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मनसे कार्यकर्ताओं ने टोल नाके पर की तोड़फोड़, अमित ठाकरे की गाड़ी रोकने से थे नाराज

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अमित ठाकरे

महाराष्ट्र के सिन्नर में समृद्धि महामार्ग पर बने टोल नाके पर मनसे कार्यकर्ताओं ने जमकर तोड़फोड़ की है। दरअसल राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे जब सिन्नर दौरे पर जा रहे थे। इस दौरान टोल नाके पर उनकी गाड़ी का टोल मांगा गया था। इससे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता नाराज थे। इस कारण मनसे कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। बता दें कि अमित ठाकरे 3 दिनों के लिए महाराष्ट्र दौरे पर निकले हुए हैं। इसी कड़ी में वो कल नासिक के सिन्नर पहुंचे थे। बता दें कि मनसे कार्यकर्ताओं ने जब तोड़फोड़ की तो इस दौरान एक कर्मचारी बूथ के अंदर ही मौजूद था। यह घटना 22 जुलाई की रात की है। तोड़फोड़ करने के दौरान मनसे कार्यकर्ता लगातार मनसे की जयकार के नारे लगा रहे थे।

मनसे कार्यकर्ताओं ने की नाके पर तोड़फोड़

पुलिस ने इस मामले पर कहा कि पूरी घटना समृद्धि हाईवे के नासिक सिन्नर हाइवे के बीच बने टोल प्लाजा का है। यहां पर अमित ठाकरे के काफिले को करीब आधे घंटे तक रोका गया था। इससे मनसे कार्यकर्ता भड़क उठे और उन्होंने टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ कर दी। तोड़फोड़ के दौरान वहां काम कर रहे कर्मचारी भाग निकले। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। बता दें कि महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन से 27 लोगों की मौत हो गई है। इस मामले पर अमित ठाकरे ने बयान जारी करते हुए कहा कि अगर ये सभी विधायक तोड़ने में नहीं लगे होते तो ये हादसा टल जाता। इरशालवाड़ी गांव के 75 नागरिक सुरक्षित हैं, लेकिन अब उनके पास क्या है। अमित ठाकरे ने कहा कि आपको सरकार से पूछना चाहिए कि क्या सरकार किसी आपदा का इंतजार कर रही है। समय रहने इसपर ध्यान दिया गया होता ते दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं होती। 

रायगढ़ में भूस्खलन

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हस्ताक्षर आक्रोश अभियान चलाया है। हर कोई समझता है कि मतदाता कितने हताश और क्रोधित हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन स्थल पर खोज एवं बचाव का काम तीसरे दिन भी जारी है। शनिवार देर शाम खराब मौसम के चलते बचाव कार्य रोक दिया गया था। अब बचाव का काम रविवार सुबह से शुरू हो चुकी है। मलबे से अबतक 27 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 78 लोग अभी-भी लापता बताए जा रहे हैं। रायगढ जिला प्रशासन ने अधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी है। 

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नूंह हिंसा: कांग्रेस विधायक मम्मन खान को 2 मामलों में राहत, फिर भी जेल में ही रहेंगे, क्यों?

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नूंह सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में कांग्रेस विधायक मम्मन खान को बड़ी राहत मिली है। नूंह की अदालत ने दो मामलों में कांग्रेस विधायक मम्मन खान को जमानत दे दी है। फिर भी वह जेल में ही रहेंगे, क्यों?



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माफियाओं के अवैध कब्जे छुड़ाने के लिए प्रयागराज में चलेगा ‘ऑपरेशन जिराफ’

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प्रयागराज पुलिस चला रही बड़ा ऑपरेशन

माफियाओं के कब्जे से ज़मीनों पर अवैध कब्जे को छुड़वाने के लिए प्रयागराज पुलिस ऑपरेशन जिराफ शुरू कर चुकी है। पुलिस आयुक्त ने इसके लिए IPS की टीमों का गठन किया है माफियाओं के अवैध कब्जे का पता लगा कर उसको कब्ज़ा मुक्त कराएंगी, इसके अलावा उन शूटरों और गैंगस्टर का पता लगाएंगी जो माफियाओं के इशारों पर किसी भी वारदात को अंजाम देते हैं। ऑपरेशन जिराफ की 3 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें एक टीम गंगा नगर में काम करेगी, दूसरी टीम यमुना नगर में जबकि तीसरी टीम शहर में काम करेगी। ऑपरेशन जिराफ की टीम का नेतृत्व तीनों ज़ोन के डीसीपी कर रहे हैं।

ऑपरेशन जिराफ क्यों दिया नाम?

पुलिस ने माफियाओं से अवैध कब्जा छुड़वाने और गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जिराफ़ नाम क्यों दिया इसके पीछे की वजह भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, 1 नॉर्मल जिराफ की ऊंचाई अधिकतम 18 फीट की होती है। ऊंची गर्दन होने की वजह से जिराफ अपने आस पास की चीज़ों को आसानी से देख सकता है। एक जिराफ की गर्दन की लंबाई औसतन 6 फीट होती है जिससे वो दूर तक ऊंचाई का फायदा उठाकर देख सकता है। प्रयागराज पुलिस भी जिराफ के लम्बी गर्दन की तरह माफियाओं और गैंगस्टरों पर नज़र रखेगी और साक्ष्य मिलने पर उनको दबोच लेगी। 

