डायरेक्टर अभिषेक शर्मा की Akshay Kumar अभिनीत ‘राम सेतु’ भले दिवाली के मौके पर सिनेमाघरों में दर्शकों के बीच है, मगर यह हमेशा से धार्मिक आस्था रखने वाले, पुरातत्वविद और इतिहासकारों में चर्चा का विषय रहा है। Ram Setu को ऐडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर रामेश्वरम और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिम तट के मन्नार द्वीप के बीच 48 किलोमीटर की यह लंबी रेंज है। हिंदू पौराणिक कथाओं में उल्लेख है कि यह भगवान राम और उनकी सेना द्वारा लंका पर चढ़ाई करने और रावण से युद्ध करने के लिए बनाया गया सेतु यानी पुल है। जबकि इस्लामिक कथाओं के अनुसार एडम यानी आदम ने इस पुल का इस्तेमाल आदम की चोटी तक पहुंचने के लिए किया था। वैज्ञानिकों के अनुसार राम सेतु एक कुदरती संरचना है, मगर बीते कई साल से सबूत पेश कर दावा किया जा रहा है कि ये प्राकृतिक नहीं, बल्कि भगवान राम द्वारा बनाया गया है। निर्देशक अभिषेक शर्मा की ‘राम सेतु’ भी इसी विचार के इर्द-गिर्द घूमती है। लेकिन फिल्म को फिक्शन बनाने के फेर में यह दर्शकों को एक अलग मोड़ पर छोड़ देती है।
‘राम सेतु’ की कहानी फिल्म की कहानी असल जिंदगी की घटनाओं पर आधारित है। आर्कियोलोजिस्ट डॉक्टर आर्यन कुलश्रेस्ठा एक नास्तिक शख्स है, वो अपने पेशे के कारण तथ्यों पर यकीन करता है। जबकि उसकी पत्नी गायत्री धर्म भीरू है और इतिहास की प्रोफेसर है। इनका एक बेटा भी है। एक आर्कियोलोजिकल मिशन के तहत आर्यन अफगानिस्तान में भगवान बुद्ध की मूर्ति के अवशेषों के साथ ऐतिहासिक धरोहर का पता भी लगा लेता है। इंडिया लौटने के बाद उसे सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट की रिसर्च के काम पर लगाया जाता है, जहां उसे पुरातात्विक तथ्यों के आधार पर साबित करना है कि राम सेतु प्राकृतिक संरचना है और ये भगवान राम के जन्म यानी 7 हजार साल से भी पहले से प्रकृति की उत्पत्ति का नमूना है।
‘राम सेतु’ का ट्रेलर
कहानी में पुष्पक शिपिंग कंपनी का मालिक (नासर) शिपिंग नहर परियोजना के उद्देश्य से गहरे पानी के चैनल का निर्माण करना चाहता है। वह इसे भारत और श्रीलंका के बीच एक शिपिंग मार्ग बनाना चाहता है, ताकि भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच सफर का समय भी कम हो जाएगा। इस परियोजना में नासर का बहुत कुछ दांव पर लगा है, उधर इस परियोजना की घोषणा होते ही धार्मिक आस्था रखने वाला पक्ष विरोध के स्वर मुखर कर देता है कि भगवान राम से जुड़ी संस्कृति के साथ वो छेड़छाड़ नहीं होने देंगे। नासर और सरकार की ओर से आर्यन को सेंड्रा रीबेलो ( जैकलीन फर्नांडिस), प्रवेश राणा, जेनिफर जैसे लोगों टीम के साथ रिसर्च के लिए भेजा जाता है। आर्यन इस बात को लेकर कटिबद्ध है कि वो पुल भगवान राम द्वारा बनाया नहीं गया है। मगर जैसे-जैसे रिसर्च आगे बढ़ती है और जो तथ्य मिलते है, उससे आर्यन भी अचंभित होकर रह जाता है।
फिल्म की कहानी एक ऐसे मोड़ पर आ जाती है, जहां आर्यन समेत उसकी पूरी टीम को मारने का षड्यंत्र रचाया जाता है। उधर राम सेतु पर शिपिंग परियोजना पर अदालत को फैसला देने में महज दो दिन बाकी हैं और आर्यन के पास भी दो ही दिन का समय है। अब क्या आर्यन और उसकी टीम अदालत के फैसले से पहले सही तथ्यों तक पहुंच पाती है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
‘राम सेतु’ का रिव्यू पौराणिक कथाओं को आधुनिक सोच के साथ मिलाकर एक अलग कहानी गढ़ने का प्रयास नया नहीं है। मगर निर्देशक अभिषेक शर्मा की कहानी की की समस्या ये है शुरुआत में ही समझ में आ जाता है कि इसका अंत क्या होगा? सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विषयों पर फिल्म बनाते समय निर्देशक की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। डायरेक्टर के रूप में अभिषेक ने इस मामले में लापरवाही बरती है। मुद्दे को साबित करने वाले तथ्य जबरन साबित होते हैं और कई जगहों पर तो बचकाने भी। कई दृश्यों में निर्देशक द्वारा लोगों की धार्मिक भावना का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति साफ झलकती है।
