जियो न्यूज की खबर के अनुसार अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा, ‘मैं एक कमिटी का गठन कर रहा हूं। यह दो चीजों पर ‘सत्ता में बैठे किसी भी शख्स’ से बातचीत करेगी। पहला, अगर ‘उनके’ मुताबिक यह देश के लिए फायदेमंद है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। दूसरा, अगर अक्टूबर में चुनाव होते हैं तो इससे देश को कितना लाभ होगा। हमें इन दो चीजों पर राज़ी करें। अगर उन्हें लगता है और वे कमिटी को यह मनाने में कामयाब हो जाते हैं कि मेरे राजनीति छोड़ने से मुल्क को फायदा होगा तो मैं पीछे हट जाऊंगा और राजनीति छोड़ दूंगा।’
अब तक 30 नेता छोड़ चुके हैं पीटीआई
इमरान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया था। भीड़ ने रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय पर हमला किया और लाहौर के ‘जिन्ना हाउस’ को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद से ही एक के बाद एक नेता हिंसा की आलोचना कर पीटीआई से इस्तीफा दे रहे हैं। अब तक करीब 30 नेता इमरान की पार्टी छोड़ चुके हैं और यह संख्या आने वाले समय में बढ़ भी सकती है। इमरान का दावा है कि पीटीआई नेताओं को ‘गनपॉइंट’ पर पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
करीबियों ने किया इमरान से किनारा
पीटीआई को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इमरान सरकार में मंत्री रह चुके फवाद चौधरी ने भी बुधवार को इस्तीफे की घोषणा कर दी। इससे एक दिन पहले शिरिन मजारी ने भी 9 मई को हुई हिंसा की आलोचना करते हुए इमरान की पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हजारों की संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं और यह कार्रवाई अभी भी जारी है। शाह महमूद कुरैशी जैसे इमरान के भरोसेमंद जेल में हैं।