माफिया अतीक की कई बेनामी प्रॉपर्टी चिन्हित
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ऑपरेशन जिराफ पूरी तरह से शुरू हो चुका है और इसी ऑपरेशन के तहत माफिया अतीक की कई बेनामी प्रॉपर्टी भी चिन्हित की गई है। जिसमें सबसे खास रेलवे स्टेशन के पास करोड़ो का बंगाल होटल है, जिसमें दो हिस्सा अतीक के कब्जे में है जबकि दो किसी अन्य के हिस्से में है। उसी के बगल में मिनहाज़पुर में अतीक की पत्नी शाईस्ता परवीन के नाम पर 200 गज का प्लॉट भी है, जिसे कुर्क करने की तैयारियां चल रही हैं। इन प्रॉपर्टीज को चिन्हित भी ऑपरेशन जिराफ की टीम द्वारा किया गया है। अतीक की इन संम्पत्तियों का पता भी शहर में जिराफ टीम का नेतृत्व कर रहे आईपीएस दीपक भूकर ने लगाया है। इस प्रॉपर्टी पर अतीक अपना बंगला बनवाना चाहता था।

अतीक के IS 227 गैंग की बढ़ी मुश्किलें
ऑपरेशन जिराफ के शुरू होने से अतीक के IS 227 गैंग के सदस्यों को सबसे ज़्यादा परेशानी होने वाली है। अतीक की अब तक 1200 करोड़ की प्रॉपर्टीज को कुर्क किया जा चुका है, जबकि 500 करोड़ की प्रॉपर्टी अतीक के गुर्गो की जप्त की गई है। ऑपरेशन जिराफ के तहत IS 227 गैंग के सदस्यों की प्रॉपर्टीज की पुलिस टीम स्कूटनी भी करेगी ताकि अतीक या उसके करीबी बिल्डरों ने जो गरीबों के नाम पर ज़मीन खरीदी है, उसका पता किया जा सके। 

चाय और पान बेचने वालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति
दरअसल, ऑपरेशन जिराफ की टीम को अपने सोर्स से ये पता चला है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ सहित तमाम गुर्गो ने चाय और पान बेचने वालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी। ऑपरेशन जिराफ की टीम प्रयागराज के धूमन गंज, पुरामुफ्ती के हटवा, कौशाम्बी के चायल, एयरपोर्ट रोड के आस पास खरीदी गई ऐसी संम्पत्तियों का पता लगाने में जुटी है। ऑपरेशन जिराफ के तहत पुलिस टीम ऐसे लोगों पर भी शिकंजा कसेगी जो पहले तो माफिया अतीक और अशरफ के साथ मिल कर ज़मीनों का धंधा करते थे, लेकिन सूबे में योगी सरकार के आने के बाद वही लोग अतीक और अशरफ पर मुकदमा दर्ज कराकर अतीक के विरोधी होने का तमगा लगाए घूम रहे हैं। 

अतीक गैंग के पूर्व सदस्य भी रैडार पर
ऑपरेशन जिराफ की टीमों ने ये पता लगा लिया है कि ऐसे लोग पहले की तरह ज़मीनों का काम कर रहे हैं और गरीब किसानों सेप अने मुताबिक रकम लेकर उसकी जमीन अपने नाम करा रहे हैं। पुलिस ने अतीक गैंग से अलग हुए सदस्यों की भी सूची बना ली है। अब जल्द ही ऑपरेशन जिराफ की टीम इन लोगों पर कार्यवाही करेगी।

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लौट आया लुसिफर, पहली झलक में ही जीत ले गया दिल, 63 की उम्र में दुश्मनों को हवा में घुमा रहा एक्टर

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L2E Empuraan First Glimpse in Hindi: लुसिफर 2 की पहली झलक हुई रिलीज

नई दिल्ली:

मलयालम सिनेमा, जिसे अक्सर बौद्धिक रूप से समृद्ध कहानियों का केंद्र माना जाता है, ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार शानदार फिल्में बनाई हैं जो अपने में गहराई और मैच्योरिटी समेटे हुए हैं. इस सफलता का एक मुख्य कारण प्रतिभाशाली एक्टर रहे हैं जिन्होंने अपने भरोसेमंद और यथार्थवादी एक्टिंग से मलयालम फिल्मों को विश्व स्तर पर ऊंचा उठाया है. मोहनलाल, जिन्हें प्यार से ‘कम्प्लीट एक्टर’ के नाम से जाना जाता है, मलयालम सिनेमा के बहुमुखी अभिनेताओं में से एक हैं. इंडस्ट्री में चार दशकों से अधिक और 350 से ज्यादा फिल्मों के साथ वह मलयालम सिनेमा सुपरस्टार हैं. उनकी अभिनय क्षमता और बॉक्स ऑफिस पर उनकी अटूट पकड़ उन्हें आज भी मलयालम सिनेमा के सबसे महंगे एक्टर में से एक बनाती है. फिल्म की इस पहली झलक में विवेक ओबेरॉय और मंजू वारियर भी नजर आ रहे हैं. इस तरह इस पहली झलक में मोहनलाल के एक्शन को देखा जा सकता है. 

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एक्टर से डायरेक्टर बने पृथ्वीराज सुकुमारन 2019 की सुपरहिट फिल्म लुसिफर के पार्ट के साथ बतौर डायरेक्टर वापसी करने को तैयार हैं. ‘लुसिफर (L2E: Empuraan)’ शीर्षक से मोहनलाल और पृथ्वीराज एक बार फिर साथ आने वाले हैं. इस फिल्म को आशीर्वाद सिनेमाज के एंटनी पेरम्बवूर और लाइका प्रोडक्शंस के जीकेएम तमिल कुमारन मिलकर बना रहे हैं. लाइका प्रोडक्शंस के चेयरमैन सुबास्करन केरल जिसे गॉड्स ओन कंट्री भी कहा जाता है के दर्शकों के लिए फिल्म बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि यह एक शुरुआत होगी और मलयालम दर्शकों के लिए मजबूत कहानियां पेश की जाएंगी. 



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