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मैं समझौते के लिए तैयार हूं… अपनों ने किया किनारा तो इमरान खान ने मान ली हार? बोले- राजनीति छोड़ दूंगा!

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इस्लामाबाद : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चीफ इमरान खान के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। एक तरफ तो सेना और सरकार उन्हें जेल भेजने के भरसर प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनके करीबी भी अब उनसे किनारा करने लगे हैं। मुसीबतों से घिरे इमरान खान ने बुधवार को कहा कि वह ‘सत्ता में बैठे किसी भी शख्स’ से बातचीत करने को तैयार हैं। इमरान का यह बयान तब सामने आया है जब उनके सबसे करीबी नेताओं में शामिल फवाद चौधरी ने भी बुधवार को पीटीआई से खुद को अलग कर लिया। चौधरी की तरह पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की फेहरिस्त काफी लंबी है।

जियो न्यूज की खबर के अनुसार अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा, ‘मैं एक कमिटी का गठन कर रहा हूं। यह दो चीजों पर ‘सत्ता में बैठे किसी भी शख्स’ से बातचीत करेगी। पहला, अगर ‘उनके’ मुताबिक यह देश के लिए फायदेमंद है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। दूसरा, अगर अक्टूबर में चुनाव होते हैं तो इससे देश को कितना लाभ होगा। हमें इन दो चीजों पर राज़ी करें। अगर उन्हें लगता है और वे कमिटी को यह मनाने में कामयाब हो जाते हैं कि मेरे राजनीति छोड़ने से मुल्क को फायदा होगा तो मैं पीछे हट जाऊंगा और राजनीति छोड़ दूंगा।’

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अब तक 30 नेता छोड़ चुके हैं पीटीआई

इमरान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया था। भीड़ ने रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय पर हमला किया और लाहौर के ‘जिन्ना हाउस’ को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद से ही एक के बाद एक नेता हिंसा की आलोचना कर पीटीआई से इस्तीफा दे रहे हैं। अब तक करीब 30 नेता इमरान की पार्टी छोड़ चुके हैं और यह संख्या आने वाले समय में बढ़ भी सकती है। इमरान का दावा है कि पीटीआई नेताओं को ‘गनपॉइंट’ पर पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

करीबियों ने किया इमरान से किनारा

पीटीआई को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इमरान सरकार में मंत्री रह चुके फवाद चौधरी ने भी बुधवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी। इससे एक दिन पहले शिरिन मजारी ने भी 9 मई को हुई हिंसा की आलोचना करते हुए इमरान की पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हजारों की संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं और यह कार्रवाई अभी भी जारी है। शाह महमूद कुरैशी जैसे इमरान के भरोसेमंद जेल में हैं।



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पाकिस्‍तान सेना के खिलाफ अपनी जंग हार चुके हैं इमरान खान, जानिए आखिर ऐसा क्‍यों कह रहे हैं विशेषज्ञ

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Pakistan News: पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बड़े ही जोर-शोर से सेना के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। लेकिन देश के विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया इमरान सेना के खिलाफ अपनी जंग हार चुके हैं। उनका कहना है कि इस समय पीटीआई और इमरान को खासे दबाव का सामना करना पड़ रहा है।

 



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चीन ने घातक हथियारों में बनाई ऐसी बढ़त, अमेरिका कभी नहीं कर सकेगा बराबरी, रिपोर्ट ने दुनिया को डराया

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मेलबर्न: ताइवान को लेकर चीन के साथ जंग जैसे हालात के बीच अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए एक बहुत ही डरावनी रिपोर्ट आई है। चीन के शोधकर्ताओं ने प्रमुख सैन्‍य तकनीक के मामले में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। ऑस्‍ट्रेलियाई थिंक टैंक ने खुलासा किया है कि चीन और अमेरिका के बीच यह सैन्‍य तकनीक की खाई इतनी ज्‍यादा बढ़ गई है कि पश्चिमी देश कभी भी इसकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ऑस्‍ट्रेलिया की यह रिपोर्ट भारत के लिए भी बड़े खतरे की घंटी है जो लद्दाख में चीन के सामने डटकर खड़ा है।

द ऑस्‍ट्रेलिया स्‍ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्‍टीट्यूट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में रिसर्च पेपर के आधार पर मंगलवार को खुलासा किया कि 23 में से 19 क्षेत्रों में चीन सबसे आगे चल रहा है। इसमें से ऐसे कई क्षेत्र हैं जो हिंद प्रशांत और अन्‍य क्षेत्रों में चीन के सैन्‍य दबदबे को स्‍थापित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। चीन अब हाइपरसोनिक मिसाइलों, इलेक्‍ट्रोनिक वारफेयर और समुद्र के अंदर हमला करने की क्षमता में बहुत आगे निकल चुका है। इस रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि चीन की बढ़त इन क्षेत्रों में बहुत प्रभावी है।
चीन की बराबरी नहीं कर सकता भारत, इसलिए भारतीय सेना से हमें खतरा नहीं, चीनी कर्नल का अहंकार तो देख‍िए

चीन ने हाइपरसोनिक तकनीक में सबको पीछे छोड़ा

रिपोर्ट के मुताबिक इससे यह खतरा पैदा हो गया है कि चीन इन क्षेत्रों में तकनीकी सफलता के मामले में पूरी दुनिया में अपना दबदबा कायम कर लेगा। इस विश्‍लेषण में यह भी कहा गया है कि हाइपरसोनिक तकनीक के मामले में 10 से 9 शोध संस्‍थान चीन में स्थित हैं। वहीं चीन समुद्र के नीचे चलने वाले ड्रोन बनाने के मामले में सभी 10 शीर्ष शोध संस्‍थानों का केंद्र है। बलिस्टिक मिसाइलों के उलट हाइपरसोनिक मिसाइल ध्‍वनि की 5 गुना रफ्तार के बाद भी कलाबाजी में माहिर है।