फर्स्ट हाफ का बहुत सारा समय कहानी और किरदारों को डवलप करने में लगाया है। सेकंड हाफ में कहानी रफ्तार पकड़ती है। हालांकि फिल्म राम सेतु के अस्तित्व को स्थापित करती है और ये भी स्थापित करती है कि मान्यताओं में चली आ रही कहानियां कपोल कल्पनाएं नहीं हैं। यह फिल्म आपको हॉलीवुड की ‘द विंची कोड’ और ‘नैशनल ट्रेजर’ की याद दिलाती है। तकनीकी टीम औसत है। वीएफएक्स को और सुधारा जा सकता था। डैनियल बी जॉर्ज ने फिल्म के मुताबिक साउंड डिजाइन करने का प्रयास किया है। रामेश्वर भगत की एडिटिंग सुस्त है। हां, असीम की सिनेमैटोग्राफी ने फिल्म को रहस्य और रोमांच से लबरेज रखने में काफी मदद की है। फिल्म के अंत में ‘राम राम’ गाना अच्छा बन पड़ा है। क्लाईमेक्स की बात करें, तो यह राम भक्तों के लिए दिवाली का तोहफा साबित होता है।
एक्टिंग के मामले में अक्षय कुमार एक नास्तिक आर्कियोलोजिस्ट के रोल में खूब जमते हैं। उनका लुक कूल है। जैकलीन फर्नांडिस अपने रोल में अच्छी लगी हैं। हां, नुसरत भरूचा को बहुत कम स्क्रीन टाइम मिला है। नासर, प्रवेश राणा और सत्यदेव कंचारणा जैसे कलाकारों ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट भी अच्छी है।
क्यों देखें- पौराणिक कथाओं और आधुनिक सोच के संगम वाले विषयों के शौकीन ये फिल्म देख सकते हैं।
रमजान के पवित्र महीने में टीवी और फिल्म जगत के कई सितारे उमराह करने मक्का पहुंच रहे हैं। ‘बिग बॉस’ का हिस्सा रह चुके अली गोनी और आसिम रियाज भी उमराह करने मक्का पहुंचे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जताई है। उनकी फोटोज इंटरनेट र छाई हुई हैं।
एक्ट्रेस और पॉलिटिशियन स्मृति ईरानी ने इस बारे में खुलकर बात की है कि मिसकैरेज के एक दिन बाद ही उन्हें ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ सीरियल के सेट पर लौटने के लिए कहा गया था। यहां तक कि उन्हें मेडिकल पेपर्स प्रोड्यूसर एकता कपूर को दिखाने पड़े थे, क्योंकि को-स्टार ने एकता से ये कह दिया था कि स्मृति झूठ बोल रही हैं। स्मृति टीवी सीरीज ‘रामायण’ में भी काम कर रही थीं, जिसके डायरेक्टर रवि चोपड़ा ने उन्हें काम पर आने की बजाय आराम करने के लिए कहा था।
‘मिसकैरेज के बाद मानवता के बारे में एक सबक सीखा’
Smriti Irani ने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ सीरियल में तुलसी का किरदार निभाया था और उन्हें इसी सीरियल से खूब पॉप्युलैरिटी मिली थी। वो ‘रामायण’ में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ सीता के रूप में भी दिखाई दीं। हाल ही में एक इंटरव्यू में स्मृति ने इस बारे में बात की कि कैसे उन्होंने मिसकैरेज के बाद मानवता के बारे में एक सबक सीखा। उन्होंने कहा कि वो अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में नहीं जानती थीं और काम करते समय अस्वस्थ महसूस करती थीं।
स्मृति ईरानी ने नीलेश मिश्रा से द स्लो इंटरव्यू इन हिंदी शो में बातचीत के दौरान कहा, ‘मुझे नहीं पता था कि मैं प्रेग्नेंट हूं। मैं सेट पर थी (क्योंकि सास भी कभी बहू थी) और मैंने उन्हें बताया कि शूटिंग के लिए तबीयत ठीक नहीं है और घर जाने की अनुमति मांगी। लेकिन फिर भी मैंने काम किया और जब तक उन्होंने मुझे जाने किया, तब तक शाम हो चुकी थी। डॉक्टर ने मुझे सुझाव दिया कि मैं सोनेग्राफी के लिए जाऊं। रास्ते में मुझे ब्लीडिंग होने लगी और मुझे याद है कि बारिश हो रही थी। मैंने ऑटो रिक्शा रोका और उसे हॉस्पिटल ले चलने को कहा। मैं हॉस्पिटल पहुंची, एक नर्स मेरे पास ऑटोग्राफ मांगने के लिए दौड़ पड़ी, जबकि मुझे खून पह रहा था। मैंने उसे ऑटोग्राफ दिया और उससे पूछा एडमिट कर लोगे, मुझे लग रहा है कि मिसकैरेज हो रहा है…।’
‘क्योंकि…’ की टीम ने काम पर लौटने को कहा
