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किंग चार्ल्स-3 की ताजपोशी की तस्वीर
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय के ताजपोशी समारोह में शामिल होने के बाद ऐसी बात कह दी कि यूके ने सोचा भी नहीं रहा होगा। वह भी ऐसे मौके पर। दरअसल मामला विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की रिहाई से जुड़ा है, जो फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि असांजे को रिहा कराने के लिए समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए। असांजे पिछले चार वर्षों से ब्रिटेन की बेलमार्श जेल में बंद हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि एक पत्रकार, जिसने एक देश के खिलाफ दूसरे देश की धोखेबाजी को उजागर किया और उसकी सरेआम निंदा की, उसे गिरफ्तार किया जाता है, जेल में मरने के लिए छोड़ दिया जाता है और हम उसे छुड़ाने के लिए कुछ नहीं करते हैं।’’ लूला ने कहा, ‘‘हम अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं। यह शख्स इसलिए जेल में है, क्योंकि इसने गलत काम की आलोचना की और प्रेस इस पत्रकार को बचाने के लिए कुछ नहीं कर रहा है। यह बात मेरी समझ से परे है।’’ लूला ने यह टिप्पणी असांजे के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में की। उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से इस बारे में बात करना भूल गए और ब्राजील लौटने के बाद इस संबंध में सुनक को एक पत्र लिखेंगे।
असांजे का प्रत्यर्पण मांग रहा अमेरिका
गौरतलब है कि असांजे खुद को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के प्रयासों के खिलाफ लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। लूला का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब उन्होंने भूराजनीतिक मामलों में अमेरिका के उलट बयान देने में कोई कोताही नहीं बरती है। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया भी अमेरिका पर असांजे के खिलाफ अभियोजन को समाप्त करने के लिए लगातार राजनयिक दबाव बना रहा है। असांजे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं। गौरतलब है कि अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने की सूरत में असांजे को जासूसी से जुड़े 17 आरोपों और कंप्यूटर के दुरुपयोग से जुड़े एक आरोप का सामना करना पड़ सकता है। ये सारे आरोप ईराक और अफगानिस्तान के युद्ध से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक किए जाने के मामले से संबंधित हैं।
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लाहौर: पाकिस्तान में सैन्य प्रतिष्ठानों पर आगजनी के सिलसिले में गिरफ्तार अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की महिला समर्थकों को उनके ”अक्षम्य अपराध” के लिए 10 साल की जेल होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्ला तरार ने शनिवार शाम यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन हमलों के सरगना का पता लगाने के लिए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, “सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल महिलाओं समेत सभी लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।”तरार ने कहा, “नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाली महिलाओं को 10 साल की सजा मिलेगी क्योंकि उनका अपराध माफी के काबिल नहीं है।” उल्लेखनीय है कि नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर अर्धसैनिक बलों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान में व्यापक हिंसा भड़क उठी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इमरान के खिलाफ सैन्य अदालत में चलेगा मुकदमा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि नौ मई को हुई हिंसक घटनाओं में कथित संलिप्तता को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर में आसिफ के हवाले से कहा गया है कि नौ मई की हिंसा में इमरान खान की संलिप्तता के साक्ष्य यदि आने वाले दिनों में सामने आते हैं, तो उन्हें सैन्य अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि नौ मई के हमले के संबंध में अब तक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से…इमरान खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाये जा सकने की संभावना है। उन्होंने अपदस्थ प्रधानमंत्री पर शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाये जा सकने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह कहा।
उनकी यह टिप्पणी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री नौ मई की घटनाओं के सूत्रधार रहे थे।
यूक्रेनी लड़ाकों ने रूस में घुसने की कोशिश की है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसने आर्टिलरी फायर कर यूक्रेनी विध्वंसक समूह को रूस में घुसने से रोका है। इसे व्लादिमीर पुतिन के लिए चिंता बढ़ाने वाली घटना माना जा रहा है। अभी तक रूस, यूक्रेनी ड्रोन हमलों से ही परेशान था।