांड का खुलासा हुआ है।
दिल्ली में की चोरी और जूते खरीदने पहुंच गए गाजियाबाद
गाजियाबाद में लूट का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दो चोरों ने दिल्ली में चोरी की और अगले दिन जूता खरीदने गाजियाबाद पहुंचे। गाजियाबाद में जूता व्यापारी से दोनों की बहस हो गई। मौके पर दो पुलिसकर्मी पहुंचे। उन्होंने दोनों से चोरी किए गए 3.60 लाख लूटे और फर्जी केस में फंसाने का डर दिखाकर भगा दिया। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने चोरी केस की जांच पड़ताल शुरू कर दी और दोनों चोरों को गिरफ्तार कर उनसे पैसे की रिकवरी करने की कोशिश की तो दोनों ने सच्चाई सुना दी। इसके बाद पुलिस ने इसकी शिकायत गाजियाबाद पुलिस से की। मामले की जानकारी के बाद गाजियाबाद पुलिस के अधिकारी सन्न रह गए। उच्च अधिकारियों ने इस मामले की जांच एक अधिकारी को दी। जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानिए इस चोरी की पूरी टाइमलाइन
दरअसल, दिल्ली के भजनपुरा इलाके में 25 मई की रात आलोक शर्मा नामक व्यक्ति के घर से चोरी हुई। इसमें बदमाशों ने 3 लाख 60 हजार रुपये चुराए थे। आखिरकार 19 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जब रकम बरामदगी के लिए उनसे पूछताछ हुई तो आरोपियों ने अपने साथ हुई लूट की कहानी पुलिस को सुनाई। उन्होंने बताया कि वह चोरी करने के अगले दिन (26 मई) को जूते खरीदने के लिए गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में आए थे। यहां दुकानदार से कुछ कहासुनी हो गई। इसके बाद गाजियाबाद जिले के शालीमार गार्डन थाने पर तैनात कांस्टेबल धीरज चतुर्वेदी और इंद्रजीत मौके पर पहुंचे।
फर्जी मामले में जेल भेजने के नाम पर लूट लिए रुपए
आरोप है कि दोनों ने मामला रफा-दफा करने के नाम पर बदमाशों से 3 लाख 60 हजार रुपए लूट लिए और फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देकर भगा दिया। दिल्ली पुलिस के इनपुट और चोरी के पीड़ित आलोक शर्मा की शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस के डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने एसीपी को जांच सौंपी। जांच में आरोप पुष्ट हुए, जिसके बाद 21 जुलाई की रात दोनों सिपाही धीरज चतुर्वेदी और इंद्रजीत को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि अभी तक लूटी हुई रकम बरामद नहीं हो सकी है।
खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।