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मॉल के मालिक पर 100 करोड़ की ठगी का आरोप, दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोपी को गिरफ्तार किया है. जिसकी उम्र 70 साल है. आरोपी का नाम प्रदीप पालीवाल है, जो दिल्ली के वसंत विहार का रहने वाला है. आरोपी दिल्ली से सुल्तानपुर गांव में स्थित एक मॉल का मालिक भी हैं. दिल्ली पुलिस का दावा है कि प्रदीप पालीवाल के खिलाफ सीबीआई में भी केस रजिस्टर्ड है. अदालत ने प्रदीप पालीवाल को प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर(भगोड़ा घोषित) करार दिया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ज़िम्बाब्वे के सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहा था और अपनी पजेरो कार में देश के अलग अलग राज्यों में घूम रहा था. पुलिस ने इसके साथ विनायक भट्ट को भी गिरफ्तार किया है, जो इसकी कंपनी का ही डायरेक्टर है और वह सीबीआई के मामले में वांछित चल रहा था.

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ईओडब्लू की जॉइंट सीपी छाया शर्मा ने बताया कि ईओडब्ल्यू में एक महिल शकुंतला देवी की तरफ से शिकायत की गई थी. जिसमें कहा गया था कि उनके साथ राजस्थान में ग्रेनाइट की माइन दिलाने के नाम पर 20 करोड़ रुपये की ठगी की गई है. इसका आरोप प्रदीप पालीवाल नाम के व्यक्ति पर लगाया गया था. ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि प्रदीप पालीवाल के खिलाफ कुल 4 मामले दर्ज हैं, जिसमें से 1 सीबीआई का भी है. प्रदीप पालीवाल के खिलाफ 2018 में सीबीआई में केस दर्ज किया गया था. वह वांटेड चल रहा था. बैंक से फर्जीवाड़ा कर 25 करोड़ का लोन लिया था.

पुलिस के अनुसार प्रदीप पालीवाल गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार भाग रहा था. उसकी एलओसी भी खुलवाई हुई थी, ताकि अगर वो विदेश भागने की कोशिश करता है तो उसे एयरपोर्ट से ही दबोचा जा सके. लेकिन प्रदीप पालीवाल इतना शातिर निकला कि उसने न तो ट्रेन का इस्तेमाल किया और न ही रेल का. वह पजेरो कार में सवार होकर देश में एक जगह से दूसरी जगह के चक्कर काट रहा था. इतना ही नहीं इसने अपने कर्मचारी को ज़िम्बाब्वे भेज कर वहां से 7 से 8 सिम कार्ड एक्टिव करवा कर मंगवाए थे और टेलीग्राम व व्हाट्सएप के माध्यम से अपने परिचितों से संपर्क करता था. एक सिम को 3 से 4 दिन बाद इस्तेमाल किया करता था.

  प्रदीप पालीवाल अपनी पजेरो कार से ही देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में घूम रहा था. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह एक जगह पर 12 से 24 घंटे ही रुकता था और वह एक राज्य से दूसरे राज्य में तुरंत ही शिफ्ट हो जाता था. फरारी के दौरान वह कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली इन राज्यों में इधर से उधर घूमता रहा है,पुलिस के अनुसार प्रदीप पालीवाल महज 11वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है. वह 11 कंपनियों में डायरेक्टर है, एक तरह से कहीं तो वह 11 कंपनियों का मालिक है. ये सभी कंपनियां रियल एस्टेट बिजनेस व ग्रेनाइट और मार्बल की माइनिंग से जुड़ी हुई है.

