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MNS ने महाराष्ट्र के मदरसों के सर्वे की मांग की है।
Highlights
एमएनएस ने महाराष्ट्र सरकार से मदरसों के सर्वे की मांग की है।
शिवसेना ने एमएनएस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि सबसे बात करके फैसला किया जाएगा।
Maharashtra Madrassa Survey: महाराष्ट्र की सियासत में पिछले कुछ महीनों से हिंदुत्व का मुद्दा लगातार छाया हुआ है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर ही उद्धव ठाकरे से बगावत की थी और बीजेपी के साथ आ गए थे। अब राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एक बार फिर हिंदुत्व का मुद्दा उठाते हुए सूबे की शिंदे-फडणवीस सरकार से मांग की है कि राज्य में सभी मदरसों का सर्वे कराया जाए। MNS का आरोप है कि महाराष्ट्र के कई शहरो में अवैध मदरसे चल रहे हैं।
शिंदे से मुलाकात करेगा प्रतिनिधिमंडल
एमएनएस का कहना है कि ये मदरसे हाउसिंग सोसायटी से लेकर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तक में चल रहे हैं, ऐसे में इनकी फंडिंग के सोर्स का पता लगाया जाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि कहीं इनमें कोई देश विरोधी गतिविधि तो नहीं चलाई जा रही। MNS ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस और चैरिटी कमिश्नर के पास मदरसों का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। मदरसों के सर्वे की मांग को लेकर MNS का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने वाला है।
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे।
‘…तो हम अपने स्टाइल में ऐक्शन लेंगे’ MNS के प्रवक्ता योगेश चीले ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अवैध मदरसों पर कार्रवाई नहीं कि तो उनकी पार्टी अपने स्टाइल में कार्रवाई शुरू कर देगी। वहीं, शिवसेना ने इस मसले को लेकर MNS पर सियासत करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर उसके पास कोई सबूत है तो सरकार और पुलिस को दे। शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने इस बारे में बात करते हुए कहा, ‘MNS सिर्फ राजनीति कर रही है। सबूत है तो सरकार और पुलिस को दे। MNS को अवैध मदरसों के साथ नारायण राणे के अवैध बंगले का भी मुद्दा उठाना चाहिए।’
‘पवार की भाषा बोल रही है शिवसेना’
शिवसेना पर पलटवार करते हुए MNS ने कहा कि अवैध मदरसों का मुद्दा बालासाहेब ठाकरे ने ही उठाया था। पार्टी ने कहा कि आज शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की नहीं बल्कि शरद पवार की भाषा में बोलने लगी है और उनके विचारों पर चल रही है। वहीं, MNS की मदरसो के सर्वे की मांग पर मौलानाओं का कहना है कि पार्टी अपना सियासी वजूद जिंदा रखने इस तरह के मुद्दे उठा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोई अवैध मदरसा नहीं है और सरकार को दूध का दूध और पानी का पानी कराने के लिए जरूर जांच करानी चाहिए।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस।
क्या है शिंदे-फडणवीस सरकार का पक्ष? इस मुद्दे पर राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि सरकार सभी से चर्चा कर, सबको विश्वास में लेकर मदरसों के सर्वे पर निर्णय करेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और असम की हेमंत विश्व शर्मा सरकार ने मदरसों का सर्वे कराने का आदेश दिया था। असम में तो आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के आरोप में कुछ मदरसों पर बुलडोजर भी चले थे। वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि ऐसे सर्वे पूरे देश में होने चाहिए।
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कंट्रोल
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की संवेदनशीलता तब देखने को मिली जब आज उन्होंने सड़क पर घायल पड़े एक युवक को अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने सड़क पर हादसे में घायल युवक को देखा तो अपने साथ ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ उसे अस्पताल पहुंचाया.
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र कोटा के दौरे पर हैं. स्पीकर बिरला देर रात में थेकड़ा क्षेत्र में कार्यक्रम से भाग लौट रहे थे. रास्ते में मोटरसाइकिल फिसलने से बोरखेड़ा निवासी शुभम राजपुरोहित घायल हो गया था. उस पर बिरला की नजर पड़ी तो उन्होंने तत्काल कारवां रुकवाकर घायल शुभम को संभाला.
लोकसभा अध्यक्ष ने अपनी एंबुलेंस से शुभम को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की. उन्होंने ड्यूटी में लगे डॉक्टर से कहा कि वे तुरंत घायल युवक का इलाज करें. उन्होंने डॉक्टर को भी घायल युवक के साथ अस्पताल भेज दिया.
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के खुलकर जवाब दिए। उन्होंने बताया कि बीजेपी किस तरह की राजनीति करती है और उन्होंने कांग्रेस क्यों ज्वाइन की! शशि थरूर ने कहा, ‘मैंने अपने कनविक्शन के आधार पर एक पार्टी को चुन लिया। मेरी पहले की किताबों को देखिए तो उसमें मैंने सभी (पार्टियों) की आलोचना की है, कांग्रेस की भी। लेकिन मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव कांग्रेस में बदलाव लेकर आए, उदारीकरण लेकर आए। वहीं बीजेपी देश में हिंदुत्व के नाम पर बांटने लगी तो मुझे लगा कि हमारे देश की एकता के लिए कांग्रेस की राजनीति अच्छी है जो सबको एक साथ, एक ही नजर से देखती है। इसलिए मैं कांग्रेस में आया।’
अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने को लेकर थरूर ने कही ये बात
आप की अदालत कार्यक्रम में रजत शर्मा ने सवाल किया कि आपने राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मर्जी के बगैर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा? तो थरूर ने जवाब में कहा कि हां मैंने चुनाव लड़ा क्योंकि मैं कुछ बदलाव लाना चाहता था। मैं उनकी मर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा और मैं उनकी मर्जी का उम्मीदवार नहीं था। चुनाव लड़ने से पहले मैंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मिला था। चुनाव लड़ने पर मैंने कहा था कि मैं आप लोगों के खिलाफ नहीं हूं। तीनों ने मुझे प्रोत्साहित करके कहा कि आप चुनाव लड़िए जोकि पार्टी के लिए अच्छा है। आधिकारिक रूप से कैंडिडेट था लेकिन एक बार जब मैंने कदम बढ़ा लिया तो उसे पूरा किया। सोनिया जी ने मुझसे कहा कि आपके चुनाव लड़ने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
थरूर ने राजनीति में मिसफिट होने सवाल के जवाब में कहा कि राजनीति में आजकल ऐसे लोग एक्टिव हो गए हैं जिनका बैकग्राउंड अलग है। उन्होंने कहा कि आज कई लोग हैं जो राजनीति में पैसा बनाने आते हैं। इस तरह की राजनीति में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। राजनीति में तो मुझे मेरे ही पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
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