धरती के 10 हजार मीटर नीचे छिपा है कौन सा रहस्य? जानने के लिए चीन ने शुरू की खुदाई

हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में चीन और अन्‍य देशों के बीच खाई बहुत ही ज्‍यादा है। इस तकनीक के क्षेत्र में चीन ने 73 फीसदी बेहतरीन शोध किए हैं जो अमेरिका और अन्‍य 8 देशों को मिलाकर भी ज्‍यादा है। इस विश्‍लेषण से यह भी पता चला है कि चीन पश्चिमी शोध संस्‍थानों का इस्‍तेमाल अपनी बढ़त हासिल करने के लिए कर रहा है। चीन के ऐसे शोध लिखने वाले 14 फीसदी शोधकर्ताओं ने अपनी पोस्‍ट गैजुएट ट्रेनिंग अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया या ब्रिटेन में हासिल की है। वहीं इलेक्‍ट्रॉनिक वारफेयर के मामले में 18 फीसदी वैज्ञानिकों ने पश्चिमी देशों में ट्रेनिंग ली है।
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अमेरिका को अभी भी इन मामलों में हासिल है बढ़त

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा नहीं है कि चीन हर क्षेत्र में बहुत आगे निकल गया है। थिंक टैंक ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अपनी बादशाहत रखते हैं। इसमें ऑटोनॉमस सिस्‍टम, क्‍वांटम कंप्‍यूटिंग और क्‍वांटम सेंसर शामिल हैं। इसके अलावा एआई तथा साइबर सिक्‍यॉरिटी के मामले में अमेरिका अभी आगे है। अब अमेरिका ब्रिटेन और ऑस्‍ट्रेलिया के साथ मिलकर चीन के खिलाफ आ रही तकनीकी सफलता की खाई को पाटने में जुट गया है।



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भारतीय संसद में ‘अखंड भारत’ का नक्‍शा, भड़के बांग्‍लादेशी, पीएम शेख हसीना भारत से मांग रही जवाब

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ढाका: भारतीय संसद की नई बिल्डिंग में ‘अखंड भारत’ का नक्‍शा लगाए जाने पर बांग्‍लादेशी नेता भड़क उठे हैं। अब बांग्‍लादेश के विदेश राज्‍य मंत्री शहरियार आलम ने कहा है कि हमारी सरकार ने भारत सरकार से इस पूरे मामले में सफाई मांगने जा रही है। इससे पहले नेपाल और पाकिस्‍तान में भी इस भित्तिचित्र को लेकर अपना कड़ा विरोध जताया है। बांग्‍लादेशी मंत्री ने बताया कि हमने नई दिल्‍ली में अपने उच्‍चायोग को निर्देश दिया है कि वह भारत के विदेश मंत्रालय से ‘अखंड भारत’ के नक्‍शे पर संपर्क करे। इस भित्तिचित्र में बांग्‍लादेश, नेपाल और पाकिस्‍तान का इलाका भी शामिल है।

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि यह कोई अखंड भारत का नक्‍शा नहीं बल्कि सम्राट अशोक के शासन का इलाका है। बांग्‍लादेशी मंत्री आलम ने ढाका में पत्रकारों से कहा कि सरकार भारत से इस बारे में जवाब मांगने की प्रक्रिया में है। आलम ने यह टिप्‍पणी ऐसे समय पर की है जब दो दिन पहले ही बांग्‍लादेश की मुख्‍य विपक्षी पार्टी बीएनपी ने इस भित्तिचित्र को बांग्‍लादेश की स्‍वंतत्रता और संप्रभुता को खतरा करार दिया था। मंत्री आलम ने कहा कि इस नक्‍शे को लेकर व्‍यापक स्‍तर पर गुस्‍सा है।
नेपाल के बाद अब पाकिस्‍तान ‘अखंड भारत’ के नक्‍शे पर आगबबूला, नई संसद को देख घबराई शहबाज सरकार

नेपाली नेता ने इस नक्‍शे को लेकर भारत को चेतावनी दी

आलम ने कहा कि हम भारत के विदेश मंत्रालय से सफाई मांग रहे हैं कि उनका आधिकारिक रुख क्‍या है। इससे पहले नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई इस भित्तिचित्र को लेकर भारत को चेतावनी दी थी। इस नक्‍शे में नेपाल के लुंबिनी और कपिलवस्‍तु को भी दिखाया गया है। बांग्‍लादेशी मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान से सहमति जताई और माना कि यह भित्तिचित्र राजनीतिक वास्‍तविकता को नहीं बल्कि सांस्‍कृतिक विस्‍तार को द‍िखाता है।

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्‍लादेश सरकार का भारत से जवाब मांगना, इस बात को दर्शाता है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार पर काफी ज्‍यादा दबाव है। वह भी ऐसे समय पर ज‍ब देश में बिजली संकट चल रहा है और यह संकट तब और ज्‍यादा बढ़ गया जब देश का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्‍लांट सोमवार को बंद हो गया। बांग्‍लादेश ने डॉलर के संकट को देखते हुए विदेश से कोयला मंगाना बंद कर दिया है। डॉलर संकट और ज्‍यादा तब बढ़ गया है जब यूक्रेन संकट शुरू हुआ है। इसके अलावा बांग्‍लादेश की अर्थव्‍यवस्‍था आयात पर निर्भर करती है।



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