पुलिस के अनुसार प्रदीप पालीवाल की तलाश पिछले 1 साल से बेहद ही सरगर्मी से की जा रही थी लेकिन वह इतना शातिर था कि पुलिस को पल पल पल चकमा दे रहा था अगर हम पिछले डेढ़ महीने की बात करें तो इसके तलाश और भी ज्यादा तेज कर दी गई थी इस दौरान यह पाया गया कि 1 दिन पहले उसकी लोकेशन कोलकाता की आती है तो अगले दिन वह अरुणाचल प्रदेश में होता है इस तरह से पुलिस टीम को भी इसे गिरफ्तार करने में खासा मशक्कत करनी पड़ी आरोपी प्रदीप पालीवाल को दिल्ली के क्रॉस रिवर मॉल के नजदीक से गिरफ्तार किया

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 10 मई को होगा मतदान, चुनाव नतीजे 13 मई को

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 10 मई को मतदान होगा. चुनाव नतीजे 13 मई को आएंगे. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए तारीखों का ऐलान किया. कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं. इस वक्त राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का शासन है और बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री हैं. कर्नाटक में कुल 5,21,73,579 वोटर हैं, जबकि 9.17 लाख नए वोटर जुड़े हैं. 1 अप्रैल को जिनकी उम्र 18 साल हो रही है, वे भी वोट कर सकेंगे. 100 बूथों पर दिव्यांग कर्मचारी तैनात रहेंगे.

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 का कार्यक्रम
कार्यक्रम तिथि
अधिसूचना जारी होने की तिथि 13 अप्रैल, 2023
नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2023
नामांकन पत्रों की छंटनी की तिथि 21 अप्रैल, 2023
नामांकन पत्र वापसी की अंतिम तिथि 24 अप्रैल, 2023
मतदान की तिथि 10 मई, 2023
मतगणना / चुनाव परिणाम की तिथि 13 मई, 2023

कर्नाटक में 2018 विधानसभा चुनाव के बाद बनी जद (एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद 2019 जुलाई में कर्नाटक में भाजपा सत्ता में आई थी. जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन के कई बागी विधायकों का समर्थन हासिल कर भाजपा ने यह सरकार बनाई थी. बाद में बागी विधायक भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव लड़कर जीते. वर्तमान विधानसभा में भाजपा के 121 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 70 और जद (एस) के पास 30 विधायक हैं. भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री भी बदल दिया. बी.एस. येदियुरप्पा ने जुलाई, 2021 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके स्थान पर मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई गद्दी पर बिठाए गए.

यह है चुनाव आयोग की तैयारी

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज बताया कि करीब 1,320 मतदान केंद्रों पर केवल महिला कर्मचारी मौजूद रहेंगी. इससे हम महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रहे हैं. हम 240 मतदान केंद्रों को मॉडल पॉलिंग स्टेशन बनाएंगे. युवाओं को मतदान केंद्रों पर लाने के लिए 224 मतदान केंद्र सिर्फ युवाओं द्वारा संचालित किया जाएगा. कर्नाटक में 58,282 मतदान केंद्र हैं जिसमें से 20,866 शहरी केंद्र हैं. इनमें से 50% मतदान केंद्र यानी 29,140 पर वेबकास्टिंग की जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमने कर्नाटक विधानसभा के मतदान का दिन बुधवार रखा है. इससे हो सकता है कि लोग बाहर तो नहीं जा सकेंगे, क्योंकि दो दिन की छट्टी मिलने में थोड़ी मुश्किल होगी. लोग मतदान करने आ जाएंगे.

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ईडी ने छत्तीसगढ़ में शराब और होटल कारोबारियों पर की छापेमारी, एक IAS पर भी छापा