स्मृति ईरानी ने बताया कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के शेड्यूल को आगे बढ़ाना आसान था, क्योंकि इसमें 50 अन्य अहम किरदार थे। हालांकि, ‘रामायण’ के साथ ऐसा नहीं था, वो शो इर्द-गिर्द ही घूमता था। स्मृति ने याद किया कि ‘क्योंकि सास भी…’ की टीम ने उन्हें फोन किया था और ये बताने के बावजूद कि वो ठीक नहीं हैं और उनका मिसकैरेज हो गया है, उन्हें काम पर लौटने के लिए कहा गया।
‘रामायण’ की टीम ने किया सपोर्ट
एक्ट्रेस उस दौरान डबल शिफ्ट में काम कर रही थीं। जब उन्होंने रवि चोपड़ा को अपनी स्थिति के बारे में बताया तो उन्होंने उन्हें आराम करने के लिए कहा। स्मृति ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा तुम्हारा दिमाग खराब है। क्या आप जानती हैं कि बच्चे को खोना कैसा लगता है। आप अभी-अभी उससे गुजरी हैं। कल आने की जरूरत नहीं।’ उन्होंने कहा कि वो सब मैनेज कर लेंगे।
जब स्मृति ने रवि चोपड़ा से कहा कि वो एकता कपूर की ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के लिए काम पर लौट रही हैं, तो ‘रामायण’ के निर्देशक ने उन्हें सोने और आराम करने के लिए अपनी शिफ्ट का उपयोग करने के लिए कहा। अस्पताल में भर्ती होने के अगले दिन स्मृति एकता के शो में लौटीं और उन्होंने पाया कि एक को-एक्टर ने निर्माता से कहा था कि उनका मिसकैरेज रियल नहीं था। स्मृति ने कहा, ‘उस व्यक्ति को पता ही नहीं चला कि मैं वापस आ गई हूं क्योंकि मुझे अपने घर की ईएमआई चुकाने के लिए पैसों की जरूरत थी। अगले दिन, मैं अपने सारे मेडिकल पेपर एकता के पास यह बताने के लिए ले गया कि यह ड्रामा नहीं है। वह असहज हो गई और मुझसे कहा कि कागजात मत दिखाओ। मैंने उनसे कहा, ‘भ्रूण बच्चा नहीं, वरना वो भी दिखा देती।’
करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) और सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के लाड़ले बेटे तैमूर अली खान (Taimur Ali Khan) की तस्वीरें अक्सर सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं। बेबो भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बच्चों संग तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं। हाल ही में यूनिसेफ के एक कैंपेन के दौरान करीना कपूर ने अपने बच्चों तैमूर और जेह के कई सीक्रेट रिवील किए। यूनिसेफ के साथ करीब एक दशक से जुड़ीं करीना ने पढ़ाई की अहमियत के मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए एक बीएमसी स्कूल में पहुंची और वहां बच्चों से अपनी दिल की बात की और उनकी दिल की बात सुनी।
तैमूर को पसंद हैं ‘पंचतंत्र की कहानियां’
इस ईवेंट के दौरान करीना कपूर ने बताया कि उनके बच्चों को रीडिंग पसंद है। करीना ने कहा कि जेह तो अभी 2 साल का है तो वह जैसे-जैसे बड़ा हो रहा है वैसे-वैसे कहानियों को इंजॉय कर रहा है। फिलहाल करीना जेह को फेयरी टेल स्टोरीज सुनाती हैं जो जेह को बेहद पसंद हैं। वहीं तैमूर की पसंद बताते हुए करीना कपूर ने कहा कि तैमूर को बाल ‘पंचतंत्र की कहानियां’ हो या फिर ‘अमर चित्र कथा’ हो, ‘अकबर बीरबल’ और ‘अलादीन’ पढ़ना बहुत पसंद है। तैमूर इन किताबों को पढ़ना इंजॉय करता है। करीना ने बताया कि हम दोनों में से कोई भी उनके साथ पढ़ने के लिए समय निकालते हैं।
‘द क्रू’ में नजर आएंगी करीना
बता दें कि करीना कपूर खान के बड़े बेटे तैमूर अली खान का जन्म 20 दिसंबर 2016 को हुआ था। तैमूर को सैफ और करीना प्यार से टिम कहते हैं। करीना कपूर के वर्कफ्रंट की बात करें तो हाल ही में उन्होंने फिल्ममेकर हंसल मेहता की फिल्म की शूटिंग पूरी की है। दर्शकों को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है। इसके अलावा करीना कपूर खान रिया कपूर के डायरेक्शन में बन रही फिल्म ‘द क्रू’ में भी दिखाई देंगी। इस फिल्म में करीना कपूर के साथ कृति सेनन, दिलजीत दोसांझ और तब्बू नजर आएंगी। करीना कपूर आखिरी बार आमिर खान के साथ फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आई थीं।
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