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ईडी ने छत्तीसगढ़ में की छापेमारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज ईडी ने फिर एक बड़ी कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को तड़के शराब और होटल कारोबारियों पर छापे मारी की हैं। बड़े उद्योगपति कमल सारडा, कोल परिवहन और जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों और कुछ अधिकारियों पर छापे के बाद यह दूसरा दिन है। आज एक आला अधिकारी समेत राजनैतिक रसूख रखने वाले रायपुर मेयर एजाज ढेबर व उनके होटल व्यवसायी भाई अनवर ढेबर उर्फ अनु पर ईडी ने छापेमारी की है। ईडी ने इसके अलावा शराब ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया बिलासपुर,पप्पू भाटिया रायपुर और कृषि विभाग में बड़ी सप्लाई करने वाले मनदीप चावला समेत आईएएस अनिल टुटेजा के करीबी सौरभ जैन के छापेमारी की है। मिली जानकारी के मुताबिक मेयर एजाज ढेबर, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया,बलदेव सिंह भाटिया,पप्पू बंसल, विनोद बिहारी आदि लोगों के यहां ईडी ने सुबह-सुबह छापेमारी शुरू की है।

हवाला के जरिए भेजे गए पैसे

इस ताबड़तोड़ छापेमारी से एक बार फिर राज्य में भूचाल-सा आ गया है। बता दें कि इनमें ढेबर परिवार के यहां पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा पड़ चुका है, जिसके आधार पर ही ईडी द्वारा आगे जांच की बात कही गई है। सूत्रों की मानें तो ईडी को इस बात के संकेत मिले हैं कि शराब माफियाओं के द्वारा पैसे इकट्ठा करवाकर अन्य माध्यम से दूसरे राज्य में भी हवाला के माध्यम से रुपए भेजे गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ईडी के द्वारा आईएएस अनिल टुटेजा को नान घोटाले में आरोपी बनाया गया है। जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। अनिल टुटेजा एक प्रमोटी आईएएस है। सूत्रों के मुताबिक, शराब ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया बिलासपुर, पप्पू भाटिया रायपुर व रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज ढेबर उनके भाई अनवर ढेबर होटल व्यवसायी और कृषि विभाग में सप्लाई करने वाले मनदीप चावला और एक प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा और उनके करीबी सौरभ जैन के यहां छापेमारी की गई है। 

ईडी का दूसरे दिन और बड़ा धमाका

छापेमारी के विषय में विस्तार से जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। बता दें कि ईडी को जानकारी मिली है कि शराब माफियाओं के द्वारा दूसरे राज्य में पैसा एकत्र कर हवाला के जरिए दूसरे राज्य में पैस भेजे गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ईडी ने बीते दिन भी छापेमारी की थी। ये छापेमारी के के श्रीवास्तव के यहा की गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, के.के, श्रीवास्तव हवाला कारोबार में लिप्त हैं। इन छापों के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जताई गई आशंका की चर्चा तेज हो गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आते-आते छापे और बढ़ेंगे।

पहले ही इनकम टैक्स का छापा

गौरतलब है कि ढेबर के यहां पहले ही इनकम टैक्स का छापा पड़ा था, जिसके बाद मामला ईडी में गया। कल ईडी की कार्यवाही छत्तीसगढ के राजनैतिक गलियारों में रसूखदार के के श्रीवास्तव के यहां हुई थी। के के श्रीवास्तव अपनी राजनैतिक पहुंच का हवाला देकर बड़े अधिकारियों तक पर धौंस जमाता था। पूजा पाठ और तंत्र मंत्र के ज्ञान की बात भी ये शख्स करता था। सूत्रों की मानें तो अन्य जगहों पर पैसों का लेनदेन के लिए के के श्रीवास्तव भी इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा था। बहरहाल सूत्रों की मानें तो ईडी के पास इतने प्रमाणित तथ्य हैं कि उससे इंकार कर पाना इन सबके लिए एक टेढ़ी खीर ही साबित होगी।

(रिपोर्ट- अलोक शुक्ला)

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कर्नाटक चुनाव: घर से वोट डाल सकेंगे मतदाता, जानें किसे मिलेगी वोटिंग फ्रॉम होम की सुविधा

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कर्नाटक में विधानसभा की कुल 225 सीटें हैं, जिनमें से 36 सीटें अनुसूचित जाति और 15 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। एक सीट मनोनीत के लिए होती है। इस तरह कुल 224 सीटों पर चुनाव होना है।



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